Ankaha Ahsaas - 30 books and stories free download online pdf in Hindi

अनकहा अहसास - अध्याय - 30

अध्याय - 30

हेलो। हाँ कौन ?
मैं गगन बोल रहा हूँ, शेखर सर।
ओ हाँ गगन सर बोलिए।
किसे ढूँढ़ रहे हैं आप ? आभा मैडम को ?
हाँ पर तुम्हें कैसे मालूम ? शेखर आश्चर्यचकित था।
क्योंकि वो मेरे पास है। उसकी आवाज खूँखार हो गई थी।
कमीने !!! तेरी हिम्मत कैसे हुई आभा को छूने की। शेखर चिल्लाया। मधु और रमा एकदम शाक्ड थे। फोन स्पीकर पर करो शेखर रमा बोली। शेखर ने स्पीकर ऑन कर दिया।
छूने की क्या बात है सर मैं तो बहुत कुछ कर सकता हूँ। गगन बोला।
मैं तुझे जान से मार दूँगा कमीने। कहाँ है तू बता ? शेखर गुस्से में तमतमा रहा था।
बताऊँगा, बताऊँगा पर मेरी एक शर्त है।
बता कमीने ? तेरी क्या शर्त है।
मुझे सिर्फ रमा चाहिए। रमा दे जा, आभा ले जा। रमा हतप्रभ थी।
रमा, रमा से तुझे क्या मतलब है ?
रमा से मैं शादी करूँगा। रमा मुझे पसंद है।
रमा एकदम हैरान थी।
कमीने तो तू आभा को क्यों उठाकर ले गया जब तुझे मैं चाहिए थी। रमा बीच में चिल्लाते हुए बोली।
क्योंकि तुम्हें उठाने का मौका ही नहीं मिल रहा था। आज शेखर और आभा की बातचीत मैनें छत पर सुन ली थी। जब वो नीचे आ रही थी तो स्टोर के पास से ही उनको उठाकर वैन में डाल दिया।
कमीने !!! तेरी इतनी हिम्मत। रूक मैं अभी पुलिस को फोन करती हूँ। रमा चिल्लाई।
ऐसा मत करिए मैडम। उससे आभा की जान भी जा सकती है। ध्यान रहे मेरे पास पिस्टल भी है।
अच्छा ठीक है तो बता कहाँ आना है, मैं आने के लिए तैयार हूँ। रमा जोर से चिल्लाई।
ये क्या बोल रही हो रमा। शेखर बोला।
नहीं शेखर मेरी वजह से आभा की जान खतरें में है, मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से तुम लोग तकलीफ में आओ। तुम बताओ गगन मुझे कहाँ आना है।
ये हुई ना बात, मुझे तो भेजा ही गया था मैडम आपके लिए ?
मतलब ? रमा आश्चर्यचकित होते हुए पूछी।
मतलब ये कि मुझे एक विशेष काम के लिए भेजा गया था यहाँ ? गगन बोला।
किस काम के लिए रमा पूछी।
तुमको और अनुज को अलग करने के लिए।
शेखर हैरान था उसको तो पता ही नहीं था अनुज और रमा के विषय में।
किसने भेजा था तुमको ? रमा पूछी।
अनुज की माँ ने और किसने। वही तो चाहती थी अनुज की शादी आभा से हो जाए और रमा उसके जीवन से चली जाए।
रमा, शेखर, मधु सभी ये सुनकर शाक्ड थे।
उन्हीं ने तो मुझे यहाँ भेजा था। गगन ने दोहराया।
ओह गॉड। मधु बोली, माँ ने ऐसा किया।
हाँ जी आपकी माँ ने ही ऐसा किया। गगन फिर बोला।
ठीक है बताओ कहाँ आना है। रमा बोली।
स्पीकर ऑफ करके फोन कान में लो मैं बताता हूँ और याद रखना कि तुमको अकेले ही आना है।
रमा ने स्पीकर ऑफ करके फोन कान में लिया शहर के बाहर जो पुराना राईस मिल खाली पड़ा है तुम वहाँ अकेली आ जाओ। कोई होशियारी दिखाने की जरूरत नहीं है। नहीं तो आभा को गोली मार दूँगा। गगन बोला।
ठीक मैं आती हूँ। कहकर उसने फोन काट दिया।
तुम और अनुज एक दूसरे से प्रेम करते हो रमा ? रमा सिर झुकाए हुए थी।
हाँ शेखर। मधु बोली। अनुज भैया तो रमा के पीछे पागल हैं। इनका प्रेम तो दो साल से भी पुराना है। इन्हीं के लिए तो यहाँ कॉलेज में इतना इनवेस्टमेंट किए हैं तुम्हारे और रमा के प्रकरण से विचलित होकर ही वो आभा से शादी करना चाहते हैं।
अब तो तुम समझ रहे हो ना शेखर कि इस बात से तुम चारो का जीवन खराब हो जाएगा। बेहतर ये होगा कि आप लोग अपने अपने प्रेम के साथ फेरे लो। मधु बोली।
पर अभी तो हम प्राबलम में हैं मधु। वो मुझे शहर के बाहर पुराने राइस मिल मे बुला रहा है। उसके पास पिस्तौल है। अगर किसी भी वजह से उसने किसी के भी ऊपर अगर गोली चला दी तो गड़बड़ हो जायेगी। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है। शेखर तुम पुलिस को फोन कर देना परंतु वो सावधानी बरतें। पहले तुम ही कोई रास्ता देखना जहाँ से अंदर आ सको। मैं सामने से ही जाऊँगी। वो मुझे देख कुछ नहीं करेगा, परंतु तुम्हें देखकर गोली भी चला सकता है। इसलिए तुम भी सावधानी बरतना। मधु तुम अनुज के पास जाओ और उसका मूड देखो अभी उसे कुछ मत बताना। आवश्यक हुआ तो शेखर उसे फोन कर लेगा, तब तक तुम चुपचाप ही रहना।
ठीक है रमा। तुम कोई भी खतरा मोल मत लेना जब तक पुलिस ना आ जाए शांत रहना। मधु बोली और चली गई।
ठीक है रमा। मैं भी पहले पुलिस स्टेशन जाता हूँ फिर तुम्हारे पीछे-पीछे ही ऑटो से वहाँ आता हूँ, आज उसकी खैर नहीं, शेखर गुस्साया।
गुस्से में काम बिगड़ जाता है शेखर। इसलिए समझदारी से काम लेना। रमा बोली।
तुम बहुत अच्छी हो रमा इसीलिए शायद अनुज तुमसे इतना प्यार करता है। तुमने अपनी जान दाँव पर लगा दी बिना हिचके, ये मैं याद रखूँगा।

क्रमशः

मेरी अन्य तीन किताबे उड़ान, नमकीन चाय और मीता भी मातृभारती पर उपलब्ध है। कृपया पढ़कर समीक्षा अवश्य दे - भूपेंद्र कुलदीप।