Navya ka Pyar in Hindi Short Stories by Kirti chavda books and stories PDF | नव्या का प्यार

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नव्या का प्यार

   ठंडी हवा का जौंका नव्या के बालो को छु रहा था। कशमीर की उस सुनहरी सुबह मे नव्या खिडकी के पास बेठी हुइ थी। कुछ गहरी सोच मे थी। कीसीसे ज्यादा बात नही करती थी बस अपने ही सोच मे खोयी रहती थी। 
   नव्या बेटा ऑफिस जाना है देर हो जायेगी। उसकी मां की आवाज से अपनी सोच से बहार आकर ऑफिस चली जाती है। बेटा नाश्ता तो कर ले ये लडकी ऐसा ही करती है, बबडाते हुए उसकी मा किचन मे चली जाती है।
  ओफीस पहोचती है,सभी लोग आपस मे बात कर रहे है ।
यार ये इतनी सुदंर है, कीसीसे बात क्यौ नही करती,अरे सायद कोइ छोडकर चला गया है इसे हा,,,,हा,,,,हा,,,, सभी हसते है, नव्या के आने पर चुप हो जाते है।आखीर वो मेनेजर थी, इस लिए सब ज्यादा चिडते थे। 
    गुड मोर्निग ओल, कंपनी का बोस सबको कहता हे आज हमारी कंपनी मे पचास साल पुरे होने की वजह से पार्टी है सब को आना है। 
  बोस नव्या के पास आकर कहेते है तुम्हे जरुर आना है, मे कुछ नही सुनुगा नव्या सिफॅ हा कहती है।
     मां आज ऑफिस की पार्टी मे जाना है। तीन साल बाद नव्या कीसी पार्टी मे जा रही धी यह सुनकर मां खुश थी।
     रात को  पार्टी मे नव्या लाल रंग की साडी मे बहुत ही ज्यादा सुदंर लग रही थी। सभी की नजर नव्या से हट ही नही रही थी। तभी बोस एक लडके से नव्या को मिलवाते है, नव्या ये आशीष है, तुम लोग बाते करो, पल भर के लिए दो नो एक दुसरे को देखये ही रहे। आशीष कम हियर कोइ उसे बुलाता है। अभी आया कही मत जाना आशीष नव्या से कहता है, ओर चला जाता है। नव्या अभी भी यकीन नही कर रही थी कया आशीष सच मे आया है न जा ने कितने सवाल मन मे आते है,,,,नव्या पुरानी याद मे खो जाती है। उन दीन आशीष ओर नव्या साथ पढ रहे थै। अठरा साल की उमर मे दोनो को एक दुसरे से प्यार हो जाता है। आशीष के साथ बिताया हुआ हर पल ऑखो के सामने आ जाता है। एक दीन कोलेज पुरी होने के बाद दो नो मिलते है ,आशीष चलो धुमने चलते है।नव्या रुको मे तुमसे कुछ कहना चाहता हु मे वापस जा रहा हु। यह बात सुनकर  नव्या टूट गइ,,,,,तुम्हारा मतलब मुजे छोड रहे हो,,,,, हा आशीष इतना कह कर चला जाता है।आज सात साल बाद वही आशीष सामने है। कया करे उसे कुछ समज नही आ रहा था।मेरे बारे मे सोच रही थी,,,,नव्या कुछ नही बोलती, आज भी वेसी ही हो। नव्या पूछती है शादी कर ली क्या, नही की मे ने शादी, क्या नव्या तुम ने,  आशीष का पसॅ नीचे गीर जाता है। जीसमे नव्या की फोटो थी ,नव्या पसॅ उठाते वक्त देख लेती है , आशीष क्या तुम आज भी,,,, आशीष नव्या को गले लगा लेता है नव्या मुजे माफ करदो,तुम्हे छोडकर कभी नही जाउंगा नव्या की ऑख से आंसु आ जाते है।