The Devil 11 दिसंबर 2025 को रिलीज़ हुई एक कन्नड़-भाषा की पॉलिटिकल एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसे प्रकाश वीर (Prakash Veer) ने डायरेक्ट किया है और दर्शन् तूगुदीपा (Darshan Thoogudeepa) मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म लगभग 169 मिनट (लगभग 2 घंटे 49 मिनट) की लंबाई की है और इसमें दर्शक को राजनीति, सत्ता, पहचान, शक्ति संघर्ष और व्यक्तिगत भावनाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।
📌 कहानी का मूल ढांचा (Plot Synopsis)
फिल्म की कहानी दो मुख्य पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है, दोनों को दर्शन् ने निभाया है:
1. धनुष (Dhanush) – एक सियासी उत्तराधिकारी, भ्रष्ट, हिंसक और अत्यंत आत्म-केन्द्रित व्यक्ति।
2. कृष्णा (Krishna) – एक सरल, सपने देखने वाला, छोटे व्यवसाय (मेस/छोटी दुकान) का मालिक और अभिनेता बनने का इच्छुक व्यक्ति।
ये दोनों एक दूसरे से बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं — यह फिल्म का मुख्य ट्विस्ट है जो पूरे कथानक को आगे बढ़ाता है।
कहानी की शुरुआत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री राजशेखर (Rajashekar) से होती है, जो भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल चला जाता है। राजशेखर को सत्ता वापस पाने के लिए उसकी पार्टी और सलाहकार आनंत नांबियार (Anant Nambiar) प्रयास करते हैं। वे धनुष को भारत वापस बुलाकर सत्ता का नियंत्रण सौंपना चाहते हैं, लेकिन धनुष, जो कि ज्ञात रूप से अप्रतिबद्ध और असंयमित है, इस प्रस्ताव को ठुकरा देता है और नांबियार को कठिनाई में छोड़ देता है।
इस बीच, कृष्णा की ज़िन्दगी बिल्कुल अलग पथ पर है। वह एक छोटे व्यवसाय में काम करता है और अपनी जीवन-संगिनी रुक्मिणी (Rukmini / Rukku) से प्यार करता है, लेकिन जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करने का अवसर उसे नहीं मिला है।
एजेंट नांबियार की नजर कृष्णा पर पड़ती है क्योंकि वह धनुष से भली-भांति मिलता-जुलता दिखता है। नांबियार कृष्णा को यह प्रस्ताव देता है कि वह धनुष की जगह राजनीति में प्रवेश करे और जनता का दिल जीते — यानी उसे धनुष का रूप धरने को प्रेरित करता है। शुरुआती तौर पर यह प्रस्ताव कृष्णा को सिर्फ़ एक “अभिनय का मौका” जैसा लगता है।
जब कृष्णा अपनी नई पहचान में जनता का दिल जीतने लगता है, तभी असली धनुष अचानक भारत वापस लौटता है और उसके लौटते ही कहानी में भारी टर्न आने लगता है। धनुष और कृष्णा के बीच पहचान का अंतर, सत्ता का संघर्ष, प्रेम-त्रिकोण और सत्ता के दांव-पेंच पूरी फिल्म को एक थ्रिलर की तरह आगे बढ़ाते हैं।
🎭 पात्र और उनकी भूमिका
🔹 धनुष (Dhanush)
धनुष राज्य के पूर्व सीएम का पुत्र है। वह सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है — वह हिंसक, संकीर्ण सोच वाला और घमंडी है। उसके अंदर सत्ता के लिए कोई नैतिक प्रतिबद्धता नहीं है, और वह राजनीति को सिर्फ़ निजी स्वार्थ के लिए उपयोग करता है।
🔹 कृष्णा (Krishna)
कृष्णा एक आम आदमी है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है और नियम-कानून के साथ जीना चाहता है। उसकी सीधी-सरल सोच हैं, लेकिन जब वह धनुष की भूमिका निभाता है, तो जनता के दिल में अपनी सच्चाई से जगह बना लेता है।
🔹 रुक्मिणी (Rukmini / Rukku)
रुक्मिणी कृष्णा की प्रेमिका है और फिल्म में उसका किरदार कथानक की भावनात्मक जड़ को मजबूत करता है। धनुष के लौटने के पश्चात् वह त्रिकोण में फँस जाती है, जिससे दोनों पात्रों के बीच तनाव और प्रतियोगिता बढ़ती है।
🔹 आनंद नांबियार (Anant Nambiar)
राजनीतिक रणनीतिकार जो न केवल धनुष बल्कि कृष्णा की भी राजनीतिज्ञ के रूप में पहचान बनाने का प्रयास करता है। उसकी चालें पूरी राजनीतिक पृष्ठभूमि और सत्ता की राजनीति को उजागर करती हैं।
📌 कहानी के मुख्य मोड़ (Plot Developments)
👉 धनुष का भारत न लौटना और उसकी असहयोगी प्रकृति
धनुष भारत लौटने के लिए मना कर देता है, जो फिल्म का पहला बड़ा मोड़ है।
👉 कृष्णा के राजनीति में उतरने का प्रस्ताव
नांबियार उसे राजनीति में शामिल होने का प्रस्ताव देता है। कृष्णा इसे अपने लिए एक बड़ा मौका समझता है।
👉 जनता का दिल जीतना
कृष्णा जनता के बीच प्रसिद्धि हासिल करता है और लोगों का विश्वास जीतता है।
👉 असली धनुष का अचानक आगमन
धनुष अचानक लौटता है और कहानी का मुख्य संघर्ष शुरू होता है।
👉 प्रेम-त्रिकोण और पहचान का अंतर
रुक्मिणी के साथ नाटकीय घटनाएँ और गलत पहचान से पैदा तनाव फिल्म के भावनात्मक हिस्से को उभारते हैं।
👉 सत्ता और शक्ति का संघर्ष
धनुष और कृष्णा दोनों के बीच सत्ता को लेकर प्रतिस्पर्धा कहानी का मुख्य केंद्रबिंदु बन जाती है। अंत तक यह प्रश्न उठता है कि कौन-सा व्यक्ति सत्ता का हकदार है — धनुष या कृष्णा?
🎬 फिल्म के विषय (Themes & Motifs)
⚖️ सत्ता और नैतिकता (Power & Morality)
फिल्म का बड़ा विषय यह है कि सत्ता के लिए नैतिकता को कितना कुर्बान किया जाना चाहिए। धनुष और कृष्णा दोनों ही सत्ता के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, जिससे नैतिक और भावनात्मक द्वंद्व पैदा होता है।
🪞 पहचाने की कड़ी (Identity & Duality)
एक जैसा दिखने वाला व्यक्ति लेकिन अलग सोच — यह फिल्म की सबसे प्रभावी थीम है। दर्शक सोचते हैं कि अगर कोई आम व्यक्ति सत्ता में आता है तो क्या बदलाव संभव है?
❤️ प्रेम और राजनीति (Love & Politics)
रुक्मिणी के पात्र के माध्यम से प्रेम और राजनीति के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। यह भी एक महत्वपूर्ण भावनात्मक तत्व है।
🎥 निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी और तकनीकी पक्ष
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी कई हिस्सों में प्रभावशाली दिखती है, खासकर राजनीतिक सभा और भीड़-भाड़ वाले सीन में, लेकिन कई समीक्षकों ने किसी हिस्से की तकनीकी खामियों जैसे CGI, सेट डिज़ाइन और ग्राफिक्स के मामले में कमजोरियाँ बताई हैं।
🎶 संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
म्यूज़िक को कुछ समीक्षाओं में अनुकूल माना गया है, लेकिन कुछ ने इसे फिल्म में प्राकृतिक नहीं, जबरदस्ती डाला हुआ बताया। विशेष रूप से बैकग्राउंड स्कोर के विषय में मिश्रित प्रतिक्रिया रही है।
📊 आलोचना और समीक्षाएँ (Critical Reception)
फिल्म को मिले प्रतिक्रियाओं में मिश्रित से लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया तक की विविधता देखने को मिली है:
🔻 कमजोर कहानी और पुरानी शैली
कई समीक्षाओं में कहा गया कि कहानी पुरानी, पूर्वानुभवी और बिना नई सोच वाली है। इसे औसत-से-कमतर के रूप में भी वर्णित किया गया है।
🔻 पटकथा और धीमा Screenplay
दर्शकों और समीक्षकों ने फिल्म को धीमी गति वाली, खराब पटकथा वाली बताया, जिसमें संवाद कहीं-कहीं अप्रासंगिक लगते हैं।
🟡 अभिनय पर मिश्रित समीक्षा
दर्शन् के दोनों किरदारों को अलग-अलग रूप में किया गया है, जिसे कुछ दर्शकों ने सराहा और कुछ ने औसत कहा।
🟢 दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ (Audience Reactions)
दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ बेहद अलग-अलग हैं — कुछ ने इसे मज़ेदार और मनोरंजक बताया, जबकि अनेक लोगों ने इसे निराशाजनक, कमजोर या औसत बताया।
📣 दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ (Audience Response)
🌟 सकारात्मक रिएक्शन
कुछ दर्शकों ने पहले दिन के शोज़ में फिल्म की शुरुआत को उत्साहजनक बताया, विशेषकर कुछ कॉमिक दृश्यों और संवादों के कारण।
😐 मिश्रित प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर फिल्म के बारे में मिक्स्ड राय देखने को मिली — कुछ ने इसे देखने योग्य, कुछ ने इसे सिर्फ़ औसत बताया।
👎 नकारात्मक प्रतिक्रिया
कई दर्शकों ने फिल्म को कमजोर कथा, पुराना कंटेंट और अप्रभावी निर्देशन कहकर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
📊 बॉक्स ऑफिस रिएक्शन
शुरुआती ओपनिंग अच्छी रही, लेकिन दूसरे दिन कलेक्शन में गिरावट देखी गई, जो दर्शकों की मिश्रित प्रतिक्रिया का संकेत है।
🎯 निष्कर्ष (Conclusion)
The Devil एक बड़ा स्टार-स्टडेड प्रोजेक्ट है जिसमें दर्शक को दोहरी भूमिका, राजनीतिक संघर्ष, पहचान का ट्विस्ट, प्रेम-त्रिकोण और सत्ता-संबंधी मुद्दे देखने को मिलते हैं। इसके बावजूद, कई समीक्षकों ने इसे औसत-से-कमतर बताया, खासकर पटकथा, कहानी और तकनीकी पूर्ति की वजह से। फिल्म ने दर्शकों के दिल में मिश्रित प्रभाव छोड़ा है — कुछ इसे लोकप्रिय सितारे के लिए देखते हैं, तो कुछ इसे कमजोर कथा के कारण निराशाजनक मानते हैं।