Aap ki vichardhara books and stories free download online pdf in Hindi

आप की विचारधारा - इस पुस्तक का नाम है मनुष्य का अनुभव एक मनुष्य के अनुभव कर सकता हूं

 प्यार एक ऐसा शब्द है जो किसी के भी दिल को छू लेता मैं आप लोगों से एक छोटी सी बात चाहता हूं प्यार एक ऐसी धोखेबाज चीज है की इससे लोग समझ ही नहीं पाते हैं और जो समझ जाते हैं उसे करते नहीं है क्या प्यार को हमें आकर बता सब झूठ है सब कौन कहता प्यार के बिना दुनिया नहीं सकता प्यारी दुनिया में सबसे छोटी चीज है जिसे आदमी समझ नहीं पाता आप लोगों को मेरी बुक के माध्यम से यह बात में बताना चाहता हूं  सब झूठ है  हर एक लड़की लड़की लड़की के जिस्म के पैसे होते हैं और उन्हें और उन्हें कुछ नहीं चाहिए प्यारसब झूठ है दुनिया को कभी नहीं समझ पाओगे आपका घर नजरिया लगे तो आप दुनिया को समझना मैं एक बात आप लोगों को पहुंचाना चाहता हूं अगर अच्छी लगे तो कमेंट जरुर करना भाई थैंक यू आर ब्रदर् क्या अगर कोई आके मुझे दुनिया झूठी है आदमी झूठे हैं सब आदमी इतना बड़ा हो जाता है यह नहीं समझ पाता कि मैं पैदा किस लिए और एक एक दिन ऐसे ही मर जाता उसे जिंदगी भर जिंदगी में पैसा ही पैसा दिखता है और आज से मैं सोचता है कि मैं इतना पैसा कमा लूं कि अगर पैसा है तो प्यार है अगर पैसा नहीं है तो प्यार नहीं लड़की बोल देती चल भाई टाइम हो गया तेरे पास अब कुछ नहीं बचा अगर पैसा भाई भी है बहन भी हम दीदी भी मामा मामी चाचा चाची सब अगर पैसा नहीं है तो कोई भी नहीं पूछेगा भाई क्या हाल है दुनिया सब पैसे के पीछे पैसा है तो दुनिया दुनिया तो पैसा है एक बात कोई एक बात कोई समझ ही नहीं पाता कि मैं किसके लिए आया हूं और किसके लिए पैसा कमाने में आदमी इतना बिजी हो जाता कि भगवान को भी भूल जाता है कभी 1 दिन परलोक सिधार जाता पैसो के चक्कर में लोग अपनों को भूल जाते हैं लोग दूसरों को बुलाकर रहते हैं अपनी बुराइयों को कोई नहीं देखता जिसे कहते हैं बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोई इसीलिए कहते हैं कि अपनी बुराइयों को तो देखो इसी जब आप किसी को बुरा कर सकते हैं जब आप के अंदर आ जाएं नहीं तो आप दूसरे को बुरा नहीं कह सकते यही जिंदगी है जिंदगी यह कैसी अनमोल चीज है कि आदमी से समझ नहीं पाता किस लिए आया हूं इसलिए मैं चला जाऊंगा जैसे कबीरदास कहते बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंछी को छाया पहुंचा आज काम नहीं करना चाहता हूं संघर्ष ही जिंदगी है अपने संघर्ष करने की क्षमता है तो दुनिया की कोई भी चीज आप आ सकते हैं अपने संघर्ष करने की क्षमता नहीं तो आप कुछ नहीं पाता और ऐसी खाली आपसे बिना संघर्ष के तो पेट में रोटी भी नहीं जाती उसके लिए भी टुकड़े तोड़ने पड़ते हैं यह भी एक संघर्ष है अगर आपने संघर्ष करने की चिंता है अगर चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो संगत करने वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है