Unkahi mohabbat - 2 in Hindi Love Stories by vikram kori books and stories PDF | अनकही मोहब्बत - 2

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अनकही मोहब्बत - 2

‎Part 2 — 
‎अगली सुबह सूरज अपनी रोशनी लेकर फिर आसमान में उभर आया था, पर आज ना हवा में वो ताजगी थी और ना ही रोहन के चेहरे पर वो चमक। वो अपने मन में एक खालीपन लिए बाइक पर बैठा, जैसे उसके दिन का सबसे खूबसूरत हिस्सा उससे छिन गया हो।
‎आज वह रास्ते में उस घर के पास पहुँचा तो उसने ऊपर देखने की हिम्मत नहीं की। वो डर रहा था—
‎"क्या पता आज भी वह ना दिखाई दे?"
‎पर दिल तो दिल होता है…
‎चाहे जितना समझाओ, उम्मीद में फिर भी जान बाकी रहती है।
‎एक पल उसने नज़र उठाई—
‎और…
‎इस बार सिमी वहाँ थी।
‎छत पर खड़ी।
‎धीमी मुस्कान के साथ। ❤️
‎रोहन का दिल जैसे फिर से धड़कने लगा— तेज़… बहुत तेज़।
‎उसने मुस्कुराने की कोशिश की, पर नज़रें फिर झुक गईं।
‎लेकिन आज सिमी के चेहरे पर भी एक अलग ही चमक थी…
‎जैसे वो कह रही हो—
‎"हाँ… मैंने तुम्हें नोटिस किया है।"
‎रोहन आगे बढ़ गया, पर आज उसकी मुस्कान असली थी। 😊
‎उधर सिमी घर के अंदर आते ही अपने दिल की धड़कन पकड़कर रुक गई।
‎उसकी सबसे करीबी दोस्त मुस्कान आज उसके घर आई थी।
‎जैसे ही सिमी ने सब बताया— मुस्कान जोर से हँस पड़ी।
‎“ओहो! मैडम को प्यार हो गया है!” 😄
‎सिमी ने शर्माते हुए कहा—
‎“प्यार?? नहीं… बस अच्छा लगता है…”
‎मुस्कान ने आंखें तिरछी करके  पूछा—
‎“और उसे देखकर मन में तितलियाँ उड़ती हैं?” 🦋
‎सिमी चुप।
‎गाल लाल।
‎दिल की धड़कन तेज़।
‎मुस्कान ने हंसते हुए कहा—
‎“बस, यही तो प्यार होता है।”
‎अब मुस्कान के दिमाग में नया प्लान था—
‎उसे ढूंढो। संपर्क करो। बात करो।
‎सिमी ने थोड़ा टेंशन में होकर पूछा—
‎“लेकिन कैसे? वो कौन है? कहाँ काम करता है? कुछ भी नहीं पता।”
‎मुस्कान ने मोबाइल उठाकर बोला—
‎“आजकल किसी को ढूंढना मुश्किल कहाँ है? इंस्टाग्राम है, फेसबुक है… और तुम भूल रही हो— मैं मुस्कान हूँ!” 😎✨
‎दोनों शुरू हो गईं उसके बारे में खोज में।
‎नाम तो नहीं पता… पर एक सुराग था—
‎उसकी बाइक नंबर।
‎और एक हफ़्ते की लगातार कोशिशों के बाद…
‎एक शाम मुस्कान ने अचानक जोर से आवाज़ लगाई—
‎“सिम्मीईईई!!! मिल गया!!” 😱💥
‎सिमी भागकर आई—
‎और स्क्रीन पर वही चेहरा था।
‎वही मासूम मुस्कान… वही आँखें…
‎उसकी धड़कनें जैसे रुक गईं।
‎उंगलियाँ कांप रही थीं।
‎"मैसेज करूँ?"
‎दिल बोला — हाँ।
‎दिमाग बोला — रुक।
‎पर मानो जैसे उसकी उँगलियों ने फैसला कर लिया।
‎डरते हुए उसने लिखा:
‎💬 "Hi… क्या हम बात कर सकते हैं?"
‎मैसेज भेजते ही मानो जैसे सिमी का दिल पेट में गिर गया हो ।
‎फोन उसने दूर रख दिया जैसे वो कोई बम हो।
‎मुस्कान हँसते हुए बोली—
‎“अब बस इंतज़ार कर।”
‎दूसरी तरफ…
‎रोहन कमरे में बैठा था।
‎फोन बजा।
‎नोटिफिकेशन आया।
‎जिस नाम की उम्मीद महीनों से थी…
‎आज उसी नाम का मेसेज आया था—
‎उसका दिल जैसे रुका… फिर और भी तेज़ धड़कने लगा।
‎हाथ काँप रहे थे।
‎उसने तुरंत जवाब दिया —
‎💬 "Hi 😊"
‎सिमी की आँखें चमक उठीं।
‎उसके गालों पर मुस्कान खुद-ब-खुद खिल गई।
‎फिर दोनों की बातें शुरू हुईं—
‎छोटी-छोटी बातें…
‎शर्मीली हंसी…
‎दिल से निकले शब्द…
‎और धीरे-धीरे…
‎मैसेजों ने दोस्ती में बदलना शुरू कर दिया। 💗📱
‎एक शाम रोहन ने लिखा:
‎💬 "क्या हम मिल सकते हैं?"
‎सिमी का दिल एक पल को रुक गया।
‎उसने धीरे से जवाब दिया—
‎💬 "हाँ… पर मेरी एक शर्त है।"
‎रोहन —
‎💬 "क्या?"
‎सिमी —
‎💬 "पहली मुलाक़ात में मुझे पिंक  गुलाब चाहिए।" 🌸
‎रोहन की धड़कनें फिर तेज़—
‎💬 "पक्का।"
‎📍 मिलने का दिन तय हुआ।
‎रोहन समय से पहले ही पहुँच गया…
‎हाथ में पिंक  गुलाब…
‎दिल में हजारों धड़कनें।
‎कुछ देर बाद…
‎हल्की हवा चली…
‎और, वह आ रही थी—
‎सफ़ेद दुपट्टा उड़ता हुआ…
‎चेहरे पर मुस्कान…
‎आँखों में चमक।
‎रोहन उसे देखते ही पूरी दुनिया भूल गया।
‎उसने फूल बढ़ाया और धीमी आवाज़ में कहा—
‎"For you…"
‎सिमी ने फूल लिया और मुस्कुराकर पूछा—
‎“अब बताओ… क्यों देखते थे मुझे रोज़?”
‎रोहन ने हिचकते हुए कहा—
‎“क्योंकि… शायद… मैं तुम्हें पसंद करने लगा था।”
‎सिमी मुस्कुराई और जवाब दिया—
‎“शायद? या सच में?”
‎रोहन चुप था।
‎आँखों ने जवाब दे दिया था।
‎उस मुलाक़ात के साथ उनकी कहानी की शुरुआत हो चुकी थी…
‎अब दोस्ती थी… और उसके पीछे छुपा हुआ प्यार।
‎लेकिन किस्मत की कहानी हमेशा सीधी नहीं होती…


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‎🔥 To Be Continued…
‎👉 Part 3 में जानिए— क्या उनका रिश्ता और गहरा होगा या कोई तूफ़ान आने वाला है?
‎✨ अगला पार्ट पढ़ने के लिए हमें फ़ॉलो करें… कहानी अभी और खूबसूरत होने वाली है। ❤️

   Writer: - ....................
                                    ................Vikram kori.