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सब समान है इस दुनिया ने । - सब समान है इस दुनिया में

ढूंढते निखिल एक 12 साल का बच्चा था लेकिन वह बहुत दुखी रहता था  क्योंकि जब से उसके पापा का ट्रांसफर कोलकाता हो गया था  तो उसकी फैमिली ने दिल्ली छोड़ दिया था ।निखिल के पास कोलकाता में सब कुछ था ।लेकिन बस उसके दोस्तों को छोड़कर ।एक दिन निखिल स्कूल से वापस लौट रहा था तभी उसे एक लड़का दिखा  जिसका नाम राज थाजो क्रिकेट खेल रहा था लेकिन उस राज  ने क्रिकेट का बैट गलत पकड़ा था तब निखिल रुका और अपना बैग रखकर उसने राज से बोला -यह ऐसे नहीं इसको सही से पकड़ो । राज ने निखिल को बेड दे दिया और बॉलिंग करने लगा कुछ देर तक निखिल और उस लड़के ने क्रिकेट खेला उसके बाद निखिल अपने घर चला गया और राज अपने घर चला गया।
 फिर  निखिल स्कूल गया स्कूल के लौटते टाइम निखिल राज को तलाश कर रहा था लेकिन उसे राज नहीं दिखा और आज को पूछते पूछते उसके घर जा पहुंचा तो राज ने उसे बताया कि उसका उसकी बॉल गुम गई है तो अब वह कैसे क्रिकेट खेलेगा तब निखिल ने कहा हम नहीं बॉल खरीद लेंगे दोनों ने दुकान जाकर नई बॉल खरीदी और फिर से क्रिकेट खेलने लगे कुछ दिनों तक ऐसा ही होता रहा निखिल रोज स्कूल से लौटता और राज के साथ क्रिकेट खेलता फिर घर चला जाता देख देखते दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए।
   रोहित को घर लौटने में 1 दिन लेट हो गया तो तब उसकी मम्मी ने सोचा क्यों ना वही रोहित को लेने चले जाए।
 वह रोहित को लेने कार से निकली अचानक उन्होंने रोहित को रोड में कुछ बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने देखा रोहित की मम्मी को बहुत गुस्सा आया वह तुरंत कार से उतरी और रोहित को कहा रोहित जाकर गाड़ी में बैठा हूं और तुम दोबारा इन बच्चों के साथ नहीं देखना यह मिडिल क्लास लोग तुम्हारे खेलने के लायक नहीं है रोहित रोने लगा और रोते-रोते जाकर गाड़ी में बैठ गया और राज  भी अपने घर चला गया अगली सुबह  निखिल स्कूल गया लेकिन उसको लेने के लिए उसकी मम्मी आई थी जिससे कि वह राज के साथ खेलने ना लगे ।
कुछ दिनों तक राज और निखिल आपस में नहीं मिले लेकिन एक दिन निखिल राज के घर खेलने निकल गया रात हो चली थी लेकिन निखिल घर नहीं आया था उसकी मम्मी पापा उसको ढूंढने लगे ढूंढते ढूंढते उसकी मम्मी पापा राज के घर पहुंच गए वहां उन को निखिल मिल गया निखिल के ऊपर उसकी मम्मी को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसकी मम्मी ने कुछ नहीं कहा और निखिल को लेकर घर आ गए 
उसके पापा ने कहा- कि बेटा इतनी रात तक खेलने की क्या जरूरत थी 
निखिल -पापा आज दोस्त के घर में लेट हो गया था और उसके पापा रूम में चले गए
 तब उसकी मम्मी ने उसे कहा कि मैंने तुझे मना किया था ना कि  उसके  साथ खेलने को । वो एक  मिडिल क्लास रोड छाप के यहां तुम्हें जाने की कोई जरूरत नहीं है उनकी औकात नहीं है कि तुम्हारे साथ में खेले ।
उसकी मम्मी और निखिल की बातें उसके पापा ने सुन लिया और
 उन्होंने  कहा -कि निखिल की मम्मी तुम यह निखिल को लोगों में ऊंच-नीच करना क्यों सिखा रही हो राज भले ही गरीब है लेकिन है तो हमारे निखिल का दोस्त ही ना भले ही उनकी जाति दूसरी है लेकिन वह है तो इंसानी ना उनको भी भगवान ने ही बनाया है और तुम ऐसी सोच रख रही हो कि निखिल को उसके साथ खेलने को मना कर रही हो हम बड़े शहर से आए हुए लोग हैं यह ऊंची नीची जाति धर्म जात पात हम नहीं मानते निखिल की मम्मी इस दुनिया में इंसान एक समान है यह ऊंची नीची जाति धर्म यह तो सब इस समाज का दिया हुआ है और हम जैसे पढ़े-लिखे लोग इसमें अगर विश्वास करने लगेंगे तब यह दुनिया का कुछ नहीं हो सकता अमीरी और गरीबी दोनों भगवान का दिया हुआ है तुमने देखा नहीं पहले निखिल   कितना दुखी रहता था लेकिन जब से वह राज के साथ खेल रहा है उसके दोस्त बने हैं तब से  वो कितना खुश रहता है और तुम निखिल  को राज के साथ  खेलने को  माना कर रही हो ।तुम अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा  इस समाज  के बारे में  सोच रही हो अमीरी   गरीबी को महत्व दे रही है ऐसा कैसे कर सकती हो ।
निखिल की  मम्मी बोलती है लोगों में एक प क्लास का होना भी जरूरी है ऐसे लोगों के साथ रहेगा तो बिगड़ जाएगा ।
उसके पापा कहते हैं कि निखिल की मम्मी हमारा बेटा ऐसा नहीं है कि बिगड़ जाए ।तो लोगों के साथ रहेगा ही समझेगा हम ये प्यार से भी समझा सकते हैं फिर उसे डांटने राज  के साथ खेलने से मना करने से कुछ नहीं होता हमें यह भेदभाव ऊंच-नीच मेरी गरीबी नहीं देखना चाहिए अगले दिन सुबह ही उसके पापा निखिल को राज के घर ले जाते हैं और राज को निखिल का घर  के साथ खेलने को कहते हैं। दोनों राज और निखिल रोज़ साथ खेलते है ।