anokhi mitrata - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

अनोखी मित्रता - 3

{हमने देखा था कि आरूष सोचता है , " ये decoration पक्का दिशा का ही काम है।" } अब आगे ....... ‌


फिर भी वो झुठमुठ ही जोर से कहता हैं निशा ....... निशा कहा हो तुम ..? देखो अब बस भी करो और कितना छुपोगी । इतनी सारी decoration की महेनत की हे , तो अब सामने भी आ जाओ । तभी दिशा बाहर आकर कहती हैं wow..... What a decoration ...! आरुष तुम्हारी निशा ने तो कमाल ही कर दिया। इतनी अच्छी party organize करके वो कहां रह गई .... ? वो निशा ..... निशा ..... पुकारते हुए आगे चलती है , तभी आरूष उसे रोककर कहता है .... अब बस हां ,,,,,,, मुझे पता है ये सब तुमने किया है ...: दिशा आरूष को चिढ़ाते हुए कहती हैं नहीं...... नहीं .... ये सब तो निशा ने किया है । Sorry yarrr वो तो मैं तुझे सामने आने पर मजबुर कर रहा था । पर तुम् तो उल्टा मुझे ही ....... और पूछता है किस मिट्टी की बनी है.. क्या तुम्हें कभी गुस्सा नहीं आता
..? दिशा कहती हैं आता है ना बहुत ही आता है पर में उसे कभी अपनेेेे friends के उपर आने की इजाजत ही नहीं देती हु। हमम.... Smart girl . दिशा सब को बुलाती है , आरूष अपने सभी दोस्तों को देखकर बहुत खुश हो जाता है , क्यूंकि दिशा ने बचपन से लेकर आज तक आरूष के सभी दोस्तों को बुलाया था । सभी party enjoy करते हैं। थोड़ी देर बाद आकाश आता है । आरूष उसके पास जाकर कहता है , thanks a lot bro ... आने के लिए । मुझे पता है तेरा मन नहीं था , फिर भी तु आ गया । तुझे ऐसा दिखावा करना पसंद नहीं है , जानता हूं । थोड़ी देर बाद राजवीर सर आते हैं । आरुष उनको देखकर ही कहता है पापा आप ....? राजवीर सर आरूष के पापा है , लेकिन cricket ground में वे दोनों कभी एक -दूसरेे को personal relationship. से नहीं बुलाया कर ते। आरूष पूछता है पापा आप तो बहार काम से गए थे , तो अचानक आप यहां कैसे ....? अरे बेटा दिशा party organizer हो और मुझे बुलाये बिना वो कभी रहती है .....; आरूष जब छोटा था , तब उसे दिशा एक दोस्त के रूप में मिलि थी । दिशा के माता-पिता नहीं थे । वो अपने दादा जी के साथ रहती थी। आरूष उस वक्त वेकेशन में गांव गया था ।वो सभी दोस्त खेलने के लिए मंदिर में गए , आरूष वहां दिशा से मिलता है । रोज वो वहां उसके साथ खेलने जाया करता था। एक दिन दिशा रो रही थी
तभी आरूष अपने पापा - मम्मी को लेकर आता है। दिशा को रोते हुए देखकर वो दिशा से पूछता है , ने ज़िद की , मुझे दिशा को हमारे घर ही लाना है । फिर वो लोग दिशा को अपने घर लेकर आएं । तब से दिशा आरूष की सबसे अच्छी दोस्त बन गई । आरूष के पापा - मम्मी ने उसे अपनी बेटी जैसे ही उसे रखा था । सभी party में बहुत मज़े कर रहे थे। तभी कोई आरूष को पूछता है , आरूष तु अगर टीम में 2 नंबर पर select हुआ है तो फिर 1 ले नंबर पर कोन है ....? आकाश 1 नंबर पर है । दिशा में सुन लेेेती है । आरूष के सभी दोस्त आकाश को भी बधाई देते है । दिशा भी वहां जाकर उसे congrulate करती है । आरूष जैसे ही उसे थेंकस कहने जाता है , तभी loud music. बजता है । दिशा को सभी दोस्त मिलकर अपने साथ लेकर जाते हैं ।

Party खत्म होने के बाद दिशा रूम में आकर देखती है तो श्रेया सो गई थी । दिशा उसे उठाकर कहती हैं - चल हमें चलने नहीं जाना है ...? दिशा ... यार प्लीज़ आज नहीं , आज में बहुत थक गई हूं। दिशा कहती हैं - Ok.. as u wish .
दिशा सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर श्रेया को कहती हैं - सुन मैं आंटी के यहां होकर आती हूं।
दिशा, हिमानी आंटी के घर पहूचती है । हेलो आंटी .... कहा है आप ...? वो रुम में जाती है । हिमानी आंटी लेटी हुई थी । दिशा घबराकर पूछती है , क्या हुआ आपको ... ? आपकी तबियत ठीक नहीं है ...? अरे बेटा कुछ नहीं बस थोड़ा सा बुखार है । आपने मुझे क्यूं नहीं बुलाया ...? इतनी छोटी सी बात के लिए तुम्हें परेशान क्यों करु। मतलब आपने जब भी मेरी देखभाल की वो आपके लिए परेशानी थी । तुझसे बातें करने में कोई नहीं जीत सकता । हमम.... में आपके लिए कुछ बनाकर देती हूं । कहकर वो किचन में जाती है । तभी उसके फोन की रींग बजती है , busy होने की वजह से वो फोन नहीं उठाती हैं । थोड़ी देर बाद वापस फोन आता है। इस बार हिमानी आंटी फोन उठाती हैं। सामने से श्रेया कहती हैं - रिया यार तेरी मदद की जरूरत है प्लीज़ यहां समर के घर आ जाना । ठीक है बेटा अभी भेजती हूं उसे । Thanks aunty . 😊 तभी दिशा आती है , दिशा श्रेया का फोन आया था उसे तेरी मदद चाहिए तो उसने तुझे समर के घर जाने को कहा है । लेकिन आंटी आपको छोड़कर नहीं जा सकती । तुम मेरी चिंता मत कर । जा उसकी मदद कर दे । दिशा वहां से समर के घर जाती है । हां बोल श्रेया क्या काम है तुझे ..? Buddy देखना ये सब कैसे arrange करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है । दिशा उसे सब कुछ अच्छे से रख देती है । Thanks Dishu for the help ! श्रेया के सभी दोस्त कहते हैं । Hey , दिशा हम सब movie देखने जाने वाले हैं । तुम भी आना हमारे साथ ...? श्रेया कहती हैं चल ना दिशा मजा आएगा । नहीं यार तुझे पता है मेरा कितना काम बाकी है । अभी घर जाना जरूरी है। हम लोग .... तभी सारे दोस्त उसकी बात काटकर कहते हैं " फिर कभी जाएंगे । दिशा अब तक तु यही बात 5th time बोल रही है । सोरी यारों ... Next time पक्का ।
दिशा घर आकर अपनी books लेकर पढ़ने बैठ जाती है । थोड़ी देर बाद श्रेया आती है और उसे एक बोकस देते हुए कहती हैं " ये ले तेरे favourite pizza 🍕 . Thanks Yar । मुझे नहीं समर को बोल उसने लिए है । उसे पता था कि तु अपनी सेहत से ज्यादा अपने सपने को importance देगी । चल अब खा लेना । एक बार फिर से पूछती है - दिशा चलना ...😒 । दिशा उसके सामने देखती है । श्रेया खुद ही बोलती है तु कहा मेरी सुनती है । कहकर चली जाती है ।


दिशा पढ़ रही होती हैं , तभी फोन की रिंग बजती है ।