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एक अनसुलझी पहेली - 1

मुम्बई वो शहर जहाँ लोग आँखों में सपने बसाएँ आते हैं। दिन की रौशनी और रात की चकाचौंध, हमेशा न इस शहर काे जिंदा रखती हैं। पर इस रौशनी और चकाचौंध के पीछे छिपे हैं कई राज़। जिनको किसी ने जानने की कोशिश नहीं की, क्योंकि जिंदगी यहाँ चलती नहीं दौड़ती है।
शायद यहीं कारण था की उनलोंगों ने उनकी जिंदगी में हो रही अजीबों-गरीब घटनाआें के पीछे का राज जानने की बहुत दिनों तक कोई कोशिश नहीं की ।
आज की ये कहानी प्रकाश, उसकी गर्लफ्रेंड रौशनी और उनके दोस्त भास्कर के साथ हुई घटना पर आधारित है।
ये तीनों एक साथ बोरोवली के 2 Bhk फ्लेट में रहते थें, जहाँ सिफ्ट हुए उन्हें सिर्फ तीन महीनें ही हुए थे। ये तीनों एक साथ एक ही कॉल सेंटर में काम भी करते थे। जिंदगी का हर लम्हा एक साथ बिताते। इन तीनों की लाइफ प्रफेक्ट थी सिवाय एक अजीब चीज के। हर दिन सुबह जब 3 बजे ये अपनी कॉल सेंटर की डयुटी के लिए उठते तो घर के बाथरूम, किचेन या डाइनिंग हॉल के लाइट को ऑन पाते। एक दूसरे से सवाल-जवाब करने पर एक ही नतीजा निकलता, वो ये कि उन तीनों में से किसी ने भी बाथरूम, किचेन या डाइनिंग हॉल की लाइट नहीं जलाई थी । इस अजीब घटना की शुरूआत आज से तीन महीनें पहले हुई थी जब उन्होंनें इस घर को अपना घर बनाया था।
इन तीनों ने इस बात को किसी के साथ भी discuss नहीं किया क्योंकि उन्हें ये डर सताता कि कहीं उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाना न शुरु कर दे। इस कहानी की अभी तक की बातें मुझे normal लगी क्योंकि मैंनें खुद अपने घर में t.v. को तीन-चार बार खुद-ब-खुद ऑन होते देखा है शायद कोर्इ technical problem हो।
लेकिन अगर हम प्रकाश, नंदनी और भास्कर की कहानी की बात करे तो घटनाएँ सिर्फ लाइट के ऑन रहने तक सीमित नहीं रही क्योंकि धिरे- धिरे एक के बाद एक अजीबों-गरीब घटनाआें ने उनके दिमाग में कई सवाल खड़े कर दिए जिसका जवाब शायद उन तीनों में से किसी के पास नहीं था। शाम करीबन 5 बजे ये तीनों अपने काम से लौटते थे और शाम ठीक 6 बजे घर का काम करने वाली बाईं भी पहुँच जाती थी। कभी-कभार इस घबाईं के साथ उसका बच्चा भी आता जो पूरे घर में खेलता रहता और उनके सामानों से छेर-छार करता रहता। मुम्बई शहर में बाईं मिलना बहुत मुशिकल है और इसलिए शायद वो इस बाईं के बच्चे के सारे नखरों के परे, परेशान होते हुए भी अपनी तरफ से कोइ आपति् नहीं जताते थें।
एक दिन तो हद ही हो गई प्रकाश और नंदनी जब घर लौटे तो पाया की बाईं का बेटा उनके drawing room में खेल रहा है, उन्हें लगा कि शायद बाईं उस दिन जल्दी काम पर आ गई, लेकिन आश्चर्य की बात तो ये थी की बाईं उन्हें सारे घर में कहीं भी नजर नहीं आई।

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मुझे उम्मीद है कि आप सबको मेरी पहेली कहानी पसंद आईगी। आप सबको दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ। धन्यवाद।।