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आसमान छूती वर्दी

आसमान छूती वर्दी

रानी को बचपन से हवाई जहाज देखना बहुत पसंद था। वह आवाज सुनते ही बाहर निकलकर उसे तब तक देखती रहती जब तक वो हवाई जहाज ओझल नहीं हो जाता। उसने तब से ही मन बना लिया था कि उसे हवाई जहाज उड़ाना है। उसके पिता इंजीनियर है और मां गृहणी। एक छोटा भाई है । रानी ने सबसे पहले अपनी इच्छा अपनी मां को बताई। मां शुरू में तो उसे हल्के में लिया पर जिस तरीके से रानी के मन में धर गई थी यह बात कि अब मां को पिता से बात करना पड़ी।

इस दौरान रानी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। उसने इंजीनियरिंग करते ही अगले साल भारतीय वायुसेना की परीक्षा पास कर ली।

रानी को चैस बैडमिंटन और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था कई बार स्कूल और कॉलेज में इन खेलों में रानी में कहीं पुरस्कार भी जीते यह देख कर उसके माता-पिता ने सोचा कॉलेज पूरा होने पर रानी इन खेलों में ही अपना नाम करेगी पर रानी का सपना तो कुछ और ही था वे केवल एक अच्छी पायलट बनना चाहती थी दरअसल बचपन से जब भी वे नीले आकाश में प्लेन को उड़ता देखती तो वह बहुत खुश होती और जब तक प्लेन उसकी निगाहों से दूर नहीं होता उसे रानी एकटक देखती रहती और देखते हुए यही सोचती रहती कि वे भी एक दिन अच्छी पायलेट बनकर प्लेन चलाएगी ।रानी के इस सपने के बारे में अभी उसके माता-पिता को नहीं पता था उसने सोचा था कि वह भारतीय वायुसेना की परीक्षा देकर अच्छे नंबरों से पास होने के बाद अपने माता पिता को बताएगी ऐसा ही हुआ। परीक्षा में रानी अच्छे नंबरों से पास हो गई तब उसने अपने माता पिता को अपने भारतीय वायुसेना में पायलेट बनने के सपने के बारे में बताया।

उसके माता-पिता ने कहा बेटा तुम अपनी जिंदगी में जो बनना चाहो बनो तुम्हारे हर फैसले में हम तुम्हारे साथ हमेशा है यह सुनकर रानी बहुत खुश हुई और उसने पायलट की ट्रेनिंग जॉइन कर ली और इस तरह वह देश की पहली फायटर प्लेन चलानी वाली लड़की बन गई। वर्दी पहन कर फायटर प्लेन चलाकर उसे बहुत अच्छा लगा। रानी का छोटा भाई भी जैसे ही इंजीनियरिंग पास कर चुका तो रानी ने उसे भी भारतीय वायुसेना में परीक्षा में शामिल होने को कहा और वो पास भी हो गया। दोनों जब वर्दी में फायटर प्लेन चलाते हैं तो दुश्मन थर्रा जाता है।

इस तरह उसने अपने माता पिता और देश का नाम रोशन किया।

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