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प्यारे भैया

यह कहानी ऐक लड़की की है, जिसका नाम नीति हैं|नीति के परिवार में उसके माता-पिता व दो भाई है | नीति के चाचा -चाची अपने अलग घर में रहते है, लेकिन उनका और हमारा ऐक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता है नीति के चाचा -चाची के दो बेटे है जो नीति से सगे भाइयों की तरह लगाव रखते है |
नीति और उसके भाईयो ने शुरूआती शिक्षा गाँव में की थी, नीति के भाई पढाई में बहुत होशियार थे |नीति के भाईयो ने कम उम्र में ही अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा प्राप्त करके सरकारी पदों पे नियुक्ति प्राप्त कर ली थी |नीति के चाचा के बड़े बेटे की नियुक्ति भी सरकारी पद पे हुई | नीति बहुत खुश थी क्योंकि उसके तीनों भाई तरक्क़ी कर रहे थे |नीति को अपने भाइयों से बहुत लगाव था और नीति के भाई भी नीति का बहुत ख्याल रखते हैं | नीति के भाई जब भी छुट्टियों में घर आते नीति के लिए अनेक उपहार लेके आते थे और नीति को उपहार बहुत पसंद थे, वह उपहार देखते ही खुशी से झूमने लग जाती | नीति का बचपन से ही एक सपना था और नीति ये यकीन रखती थी की उसका वह सपना एक दिन उसके भाई जरूर पुरा करेंगे |
नीति को गाने सुनना बहुत पसंद है वह हमेशा गाने सुनती थी | नीति को गाने सुनने के साथ - साथ अलग -अलग वाद्य यंत्रो की धुनो को सुनना भी बहुत अच्छा लगता हैं |नीति को सबसे ज्यादा "सीतार" की धुन अच्छी लगती थी और वह भी सीतार बजाना चाहती थी | लेकिन नीति ने ये बात तब बताइ जब उसके भाई नौकरी करने लग गये थे, क्योंकि नीति के पिताजी मजदूरी करके परिवार चलाते थे| तो इन तीनों भाई - बहन की पढाई लिखाई ही बहुत मुश्किल थी तो ऐसे में नीति ये बात किसी को भी नहीं बता सकी |नीति के भाईयो की जैसै ही छुट्टीया हुई तो वो कुछ दिनों के लिए घर आये |जब भी उसके भाई घर पे आत तो नीति से पुछते की उसे क्या चाहिए, तो नीति जो भी चीज उन्हें लाने के लिए कहती वो चीज उसके लिए लेके आते थे | तो ऐसे में नीति धीरे -धीरे सीतार के बारे में अपने भाइयों को बारी - बारी से कहने लगी |नीति के भाईयो को शुरूआत में लगा कि वह मजाक कर रही है | किन्तु उनको बार-बार नीति ने सीतार के लिए कहा तो उनको यकीन हो गया की सच में नीति को सीतार चाहिए और ये सीतार को बजाने में दिलचस्पी रखती हैं | नीति के भाई जब होली के त्यौहार पर घर पे आये तो उन्होने नीति के लिए सीतार का उपहार लिया और नीति को इसके बारे में कुछ भी नही बताया | और इस बार नीति से ये भी नहीं पुछा गया की उसे क्या चाहिए | नीति को तीनो भाइयों में से किसी ने भी नहीं पुछा की उसे क्या चाहिए तो वह थोड़ी उदास हो गई थी |उसने सोचा की जब वो घर आयेंगे तो वो उनसे बात नही करेगी | लेकिन वो जैसे ही घर आये नीति दौड़ के उनके पास चली गई और उसने देखा की उनके पास एक बड़ा सा डिब्बा था उसमें क्या था ये नहीं पता था नीति को | नीति के सारे भाई उसके पास आये और बोले की इस डिब्बे को खोलो इतना बोलते ही नीति मन ही मन में सोचने लगी की इस डिब्बे में क्या होगा और जैसे ही
नीति ने डिब्बा खोला तो वह आश्चर्यचकित हो गई उस वक्त वह इतनी खुशी हुई की अपनी ख़ुशी किन शब्दों में जाहिर करे ये भी नहीं समझ पायी | उस डिब्बे में सीतार और नीति उसे बस देखती ही जा रही थी क्योंकि वह उसका बचपन का सपना था | और वह मन ही मन भगवान से दुआ करने लगी की "मेरे भाइयों को हमेशा खुश रखना और हर जन्म में वो ही मेरे भाई हो वो हमेशा मेरी खुशीयो का ख्याल रखते रहे मेरा और उनका ये बन्धन हमेशा इसी तरह बना रहे |"