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वफादार मोती

वफादार मोती

बहुत पहले की बात है एक छोटा सा गांव था उसकी सीमा खतम होने पर एक घना जंगल था। जिसमे बहुत से जंगली जानवर रहते थे पर कोई उस गांव मे नही आता था लेकिन दो भेड़िये रोज रात को पूरे गांव का चक्कर लगते अगर कोई बच्चा उन्हे रास्ते मे मिल जाता तो उसे वे मारकर वही खा जाते थे। इसलिए गांव वालो ने नियम बनाया कि काम करने वाले लोग या स्कूल जाने वाले बच्चे शाम को आते ही घर में बंद हो जाते थे। यह सिलसिला बहुत दिनो तक चलता रहा। एक दिन कही से एक किसान का परिवार आया उस परिवार मे किसान उसकी पत्नी दो बच्चे और एक कुत्ता था जिसका नाम मोती था वह बहुत इमानदार था। अभी इस परिवार को उन भेड़ियों के बारे मे कुछ भी नही पता था इसलिए एक रात किसान के दोनो बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे और मोती उनकी रखवाली कर रहा था। तभी वहां वे दोनो भेड़िये आ गए और उन्होने बच्चो पर झपटना चाहा पर मोती ने भेड़ियो को रोका और उन्हें काटा इस पर भेड़ियो ने उस पर हमला कर दिया। पर मोती ने हार नही मानी और उसने बहुत देर तक उनसे मुकाबला किया। इसी बीच भेड़ियो ने किसान के एक बच्चे को पकड़ लिया और वे उसे जंगल में अपनी गुफा पर ले गये। मोती ने घायल होने के बावजूद उनका पीछा किया और गुफा पहुंचने के बाद उनसे फिर से जूझ गया। इस बार मोती उन दोनो पर भारी पड़ा एक भेड़िये को मार दिया और दूसरा घायल होकर भाग गया। अब मोती के सामने समस्या थी कि वह उस बच्चे को घर तक कैसे पहुचाए। उसने बच्चे की कमीज अपने दांतो से पकड़ी और घर की ओर चला इस बीच गांव वालोें को खबर हो गई थी कि भेड़िये बच्चे को उठा ले गए है वे सब जंगल की ओर चल पड़े जब उन्होनें देखा कि एक भेड़िया मर गया है और मोती उस बच्चे को लेकर आ रहा है तो वे सब उस बच्चे को मोती से लेकर अस्पताल पहुंचे और मोती भी घायल था यह भी बच्चे के माता पिता ने देखा और उन्होने उसका भी इलाज कराया।

अब सारे गांव वाले बिना डर के गांव में रहने लगे। उनके बच्चे अब बेरोकटोक बिना किसी चिन्ता के शाम को खेलने लगे। यह सब मोती की वजह से हुआ था उसकी वफादारी गांव वालों ने हमेशा याद रखी और मोती उस गांव का एक सम्मानीय सदस्य की तरह माना जाने लगा।

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