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लवलेटर - Letter to your Valentine

प्रिय निर्मला

राजेश मेहरा

प्रिय निर्मलाये प्रेम पत्र नही मेरी जीवन सारणी है।तुम्हारी शक्ल है इसमें जो तारिणी है।।तुम मेरी जान नही डार्लिंग नही मेरी शक्ति हो।तुम गुलाब की ताजा शबनम की बूंदे ली हुई पत्ती हो।।मेरे पूरे होते सपनो की रानी तुम हो।मेरी बेटी के बच्चों की नानी हो तुम।।तुम मेरी हर प्रार्थना की लाइन हो।में हर गीत तुम्हारे साथ गाऊंगा उसकी लाइन हो।।तुम मेरा होने वाला एक छोटा सुंदर परिवार हो।उस परिवार को समेटने वाली एक चार दीवार हो।दुनिया के बुरे आंधी तूफान को तुम ही संभालोगी।में तुम्हे निहारूंगा, क्योंकि मेरी दुनिया तुम बनोगी।।गमों को भुलाने वाली वाइन हो।तुम किसी की नही हो सकती केवल माइन हो।।में बीमार होऊं ओर तुम संभालो वो नर्स हो।मेरे पैसो को संभालो ऐसी पर्स हो।।में रूठूँ तुम मनाओ ऐसी साथी हो।में दिया और तुम उसकी बाती हो।।जीवन मे कोई भी गम आये में साथ दूंगा।तुम्हारे सारे दुःख मेरे में इतना प्यार दूंगा।।तुम मेरे परिवार को अपनाने वाली बनोगी।दो परिवार को जोड़ने वाली तुम कड़ी होगी।।तुम जिस दिन खाना बनाने की मना करोगी।उस दिन खाना बनाने की बारी मेरी होगी।।हम मिलजुल अपनी फैमिली चलाएंगे।अपने बच्चों को मिलकर कामयाब बनाएंगे।।रूठोगी जिस दिन तुम में तुम्हे मनाऊंगा।उदास न हो तुम ऐसा माहौल बनाऊंगा।।पहले जैसे नही होगा अब करवाचौथ में मनाऊँगा।सबसे पहले निवाला खाओगी तुम फिर में खाऊँगा।।तुन करोगी घर का काम तो में भी साथ दूंगा।सारे दुःख में तुम्हारे में अपने ऊपर ले लूंगा।।आएगा जब सर्दी का मौसम तुम्हे आलिंगन में लूंगा।कड़क सर्दी में तुम्हे अपने आलिंगन की गर्मी दूंगा।।जब पढ़ोगी बीमार तो प्यार की दवाई दूंगा।में फिर में तुम्हे बिस्तर से उठने नही दूंगा।।आएगी होली तो हम साथ मस्ती में रंगों से खेलेंगे।करेंगे एक दूसरे की रेस्पेक्ट हम ऐसा प्रण पहले लेंगे।।समाज की बुराईयां हमे लड़वाएँगी, हम अलग न होंगे।पहले करेंगे हम एक दूसरे से बात फिर निर्णय लेंगे।।जब तुम रूठोगी तो में ठंडा ही खाना खा लूंगा।कोई बात नही में तुम्हारे लिये ठंडी ही चाय पी लूंगा।।हमारे बच्चों को में स्कूल छोड़ने रोज जाया करूंगा।तुम उनको ले आना रिकशे में ऐसा इंतजाम करूंगा।।आएगी जब दीवाली हम प्यार से अपना घर सजायेंगे।लक्ष्मी होगी मेहरबान यदि साथ मे दीपक जलाएंगे।।आएगा अपने घर मेहमान मिलकर आवभगत करेंगे।अपनी प्यार की दुनिया मे प्यार से स्वागत करेंगे।।हर दिन हमारी जिंदगी एक त्यौहार होगी।हमारी जिंदगी खुशियों से गुलजार होगी।।में तुम्हे हमेशा अपनी पलको पर बिठाऊँगा।तुम्हे में अपने दिल के सिंहासन पर राज कराऊँगा।।हमारे बच्चों के नाम भी तुम ही रखोगी।कितने होंगे ये निर्णय भी तुम ही लोगी।।एक हक़ में तुमसे प्यार से मांगूंगा।लड़की का नाम तो मे ही रखूँगा।।हमारी बिटियां तुम्हारी परछाई होगी।पर उस शैतान में मेरी छाप होगी।।तुम्हारी ननद तुम्हे प्यार से भाभी कहेगी।वह बहन मेरी लेकिन चहेती तुम्हारी रहेगी।।मेरा छोटा भाई तुम्हारा भी छोटा भाई बनेगा।वह तुम्हारी रक्षा और देखभाल हमेशा करेगा।।मेरे माँ पापा तुम्हे अपनी प्यारी बहु कहेंगे।हम पूरा परिवार एक साथ मिलजुल कर रहेंगे।।वेलेंटाइन के त्योहार में मजनू बन जाऊंगा।लैला तुम बनोगी में तुम्हे हाथो से सजाऊंगा।।

में तब हर रोज चोकलेट डे मनाऊंगा I

जो तुम खाओगी ओ में लाऊंगा II

जब आएगा रोज डे , में रोज गुलाब दूंगा I

कांटे सारे में ले लूँगा II

हम हर साल छुट्टियां मनाने बाहर जाया करेंगे।निर्णय तुम्हारा होगा हम कहाँ एंजॉय करेंगे।।में सारी तनख्वाह तुम्हे दूंगा माँ पापा से पूछ कर।माँ ने पहले ही कह दिया अब यह है तुम्हारा घर।।में तुम्हे सजाने के लिये महंगे गहने लाकर दूंगा।में चाहे बिक जाऊँ, तुम्हे उदास नही होने दूंगा।में सारे नखरे तुम्हारे प्यार से उठाऊंगा।में इतना प्यार करूंगा तम्हे हर लम्हा बताऊंगा।।हम दो पहिये होंगे जीवन की एक गाड़ी के।मिलकर चलेगी जब बनेंगे राही एक ही रास्ते के।।में हमेशा तुमसे सच बोलूंगा, चाहे कुछ हो।में कुछ नही छुपाऊँगा, ये प्रण अभी ले लो।।दुःख, बीमारी का में हमेशा साथी रहूँगा।देखभाल करूंगा में हमेशा और ऐसा ही रहूँगा।।नही बदलूँगा में तुम्हे मरते वक्त तक प्यार करूंगा।तुम्हारी झोली हमेशा खुशियों से आबाद रखूँगा।।में अपनी जिंदगी में सब कुछ जो चाहोगी दूंगा।खून का एक एक कतरा तम्हारे नाम कर दूंगा।।में तुम्हारी पसन्द की फ़िल्म ही देखूंगा।अपने सारे सुख तुम पर न्योछावर कर दूंगा।।में कभी तुम पर शक़ नही करूंगा।तुम मेरी ही अंश हो ये समझूंगा।।में अपनी मन की बात सब लिख चुका।अब में तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा।कोई दबाव तुम पर नही मेने केवल साफ लिख दिया।अपना साफ़ दिल मेने इस कागज़ पर रख दिया।।तुम्हारी मर्जी के खिलाफ में नही कुछ करूंगा।दुनिया के सारे गम में तुम्हारे लिए सहूँगा।।में गरीब भी हो जाऊं तो तुम्हे रानी बनाकर रखूँगा।तुम्हे भरपेट खाना दूंगा चाहे में भूखा ही रह लूंगा।।अब निर्णय तुम पर ही छोड़ता हूँ आगे के लिए।याद रखना ऐसा पागल नही मिलेगा तुम्हारे लिए।।में चाहूंगा कि तुम मुझे अपना लो।मुझे ही अपना जीवन साथी चुन लो।।राजेश मेहरानई दिल्ली27-Feb-18