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बिना सर का जिन्न

कहानी हमारी ऐसी स्थिति में आती है जिसे लोग मजबूरी कह्ते है
एक बार की है गुजरात के गाओ जहा रात को 7 बजे के बाद से घटनाये घटती है जो आम इंसान के लिए अनजानी है बात उस रात की है जब उस गाव मे मैं एक रिश्तेदार के वहां गया था
मुजे वहां हुए 10 बजे तक हो गए थे लेकिन मैं उस बात से अनजान था क्योंकि मैं पढ़ा लिखा था
चलते चलते मैं बहोत आगे निकल गया तब मुझे वहां एक साया दिखा और मैं उस साये से ही पता पूछने लगा वो साये के गया तो से अजीब बदबूदार ने मुझे पर हाथ को मजबूर कर दिया
भाई साहब यहा मंजूर अहमद का घर कहा है उसने अजीब सी आवाज में कुछ कहा और मुझे हाथ का इशारा किया और मे उस बदबू से परेशान वहां से उस परचल प़डा आगे मुझे सिवाय अंधकार कुछ नहीं दिख रहा था तो मैं थोड़ा रुका पर एक विशेष आवाज और किसी का साक्षात्कार मुजे महसूस हो रहा था
लेकिन मे जल्दी जल्दी मंजूर अहमद के वहां पहुचने लिए चले जाने लगा.. पीछे से एक अज़ीब सा किसी के चलने का एहसास होता था एक बार फिर पीछे मुड़कर देखा तो सिवाय अंधेरे के कुछ ना दिखा मैं चलने लगा रास्ते मे दूर एक सफेद रोशनी नजर और मैं उस रास्ते को छोड़कर उस रोशनी की ओर बढ़ने लगा तब 2 3 बार मुझे लगा कि कोई पीछे से अनजान आवाज आ रही थी लेकिन मैं उस रोशनी की ओर तेजी से चलने लगा वहां पहुंचा तो पता चला कि वह एक पेड़ था और उसके साथ एक मजार थी जिसपर चांद की रोशनी पड़ने पर एक विशेष रोशनी निकालती थी और जिसे देखकर मैं वहां पहुंच गया था
उस अंधेरे में मुझे लगा कि अजीब आवाज आ रही थी मुझे डर लगा और मैं वही रुक गया सारी रात में जागता हुआ बैठा रहा लेकिन सुबह से पहले नीद के पहलू में चला गया
सुबह जब 7 बजे तब किसी ने मुजे उठाया और मे डर से खड़ा हो गया जिसने मुझे उठाया उसने कहा कि मे कबसे यहा सो रहा हू
मेने कहा रात से और उन्हे अपनी रात को हुई घटना कहीं तब उन्होंने मुझे कहा कि उस मजार के पीर बाबा ने जान बचाई वर्ना उस रास्ते पर आने वाले रात को ही मारे जाते हैं क्योंकि वहां एक ऐसी भयानक आत्मा है जिसे लोग बुरा जिन्न कह्ते है जिसने अब तक रात मे 12 लोगों को मार चुका है और इस रास्ते पर रात को जो आता है सुबह उसकी लाश बरगद के पेड पर मिलती हैं
यह सुनकर मुझमे एक कंपकंपी छूट गई मे वहां मजार पर सलाम दुआ करके मंजूर भाई से मिलकर तुरंत उस से निकल गया वापिस आने के बाद भी 2 दिनों तक मुझे बुखार रहा था
आज भी जब वो रात याद कर्ता हू तो मुझे डर लगता है कि यदि उस दिन मैं उस सीधे रस्ते चाला जाता तो क्या हो सकता था और मे अभी यह कहानी आपको नहीं बता पाता