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मास्टर - Movie Review

Movie Review: मास्टर

कलाकार: थलापथी विजय, विजय सेतुपति, मालविका मोहनन, शांतनु भाग्यराज, अर्जुन दास, एंड्रिया और नासर

पटकथा: लोकेश कंगराज, रत्ना कुमार, पॉन प्रतिभान

निर्देशक: लोकेश कंगराज

साउथ के सिनेमा में एक्शन भले ही अधिक हो लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जब बात क्वालिटी और कंटेंट दोनों की आती है तो ये बॉलीवुड को भी कहीं पीछे छोड़ देती हैं. साउथ के सुपरस्टार Thalapathy Vijay और Vijay Setupati की फ़िल्म Master को ही देख लीजिए, फ़िल्म का कंटेंट और क्वालिटी दोनों ऐसी हैं कि फ़िल्म दर्शकों को बांध के रखती हैं।

अगर फ़िल्म की कहानी की बात करे तो यह एक कॉलेज प्रोफेसर की कहानी है जो युवा अपराधियों को सुधारना चाहता है मगर जो खुद एक गुंडे के चंगुल में फंसे हैं. फ़िल्म में प्रोफेसर अपराधियों को सुधारने के लिए जी जान से प्रयास करता नजर आता है, वो बहुत शातिर है और जानता है कि अपनी मंशा पूरी करने के लिए उसे किन हथकंडों को अपनाना है.फ़िल्म में जेडी चेन्नई के एक कॉलेज में प्रोफेसर है. भले ही उसका काम पढ़ने पढ़ाने का हो. मगर जैसा उसका अंदाज है जो व्यक्ति उससे जैसे मिलता है वो उनसे उनकी भाषा में बात करता है. जेडी शरीफों के सामने शरीफ है और वो गुंडों के लिए तो गुंडा है ,लेकिन कहानी थोड़ा पीछे जाकर शुरू होती है भवानी के बचपन से, भवानी एक ऐसा टीनेजर है जिसे सुधारगृह उस व्यक्ति ने भेजा है जिसने उसके पूरे परिवार का क़त्ल किया होता है. सुधारगृह में सुधार क्या ही होता है, भवानी एक ऐसा युवक बनता है जिसे सोचने मात्र से ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. फ़िल्म में भवानी किसी निर्मम राक्षस से कम नहीं है. क्योंकि भवानी का बचपन बहुत जटिल था इसलिए वो सिस्टम से लड़ता है और अपना साम्राज्य खड़ा करने के लिए उनकी मदद लेता है जिन्होंने अपराध की दुनिया में बस अभी कदम रखा है. माता पिता को खो चुके भवानी की परवरिश जिस माहौल में होती है, वही उसका रक्त, मज्जा और मांस बन जाता है। हाथ उसका ढाई किलो से भी ज्यादा वजनी हो चुका है।

फ़िल्म में विजय का रोल भले ही पॉजिटिव हो मगर विजय सेतुपति का रोल इस हद तक मजबूत है शायद उन्हें और निर्देशक दोनों को पॉजिटिव रोल के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा. फ़िल्म में विजय जेडी के किरदार में हैं जिनकी एंट्री तो हीरो वाली ही हुई मगर बात फिर वही है विजय सेतुपति बहुत भारी हैं.फ़िल्म एक्शन के अलावा सस्पेंस से भरी है. फ़िल्म में जेडी जीतता है या फिर भवानी अपने मंसूबों में कामयाब होता है सारे जवाब तब मिलेंगे जब आप यह फ़िल्म देखेंगे.

फिल्म ‘मास्टर’ का असली करंट इसके दो दिग्गज सितारों के आमना सामना होने में है |

अंत में बस इतना ही कि फ़िल्म देखिये. ज़रूर देखिये. हमारा दावा है कि आप बोर नहीं होंगे और जो मनोरंजन आपको मिलेगा आपकी कल्पना से परे होगा.

BY VIJAY R VAGHANI

05/02/21

JAY HIND