Weekend Chiththiya - 15 in Hindi Letter by Divya Prakash Dubey books and stories PDF | वीकेंड चिट्ठियाँ - 15

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वीकेंड चिट्ठियाँ - 15

वीकेंड चिट्ठियाँ

दिव्य प्रकाश दुबे

(15)

संडे वाली चिट्ठी

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Dear ‘X’YZ

मैं यहाँ ठीक से हूँ । बाक़ी सब भी ठीक से है । तुम कैसी हो। बाक़ी सब कैसा है।

बाक़ी सब में कितना कुछ समा जाता है न, मौसम, तबीयत, नुक्कड़, शहर, घरवाले, पति, ससुराल सबकुछ । उम्मीद तो यही है कि शादी के बाद बदल गयी होगी। नहीं शादी से कुछ भी नहीं बदलता, घर से बदलता है। शादी के बाद घर बदलता है न इसलिए बदलना पड़ता है। नहीं घबराओ मत तुम्हारी याद में पागल नहीं हुआ जा रहा । दारू पहले जितनी ही पीता हूँ। । एक लड़की से दोस्ती भी कर ली है उसकी शक्ल तुमसे नहीं मिलती है । उसका कुछ भी तुमसे नहीं मिलता लेकिन उसकी हर एक बात तुम्हारी याद दिलाती है । उसको मेरी डायरी बहुत पसंद है। वही तुम्हारी वाली डायरी जिसमें केवल तुम्हारे लिए कविता लिखता था। उसको तुम्हारे बारे में सब बता दिया है । वो कहती कि डायरी के बचे हुए पन्ने मैं उसके लिए कविता लिख के भर दूँ। लेकिन कविता है कि अब लिखी ही नहीं जाती।

मैंने तुम्हारे लिए फूल, पत्ती, चाँद सितारे वाली न जाने कितनी टुच्ची कविताएँ लिखीं होंगी । कवितायें जो गुलज़ार की कविताओं जैसी multi layered नहीं थीं। कवितायें जो सही में टुच्ची थीं जिनका केवल और केवल एक मतलब ‘प्यार’ था।

तुम्हारे जाने बाद छोटी सी भी ख़ुशी अब बर्दाश्त नहीं होती। तुम्हारी डायरी बहुत दिनों से अलमारी में सुलग रही थी । कभी ग़लती से भी डायरी को पलट लेता था पूरा शरीर छिल जाता था। नये साल पर पुरानी डायरी जला दी है। डायरी में सबसे ज़्यादा देर से वो फ़ोटो जला जो तुमने शादी तय होने के बाद जला देने के लिये अपनी इतनी कसमें दी थी । डायरी में बंद कुछ साल, कुछ रतजगे कुछ शामें सब कुछ जल गया । डायरी की राख को फेंकने के चक्कर में हाथ में फफोले पड़ गए हैं।

अब चाहकर भी मैं कवितायें नहीं लिख पाता। कई लोग मुझसे बोलते हैं कि मैं कहानियाँ अच्छी लिखने लगा हूँ । सच बताऊँ मुझे नहीं चाहिए अच्छी कहानियाँ-वहानियाँ। मुझे अपनी फूल पत्ती चाँद सितारे वाली दो कौड़ी की टुच्ची सी कवितायें वापिस चाहिए।

डायरी के साथ जली हुई शामों की राख तुम्हें भिजवा रहा हूँ । थोड़ी सी राख अपनी जीभपर रखकर पानी पी लेना, शायद कुछ आराम मिले।

बाक़ी सब कुछ वैसे ही है। तुम अपना कहो ‘बाक़ी सब’ कैसा है ? इस बार होली पर माइके आओगी।

तुम्हारा दिव्य

जनवरी 2016 की तीन तारीख़

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