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सपनों का राजकुमार - 7

भाग 7

स्कूटी खड़ी करके वह अंदर आ गई। मम्मी हॉल में ही थी। क्या हुआ, उन्होंने रत्ना का मुरझाया चेहरा देख कर पूछा।

और छूट दीजिए इसे। कल से इसका कॉलेज बंद घर में रहेगी यह चुडैल, शलभ चिल्लाते हुए बोला।

क्या हुआ, किस भाषा में बात कर रहा है? मम्मी की समझ में कुछ नहीं आया।

कॉलेज के नाम आवारा लड़कों के साथ घूमने जाती है ये, कहते हुए शलभ ने एक जोरदार चाटा रत्ना के गाल पर मार दिया। रत्ना संभली नहीं और दूसरी ओर गिर पड़ी। मम्मी ने दौड़कर उसे उठाया।

बताएगा, क्या हुआ?

पूछो उस आवारा लड़के के साथ रेस्टोरेंट के बाहर क्या कर रही थी यह?

कौन था बेटा, मम्मी ने पूछा।

वो रंजन है मम्मी मेरा दोस्त है। कई दिन से कह रहा था, कुछ बात करनी है इसलिए रेस्टोरेंट चली गई थी, वो पीएचडी के बारे में पूछना चाहता था, रत्ना ने सफेद झूठ कहा।

अच्छा। वो स्कूटी के पास तुझपर झुक कर पीएचडी कर रहा था, शलभ फिर उसे मारने के लिए आगे आया। मम्मी ने रोक लिया, मैं बात कर रही हूं न।

बेटा, ये सब सच है?

मैं तो घर ही आ रही थी, वो बाय करने आया, मेरे माथे पर कोई कीड़ा दिखा था उसको ही हटाने लगा था, भइया पता नहीं क्या समझ गया। रत्ना ने रोते हुए दूसरा झूठ बोला।

बेटा, ये मेरे गले लग कर रोज रात को सोती है, मैं बहुत अच्छे से जानती हूं अपनी बिटिया को, तु बेकार में गलत समझ रहा है। उन्होंने शलभ को समझाया।

वो तो मैं अभी जा रहा हूं उसकी कुंडली निकाल कर ही आउंगा, फिर बताता हूं इसे।

मम्मी ने उसे बाहर जाने से रोक दिया, तु अभी गुस्से में है, कुछ गलत कर लेगा। जो करना है कल करना।

ये कल से कॉलेज नहीं जाएगी। उसने रत्ना की ओर आग्नेय नेत्रों से देखते हुए कहा।

कैसी बात कर रहा है बेटा, मैं अभी इससे बात करूंगी, तु अपने कमरे में जा।

शलभ के वहां से हटते ही रत्ना मम्मी के गले लग कर रोने लगी, मुझे कितनी जोर से मारा, मैं उससे बात नहीं करूंगी, भैया बहुत गंदा है।

ये लड़का तेरा दोस्त है, या और कुछ।

दोस्त है मां।

घर में उस दिन बहुत तनाव रहा। मां ने सबको समझाया कि कुछ होगा तो रत्ना बता देगी। वो कह रही है कि कुछ नहीं है तो हमें इस पर विश्वास करना चाहिए।

अगले दिन रत्ना कॉलेज के लिए निकली, रास्ते में उसने रंजन को फोन किया तो रंजन ने उसे घर पर ही बुलाया।

घर पहुंचने पर उसने बताया कि मम्मी और भइया मौसी के यहां गए हैं। पापा दुकान में हैं। सबसे सेफ जगह यही है यहां भइया नहीं आएंगे।

रत्ना ने बताया घर में क्या- क्या हुआ। रंजन ने होठों से उसके गाल सहलाए। आह! मेरे कारण तुम्हें चोट लगी। छोडूंगा नहीं तुम्हारे भइया को, छोटी बहन को कौन मारता है। बहनों के पांव पूजे जाते हैं और एक तेरे भाई! हाथ उठाया। रत्ना की आंख से आंसू बहने लगे, वो मुझे बहुत प्यार करता था। मुझे इससे पहले कभी नहीं मारा। मैंने ही गलत किया है।

कुछ गलत नहीं किया, प्यार करना कब से गलत होने लगा कहते हुए रंजन ने उसके होठ अपने होठ से बंद कर दिए। उसके हाथ और होठ फिसलते रहे। पहले तो रत्ना ने मना किया फिर वो भी बह चली।

मैंने कल झूठ कह दिया था तुम्हारे बारे में। भइया आज पता लगा चुका होगा सबकुछ। मैं मम्मी को सबकुछ बताना चाहती हूं। तुम जॉब कब करोगे, उसके बाद ही तो हमारी शादी होगी। तुम पढ़ाई के बारे में बताओ न। इंजीनियरिंग कर रहे हो न। रत्ना ने लेटे- लेटे ही पूछा?

नहीं, मैंने कब कहा कि मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूं। रंजन बोला

तो? तुम्हारे भइया यही पढ़ रहे हैं और तुमने भी कई बार इसी तरह की चर्चा की है तो मुझे लगा था तुम भी…। पर तुम पढ़ते क्या हो, कुछ बताते भी नहीं हो।

रत्ना, तुम इतनी पढ़ाकू हो तो मुझे पढ़ने की क्या जरूरत? तुम पीएचडी करके लेक्चरर बन जाओगी। इतने पैसे कमाओगी। और क्या चाहिए हमें? रंजन ने कहा।

क्या बकवास कर रहे हो? अभी शादी के बारे में सोचना है हमें। मेरे घर में तो अब पता चल ही गया है। मैं तो खुद बताना चाहती थी पर तुम पता नहीं क्यों मना करते रहते हो। हमारे यहां किसी लड़की को कोई पसंद आता है, तो घर वाले जल्दी से उसकी कहीं शादी कर देते हैं। तुम्हारी जॉब लगेगी तभी तो हमारी शादी की बात हो सकेगी। रत्ना ने गुस्से से कहा।

गुस्सा मत करो। बताता हूं। मुझे पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। बचपन से ही मैं बहुत बड़ा बिजनेस मैन बनना चाहता था। बिजनेस के लिए बहुत पढ़ाई की नहीं, बिजनेस आइडिया की जरूरत होती है। वो सब मेरे अंदर कूट- कूट के भरा है। पहले मेरे पापा कुछ नहीं करते थे सिर्फ मम्मी ही जॉब करती थी। जब मम्मी पापा की शादी हुई थी तब पापा का जनरल स्टोर था, लेकिन शादी के बाद मम्मी की जाब लग गई और पापा ने दुकान बंद कर दी। मैं जब टेंथ में था तब मेरे मन में साइबर कैफे खोलने का विचार आया। बाकी चीजें तो पुरानी हो चुकी थी। मेरा आइडिया मम्मी को भी पसंद आया। तुरंत कैफे खोला गया। कभी चलोगी तब देखना कितना चलता है हमारा कैफे। सबसे पहले वीडियोगेम भी वहां मैंने ही लांच किया था। उसके लिए भी लाइन लगती थी। मैं छोटा था इसलिए उसे पापा देखते थे। आगे मैं ऑन लाइन बिजनेस प्लान करने वाला हूं। मम्मी ने कहा है कि जब भइया कि पढ़ाई पूरी हो जाएगी उसके बाद वो मुझे बीस लाख रुपए देंगी और मैं अपना बिजनेस शुरू कर लूंगा। अब मैंने पढ़ाई छोड़ दी है और कैफे लगभग मैं ही चलाता हूं। बस तुम्हारे साथ होता हूं तब ही उसे छोड़ता हूं। रंजन ने कहा।

रत्ना को लगा जैसे मन में कुछ टूट गया है। घर में कब से सुनती आई थी कि रत्ना के लिए इंजीनियर ढूंढेंगे। पर वह अधिक उदास नहीं हो सकी। रंजन ने अपनी बात कुछ इस तरह से कही थी कि उसे यही ठीक लगा, क्या होगा जॉब करके? रंजन का बिजनेस आइडिया कितना अच्छा है। उसके मौसा रियलस्टेट का बिजनेस करते थे और उनके पास रत्ना के पापा से कई गुना ज्यादा पैसे थे। कभी कोई बात होती तो घर में पापा कहते भी थे कि हम उनकी तरह कहां कमा सकते हैं, हमें सरकार गिनकर रूपए देती है। मैं घर में तेरे बारे में बताने वाली हूं। शादी करेंगे न हमलोग? उसने रंजन से पूछा।

हां, यार हमलोग हर हाल में जीवनभर साथ रहेंगे। तुझे इतने प्यार से रखूंगा कि तु सोच भी नहीं सकती है। रंजन ने कहा। परसो मम्मी और भइया आ जाएंगे मैं उन्हें भी तेरे बारे में बता दूंगा।

लेकिन पहले तो तेरे भइया की शादी होगी न, अचानक रत्ना को याद आया, रंजन के बड़े भाई की शादी तो हुई ही नहीं है।

हां, उसकी चिंता तु मत कर। भइया अपने गर्लफ्रेंड से ही शादी करने वाले हैं, दोनों साथ पढ़ते हैं। अगर तेरे घरवाले जल्दी मचाऐंगे तो हमदोनो भाई एक ही साथ शादी कर लेंगे। रंजन ने उसका सिर सहलाया।

तब ठीक है। मैं चलती हूं अब कॉलेज खत्म होने का टाइम्स हो रहा है।

समय पर रत्ना घर आ गई। आज एक ही साथ उसे कई प्रकार के अनुभव मिले थे। वह बहुत हल्का महसूस कर रही थी। रोज की तरह जब वह मम्मी के गले लगी तो उसे रंजन के साथ बिताए पल याद आ गए।

मम्मी ने स्नैक्स बनाए थे। वह चख ही रही थी कि शलभ घर आ गया। आते उसने रत्ना के दोनों गाल पर तड़ाक से दो चाटे जड़ दिए।

रत्ना चीख कर रोने लगी। मम्मी किचन से निकली। क्या कर रहा है? मम्मी ने शलभ को डांटा।

अपनी लाडली से मिलिए। साल भर से चक्कर चल रहा है इनका उस दसवीं फेल आवारा रंजन से। उसके दोस्त इसको भाभी बुलाते हैं। पूछिए इससे, वह गुस्से से हाफ रहा था।

रत्ना……पहली बार मम्मी ने जोर से डांट लगाई, कल मुझसे झूठ कहा था तुमने।

वो मैं डर गई थी मम्मी। मैं रंजन से बहुत प्यार करती हूं। आप उसी से मेरी शादी कर देना, उसने रो कर कहा।

बित्ते भर की लड़की देखो, कैसे अपनी शादी के लिए बोल रही है। आज इसे मार डालूंगा, शलभ फिर से उसकी ओर झपटा।

मम्मी ने रोक लिया, बेटा ऐेसे मामला नहीं सुलझेगा। समझाना पड़ेगा इसे। मैं बात करती हूं।

कहां मिलती हो उससे, क्या- क्या करते हो तुमदोनों, वो दसवीं फेल है‌? मम्मी ने एक साथ कई प्रश्न पूछे।

रंजन ने इन सवालों के जैसे जवाब उसे बताए थे, वैसे ही वह बोलने लगी, कभी – कभी कॉलेज के बाहर या रेस्टोरेंट में मिलते हैं। बस। वो दसवीं फेल नहीं है मम्मी। वो बहुत बड़ा बिजनेस मैन बनने वाला है। उसने अभी साइबर कैफे और गेम जोन खोला है। आगे अभी ऑनलाइन बिजनेस करने वाला है। बहुत बड़े पैमाने पर, उसने किसी तोते की तरह एक ही साथ कहा।

मम्मी को लगा, रत्ना को उस रंजन ने बहका लिया है। अभी बच्ची ही तो है। दुनियादारी क्या समझ है इसे। बोली, बेटा, भइया ठीक कह रहा है। वो लड़का तेरे लिए ठीक नहीं है। अभी तुझे सिर्फ पढ़ाई के बारे में सोचना चाहिए। तु तो मेरी रानी बिटिया है, इंजीनियर ढूंढूगी तेरे लिए। खूब धूमधाम से तेरी शादी करूंगी। देखी है कितने साल से तेरी शादी की तैयारी कर रही हूं। कितने सारे तो तेरे गहने बनवा रखें हैं, कई एंटीक चीजें रखी है तेरी शादी में देने के लिए। बनारसी और सिल्क की साड़ी भी रखी है। जानती है न कितना चाव है मुझे तेरी शादी का।

लेकिन मम्मी मैं उसी से प्यार करती हूं वह बहुत अच्छा लड़का है। आप भइया की बात मत सुनिए, उससे मिल लीजिए तब आपको पता चलेगा।

मम्मी ने फिर से उसे ऊंच नीच समझाना शुरू किया। बीच- बीच में शलभ उसे मारने को दौड़ता मम्मी बचा लेती।

रत्ना को रंजन की बात याद आयी। मम्मी, ठीक है मैं उसे भूलने की कोशिश करूंगी। मुझे मत डांटो, मैं उससे कोई संपर्क नहीं रखूंगी। थोड़ा सा टाइम दे दो भूल जाउंगी। तुम लोग को मेरी खुशी मंजूर ही नहीं है तो क्या करूं?

मम्मी ने उसे गले लगा लिया। मेरी अच्छी बिटिया। वो तेरे लिए सही नहीं था इसलिए बेटा।

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