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वो लडकी

यह मेरे जीवन की वो घटना है जीस कभी भी नहीं भुले सकते तब मेरी उम्र 17 साल हो गई आप सोच रहे हो कि मैं बुढा हो गया नहीं मेरी अभी उम्र 25 साल हैं उम्र के चक्र में उस घटना को भुले गया घटना की तरफ लोटते हैं। मुझे बचपन से लिए जानने कि इच्छा रहती थी कि हमारा मस्तिष्क कैसे काम करते हैं इस कारण से मौनविक्षन की किताब पढने शुरू कर दिया 11वी कक्षा में हुए तो मैंने मौनविक्षन विषय लिए ओर मै मौनविक्षन क्षेत्र के लोगो से मिल लगा 12 वी के बाद मैं पढने के लिए जयपुर आऐ गया यह शहर मेरे लिए नये था वहा पर मैं होस्टल मे रहता था और आऐ दोस्तो के बाहरे मैं बताये नहीं राहुल मेरा रूममेट (roommate) भी था दोस्ते भी उस मूवी  देखने का बहुत शौक है उस मूवी का नाम बताने की देर हैं वो मूवी कि पुरी कहानी सुना दे गया मेरी दुसरी दोस्ते रूही वो सारा दिन नोवल पढती रहती हैं पढते पढते रोने लगा जाती हैं मुझे नहीं लगता दोनों normal हैं रुही जयपुर में रहती थीं वो नोवल पढने मे से समय निकले करें हमे शहर घुमती थी ओर हम उसके घर जाते आटी हमेशा कुछ नये बाने कर खलाती हैं घर पर आऐ तो उसे दिन अकल (uncle) भी घर पर थे उन्हें से पहली बार मीले थे अकल ने हमारे परिवार के बारे मे पुछा इस तरह हम अकल से 1 घंटे तक बात करतें रहे राहुल ने कहा कि हम होस्टल चलना चाहिए अकल ने हम रविवार को मीलने को कहा ओर हम रविवार को11 बजे तक रूही के घर आऐंगे हमनें चाय पी अकल ने कहा कि हम करम खेल रुही ने कहा कि मैंने नोवल पढनी ओर वो चली गई अकल ने धीरे से काने मे कहा यह पाढे गई कम ओर रोह गई याद मुझे हसी आऐ गई राहुल ने भी अपने पलडा झाडे लिए ओर मुवी देखने लेगा गया अकल ओर मैं करम खेलने के साथ बातें भी करें रहे थे मैंने अकल को बताया कि मैं अपने शहर मे मानसिक रोगी कि मदद किया करते था अकल ने मोबाइल उठाया और बोले एक मीनट बेटे चले गए मुझे लगा कि इस विषय बात नही करना चाहते इस लिए जब वो वापस आऐ तो बात नहीं कि ओर करम खेलने लेगा कुछ देर बाद अकल के दोस्ते आऐ जाते है अकल अपने दोस्त से मिलते हैं अकल कहते है कि तुम्हे से खास मिलने के लिए आऐ हैं मैं कुछ समझ नही अकल हस कर बोलते हैं मानसिक रोगी कि मदद करते हैं इनका N.G.O हैं हम अकल के दोस्ते से N.G.O के बाहर मे पुछते हैं वो अपने N.G.O के बाहरे बातें हैं ओर हमे भी काम करने को कहते तो हम भी काम करने को तैयार हो जाते है अगले दिन कोलज के बाद हम N.G.O मे जाते है अकल हमे स्टाफ से मीलते हैं सभी कि उम्र 30 से 50 साल कि हो गई अकल ने कहा तुम्हारी एक महीने ट्रेनिंग हो गई हम अगले दिन गये तो देखा कि मैं गलते था वह पर हमारी उम्र कि एक लडकी थी उस मैं देखते ही रहे गया उस कि आख नील थी ओर उस के बाले भी लम्बे थे एक आवाज आती हैं रोशनी उसकि तरह देखती हैं उसके चहरे सूर्या कि किरणे जाती हैं उसके नाम जैसे चहरे चमक जाते है जब वो जी बोलती हैं जीतनी सुदर हैं उतनी लिए आवज भी मीठी होती हैं हम उस मीलते ओर वो हमारी हर काम मदद करती एक महीने में हमारी अच्छी दोस्त बाने गई थी ट्रेनिंग भी खतम हो गई थी मैं रोशनी के साथ फील्ड वर्क पर जाने लागे था हम फील्ड वर्क मे बीमार लोगों से मिलते जो हम सडको पर घुमते हुए मीले जाते है ओर उन्होंने का इलाज करते मुझे समझ नहीं आते कि हम इतने कठोर कैसे हो जाते जब कोई मानसिक रुप से कमजोर हो जाता हैं तो कुछ लोग उन्होंने घर से दुर छोड़ आते कुछ लोग पागल खाने छोड़ जाते हैं उन्होंने कभी नही मीलते हैं ज्यादातर लोगों तात्रिक के चक्ररो मे फासे कर उन्होंने छोड़ दें तात्रिक उन्होंने बोलते हैं कि उन्हें पर भुते परतें का छाय हैं इस तरह उन्होंने लोग कि जिदगी खरबा हो जाती हैं मानसिक  रोगी जाऐ पर रहते है जगह नही छोडता इस लिए हम दुवाईया वह देते है जब वो हम पहचान लगता है तो हम N.G.O लेए आते है हम पाते चलता है कि रेलवे स्टेशन के पास एक लडकी को कुछ लडके उसे पागल पागल के कर पत्थर मारे रहे है हम वह पर आते हैं वो भागे जाते हैं उस लडकी के माथे पर चोट लगा जाती हमने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो भागे गई रोशनी ने कहा तुम्हे सब जाएी रूको वो खाने ले कर जाती कुछ दुरी पर रखा देती हैं वो लडकी खाना उठा कर खाने लेगा जाती हैं उसके माथे से खून नीकले रहा था हम सब वह पर 2 घंटे बैठे रहे फिर कहीं उसने पट्टी करवाई  हम चारो रात को भी उस खाना देने आऐ वो लडकी रोशनी ओर मुझे पहचाती थी रूही ओर राहुल उसके पास गये तो वो डर गई और रोने लगी रोशनी ने हाथ पकड़ा और कहा यह तुम्हे नही मारे गया हम अब चारों रोज मिलने जाऐ करते थे वो लडकी हम से बात भी करने लगी थी हम उसे मीलते को एक मीहने हो गया था सुबह मीले गया तो वह पर नही थी  हम कभी दिन तक ढूँढ़ते रहे ओर हम 5 मीहने बाद पाते चल कि वो लडकी प्रेग्नेंट हैं हम वह गये वो लडकी एक कोने में बैठी थी डॉक्टर ने चेक किया पाते चल कि इसके साथ रेप हुआ है काफी बारे हम चार वहीं पर थे सुनने कर हमारी आखो मे आसु आऐ गया अब हम याद देखा भाले करने लागे उस भी पाते था कि हो मां बाने वाली हैं वो लडकी ठीक होने लगी थी पर हमारे साथ N.G.O मे जाने को तैयार नहीं थी इसलिए हम उसे वहीं मीलने जाते थे।
जब बच्चे का जन्म हुआ तो N.G.O पुरा वाली था रेलवे स्टेशन के लोगों भी आऐ गया थे उस भीड़ में से किसी ने बच्चे को उठा लिया एक आदमी को पता चला कि बच्चे घुमा गया हम बच्चे को ढुढने लेगा गये पर हम बच्चे नहीं मिल  वो लडकी जोर जोर से रोने लगी ओर चलाने गई मेरे बच्चे कहा है कुछ दिन बाद वो लडकी किसी के बच्चे को उठा लेती ओर अपने पेट को नखुनो से चीरने कि कोशिश करती मेरे बच्चे कहा है बोलती रहती एक दिन उसकी लाशे मीली उसनें किसी चीज से अपना पेट चीर लीए था।
पागल उन्होंने के बाद भी उसमे ममता का एहसास था। उस पाते था कि मैं भी मां हुँ।
पागल होने का मतलब यह नही कि उनके जीने का हक भी सीने लो