Raja Rani - Income books and stories free download online pdf in Hindi

राजा रानी - इनकम

राजा रानी - इनकम ( Income )

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प्रथम आयाम

आकाश की आयु 17 साल की थी और उसने 12 वी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की थी| उसके बाद आकाश ने B.Sc. मैं एडमिशन ले लिया | आकाश ने B.Sc. भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की | आकाश M.Sc. करना चाहता था परन्तु उसके पिता के आर्थिक हालत इतने मजबूत नहीं थे | लिहाज़ा आकाश ने एक प्राइवेट ऑफिस मैं क्लर्क की नौकरी कर ली |

आकाश घर के आर्थिक हालत सुधरने के लिए सहयोग करना चाहता था इसके साथ ही वह अपने सपनों को भी जिन्दा रखना चाहता था | आकाश ने इवनिंग क्लासेज ज्वाइन की और बस कुछ ही सालों मैं M.Sc. उत्तीर्ण करके अपना सपना पूरा कर लिया |

आकाश के सपने आसमान की बुलंदियां छू रहे थे | आकाश M.Sc. उत्तीर्ण करने पर ही रुक नहीं गया बल्कि वह आगे बढ़ना चाहता था | लिहाज़ा आकाश ने शाम के वक़्त एक मैकेनिक के पास जाना और काम सीखना शुरू कर दिया | पहला अवसर हाथ आते ही आकाश बाजार से इस्तेमाल किये हुए गैल्वेनोमीटर, वोल्टमीटर आदि ले आया खुद की मेहनत एवं थोड़े से सामान से उसने इस्तेमाल हुए सामान को बिलकुल नया बना लिया | लगभग नए सामान को एक प्राइवेट स्कूल मैं बेच कर आकाश अच्छा मुनाफ़ा भी कमा पाया | इस सफलता ने आकाश के सामने नए नए सपनों का रास्ता खोल दिया और धीरे धीरे आकाश अपने काम को बढ़ाने लगा | और फिर एक दिन आकाश ने क्लर्क की नौकरी से इस्तीफ़ा देकर ‘आकाश प्रेस्शन इंस्ट्रूमेंट्स’ नाम से अपनी खुद की कंपनी खोल डाली |

आकाश ने बहुत तेजी से तैराकी की और फिर अगले 5 सालों मैं अपने राज्य का वैज्ञानिक उपकरणों का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया | राज्य मैं शायद ही कोई ऐसा स्कूल या कॉलेज था जिसमे आकाश उपकरण सप्लाई नहीं कर रहा था | अब आकाश की नज़र अन्य राज्यों पर थी |

आकाश बहुत अच्छी इनकम कर रहा था | वह इनकम टैक्स भी भर रहा था | आकाश सुबह जल्दी ऑफिस आ जाता और देर रात वापिस घर पहुँच पता | काफी समय यात्रा आदि मैं भी निकल रहा था | इस सबके बावजूद आकाश रविवार का वक़्त अपने और अपने परिवार के लिए रख रहा था |

जिस वक़्त आकाश M.Sc. कर चुका था परन्तु उसने अपनी कंपनी शुरू नहीं की थी उस वक़्त ही उसकी शादी एक कम पड़ी लिखी लड़की से हो गयी थी | आज आकाश के 2 बच्चे भी है | आकाश के दोनों बच्चे कान्वेंट स्कूल मैं पढ़ रहे है | आकाश का परिवार पॉश इलाके मैं एक बड़े बंगलो मैं रहता है जोकि पूरी तरह AC है | बच्चों को स्कूल पहुँचाने एवं पत्नी के बाहर आने जाने के लिए महंगी गाड़ी और ड्राइवर भी मौजूद है |

आकाश बहुत मेहनत कर रहा है और उसकी इनकम का सदुपयोग उसका परिवार अपने भविष्य निर्माण मैं कर रहा है |

दूसरा आयाम

निशा की आयु 17 साल की थी और उसने 12 वी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की थी| उसके बाद निशा ने B.Sc. मैं एडमिशन ले लिया | निशा ने B.Sc. भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की | निशा M.Sc. करना चाहता थी परन्तु उसके पिता के आर्थिक हालत इतने मजबूत नहीं थे | लिहाज़ा निशा को पढाई छोड़ देनी पड़ी | जल्द ही निशा के पिता ने निशा की शादी आकाश से कर दी |

आकाश भी B.Sc. करने के बाद अपने परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए आगे पड़ने का विचार त्याग कर किसी नौकरी की तलाश मैं लगा हुआ था | जल्दी ही उसे एक प्राइवेट ऑफिस मैं क्लर्क की नौकरी मिल गयी | इसके बाद आकाश की शादी भी हो गयी |

आकाश का सपना था की वह आगे पढाई कर सकता वह M.Sc. और उसके बाद P.Hd. भी करना चाहता था परन्तु अपने आर्थिक हालातों के कारण मजबूर था | आकाश क्लर्क की नौकरी कर रहा था परन्तु इससे होने वाली इनकम प्राप्त नहीं थी इसीलिए आकाश ऑफिस से आने के बाद टूशन सेण्टर पर बच्चों को भी पड़ा रहा था | आकाश की मेहनत ही थी की इतनी महँगाई और ख़र्चों के बीच भी कुछ सेविंग कर पा रहा था | लिहाज़ा आकाश उत्साहित था

आकाश को मालूम था की वह अपनी पढाई को आगे नहीं बड़ा सकता परन्तु उसने निशा को आगे पड़ने के लिए प्रेरित किया और फिर जल्द ही निशा ने M.Sc. उत्तीर्ण कर ली | निशा ने कोचिंग सेण्टर की मदद से IAS की तैयारी भी शुरू कर दी | दो सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा था की निशा IAS न केवल क्लियर कर पाई बल्कि टॉप 10 मैं भी उसका नाम था |

ट्रेनिंग के बाद निशा अपने ही शहर मैं पोस्ट हो गयी थी | अब घर के आर्थिक हालत उतने बुरे नहीं रहने वाले थे | निशा और आकाश की सयुंक्त इनकम अच्छी होने वाली थी इसीलिए आकाश को टूशन करने की आवश्यकता नहीं थी |

आज निशा ट्रेनिंग से वापिस आ रही थी | आकाश निशा को लेने स्टेशन जाना चाहता था परन्तु उसे ऑफिस से छूटी नहीं मिल पायी | ऑफिस के बाद घर जाने से पहले आकाश ने बाजार से बढ़िया मिठाई पैक करवा ली | उसे उम्मीद थी की निशा घर पर उसका इंतज़ार कर रही होगी | जब आकाश घर पहुंचा तो घर पर लगा हुआ ताला देख कर चौंक गया | निशा घर पर नहीं थी | आकाश ने सोचा शायद ट्रैन लेट होगी | सामान्यतया आकाश का लड़का स्कूल से वापिस आकर घर पर ही रहता था परन्तु ऐसा आवश्यक नहीं था कई बार वह खेलने के लिए पड़ोस मैं भी चला जाता था शायद इसीलिए आकाश ने चिंता नहीं की |

आकाश ने पड़ोसी चाची से चाबी लेकर घर के अंदर चला गया और फ्रेश होने के बाद चाय लेकर बैठ गया | धीरे धीरे अंधेरा छाने लगा तब आकाश को अपने लड़के और निशा की चिंता होने लगी | आकाश ने ही अपने लड़के के लिए माँ और बाप दोनों की भूमिका निभाई थी | जब निशा M.Sc. और उसके बाद IAS की तैयारी कर रही थी तब आकाश ही लड़के की देखभाल करता था उसके बाद निशा ट्रेनिंग पर चली गयी तब से तो आकाश लड़के की पूरी ज़िम्मेदारी निभा रहा था उसका चिंतित होना स्वाभाविक था | आकाश अपने आस पड़ोस सब जगह देख आया परन्तु लड़के की कोई खबर नहीं थी | उधर निशा भी घर पर नहीं लौटी थी | निशा का मोबाइल भी लगातार बंद जा रहा था शायद ट्रेन के सफर के दौरान डिस्चार्ज हो गया था या शायद कोई और बात थी | आकाश रेलवे स्टेशन पहुंचा तो उसे पता चला की ट्रेन अपने सही वक़्त पर आ चुकी है | अब आकाश बहुत चिंतित हुआ वह दोबारा घर की तरफ चला | न तो निशा घर पर आयी और न ही लड़के का कुछ पता था |

आकाश पुलिस स्टेशन भी गया परन्तु वहां भी कोई सहायता नहीं मिल पायी बल्कि उसे कहा गया की अपने रिश्तेदारों वगैरह मैं तलाश करे और 24 घंटे बाद वापिस आये | आकाश पूरी रात यहाँ से वहां भागदौड़ करता रहा परन्तु कोई नतीजा नहीं निकल पाया | कभी निशा को फ़ोन मिलाने की कोशिश करता कभी किसी रिश्तेदार से संपर्क करता परन्तु कोई सफलता नहीं मिल पायी |

रात भर की भाग दौड़ के बाद आकाश घर लौटा | इच्छा नहीं परन्तु शारीरिक आवश्यकता थी इसीलिए आकाश ने चाय और नाश्ता किया | अभी आकाश पुलिस स्टेशन जाने की तैयारी कर ही रहा था की उसके घर के दरवाज़े पर नॉक हुआ | आकाश को लगा की शायद निशा या उसका लड़का होगा इसीलिए उसने भाग कर दरवाज़ा खोला परन्तु निराशा दरवाज़े पर एक नौजवान खड़ा था | उसने आकाश को एक बंद लिफाफा दिया और आकाश के सिग्नेचर करवा कर चला गया |

आकाश को निशा की तरफ से तलाक का नोटिस भिजवाया गया था और साथ मैं यह जानकारी भी दी गयी थी की लड़का निशा के पास खुश एवं सुरक्षित है |

निशा अब IAS अफसर बन गयी थी जबकि आकाश एक मामूली क्लर्क था दोनों के आर्थिक हालत पूरी तरह अलग अलग थे | आकाश के साथ रहना निशा के लिए शर्म की बात थी इसे मुख्य आधार बनाते हुए निशा ने आकाश से तलाक की डिमांड की थी | जहाँ तक बच्चे का सवाल है क्योंकि निशा की आर्थिक हालत ज्यादा मजबूत थी इसीलिए बच्चे का भविष्य निशा ज्यादा बेहतर तरीके से देख सकती थी इस आधार पर निशा ने बच्चे की पर्मनंट कस्टडी मांगी थी |

कोर्ट मैं केस 2 साल चला और कोर्ट ने निशा के दोनों आधार मानते हुए तलाक स्वीकार कर लिया और बच्चे की कस्टडी निशा को दे दी | आकाश को बच्चे से महीने मैं 1 बार मिलने की आज्ञा दी गयी और जिसके लिए आकाश को अपनी इनकम मैं से हर महीने 5000 रूपये बच्चे के खर्च करने के लिए देने थे |

कोर्ट से वापिस आते वक़्त आकाश सोच रहा था की उसे निशा को पड़ने की बजाये खुद पड़ना चाहिए था | परन्तु अब तो सांप निकल चुका था सिर्फ लकीर बाकि थी |