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Untold Story

MS Dhoni #Mahi 💔
इंडिया - पाकिस्तान का मैच होता तो कभी कभार देख लेता लेकिन क्रिकेट प्रेमी नहीं था, मतलब मुझे क्रिकेट में ज्यादा दिलचस्पी नहीं था। जब मैंने पहली बार धोनी को क्रिच पर खेलते देखा, तो देखते रह गया। अंदर ही अंदर क्रिकेट से प्यार होने लगा। ऐसा कोई मैच हमने नहीं छोड़ा होगा, जिसमें माही ने नहीं खेला हो। हमारी फीलिंग्स क्या! आपकी भी फीलिंग्स यही होगी, "अरे धोनी हैं ना जीत जाएंगे" और हम जीत भी जाते थे।

क्रिकेट का कीड़ा इतना काट लिया था पूछिए मत, आज भी मुझे याद हैं कि जब रात को मेरे घर की लाइट चली जाती तो मैं 10 बजे रात को किसी के घर पर मैच देखने के लिए चला जाता। मेरे साथ अलग फंडा था जब माही मैच खेलता था तभी मैच देखता। अगर धोनी को बैटिंग करने का मौका नहीं मिलता, फिर भी इस बात की संतुष्टि रहती कि माही खेल रहा हैं और विकट के पीछे खड़ा हैं बस यहीं काफी है।

कुछ ऐसे भी मैच रहे जिनमें माही का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन कभी गुस्सा नहीं आया। जिस दिन धोनी का बल्ला बूम - बूम करने लगता, अरे भाई एक दम भोजपुरी स्टाइल में जोर से चिल्लाकर बोलने लगते थे, "धोनिया मारत बा", "फार दे ले बा मार के"। खुशी इतनी होती कि रोने लगते थे। अगर मैच रोमांचक हो गया और माही बैटिंग कर रहा हैं तो बस छक्का जड़कर मैच जीतने की उम्मीद हो जाती। देखो - देखो धोनी मारेगा छक्का और देखते ही देखते बॉल मैदान के बाहर। क्रिकेट का थोड़ा बहुत ज्ञान माही के कारण जाना और प्यार हुआ भी तो सिर्फ माही के वजह से।

माही ने समय को भांपते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से खुद को दूर कर लिया। अब वो सारे मैदान में माही - माही की गूंज नहीं सुनने को मिलेगी। बस दिल को सुकून दिलाने के लिए आईपीएल बचेगा। माही ने हमारे अंदर क्रिकेट प्रेम जगाया था और माही के साथ ही क्रिकेट प्रेम भी खत्म हो जाएगा।
पहले की तरह भागते हुए टीवी खोलने नहीं आयेंगे।
टीवी रिमोट पागलों की तरह नहीं खोजेंगे। माही आप हमेशा में दिल हैं और हमेशा रहेंगे। क्रिकेट के इतिहास में लिखा जाएगा कि बेहतरीन बल्लेबाज, सफल कप्तान, विकेट के पीछे खड़ा होकर मैच को बदलने वाला सिर्फ एक ही इंसान था तो सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी। कैप्टन कूल हम सब आपको बहुत मिस करेंगे।
#TheUntoldStory
एम एस धोनी हमेशा महान लीडर के रूप में याद किये जाएँगे।ऐसा हमने आजतक खेल के मैदान में नहीं देखा।
भारतीय टीम हमेशा जीतते-जीतते आखिर में हार जाती थी। धोनी ने भारत को हार से उबारकर जीतने की आदत लगाई।

धोनी ने ये भी साबित किया कि टीम से बड़ा कोई नहीं होता। धोनी ने जब टीम बनाई तब परफॉरमेंस को सर्वोच्च पैमाना बनाया जिसके चलते कई पुराने दिग्गजों को बाहर जाना पड़ा। अब जब विश्व कप के लिए कोहली को टीम बनानी है तो खुद को टीम से आज़ाद कर भारत के वर्तमान कप्तान को किसी भी तरह के धर्म संकट से बाहर कर दिया। क्योंकि धोनी को ये साबित करना था कि टीम सुप्रीम होती है।
धौनी ने संन्यास जरूर लिया है....लेक़िन हम युवाओं के लिए जाने-अनजाने में उपहार के तौर पर एक उपन्यास दे गए है
की....सपना हक़ीक़त में तब्दील तभी होगा जब धैर्य से बैर नहीं होगा!
मक़बूल धौनी क्रिकेट के बादशाह थे..और सादगी के महानायक!
संघर्ष पथ से सफलता पथ तक कि उनकी कहानी...एलान-ए-संन्यास बयां कर रही है!बेइंतहा चाहने वालों के बेमिसाल माही है...माही बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं बल्कि बेजोड़ आर्मी मैन भी थे।प्रतिभा के धनी धौनी की ख़ासियत...यह भी है कि वह मगरूर नहीं थे!
माही शांत और स्वभाव सौम्य...चेहरे पर हल्का मुश्कान और क्रिकेट के मैदान में शतक पर शतक...इतनी खूबियां एक साथ ऐसे व्यक्तित्व के संन्यास पर कसक तो होगी!
मैं सर्वेश सिंह यही कहूँगा ...शानदार,दमदार,जानदार,ज़ोरदार माही सदाबहार है..और रहेंगे!!

धोनी ने साहिर लुधियानवी का एक गीत शेयर किया है-

मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
कल आयेंगे नग्मों की खिलती कलियाँ चुननेवाले
मुझसे बेहतर कहनेवाले, तुमसे बेहतर सुननेवाले
कल कोई मुझको याद करे, क्यों कोई मुझको याद करे
मसरूफ ज़माना मेरे लिए, क्यों वक्त अपना बरबाद करे.....

माही आप ठीक कह रहे हैं कल कोई और महान क्रिकेटर आयेगा, कई और सितारे आयेंगे... ये भी मुमकिन है कि आपसे बेहतर खेलने वाले आयेंगे और हम सब से बेहतर देखने वाले होंगे पर एमएस धोनी कभी नहीं आयेगा... क्योंकि धोनी क्रिकेट का धूमकेतु है जो सदियों में एक बार आता है।

धन्यवाद माही। बहुत-बहुत शुक्रिया, हमें इतना सुखद पल देने के लिए ।

Sarvesh Singh