Dusari Aurat - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

दूसरी औरत.. - 3

सुमेधा का दिल जोर जोर से धड़क रहा था। "इतनी घबराहट तो मुझे कभी बोर्ड के एग्ज़ाम्स में भी नहीं हुई और न हीं कभी मेरे किसी रिजल्ट के इंतज़ार में मगर आज मेरी जो हालत है न , उफ़्फ़ !!", अपने आप में ही बड़बड़ाती हुई सुमेधा नें अपने घर के पास के ही एक कॉफी कैफे में प्रवेश किया !

सुमेधा जाकर चुपचाप एक कोने की टेबल पर बैठ गयी,जहाँ पहले से ही आकर बैठा हुआ संजय उसका इंतज़ार कर रहा था और इससे पहले कि वो सुमेधा से कुछ कह पाता,सुमेधा ने बोलना शुरू कर दिया !!

यार संजय मैं अब इतनी नजदीक तुमसे मिलने कभी नहीं आऊँगी!यार पता नहीं कि कब और कौन पहचान का मिल जाये?

और फिर आज तो वो पड़ोस की मीना आँटी ही पीछे लग गई मेरे ! पता है फिर मैंने बड़ी ही मुश्किल से उनसे पीछा छुड़ाया,उफ्फ़ !! संजय तुम मेरी बात समझ रहे हो न !

कमाल लग रही हो !तुम्हारे ऊपर ब्लैक कलर बहुत जंचता है,तुम्हारा ये गोरा-गोरा बदन....

बस..बस!!मुझे शर्म आ रही है अगर तुमने और कुछ भी कहा तो मैं यहाँ से चली जाऊँगी, शर्माकर सुमेधा नें अपनी पलकें झुकाते हुए संजय से कहा ।

जान, पिछले चार महीनों से हमारी बात हो रही है और बड़ी मुश्किल से आज तुम मुझसे यहाँ आकर मिलने को राजी हुई हो और अब कहती हो कि चली जाओगी।भला ऐंसे कैसे चली जाओगी?हम जाने देंगे तब जाओगी न ?

संजय की इस बात पर सिहर उठी सुमेधा !

सर,ऑर्डर प्लीज़ !

वेटर के आने पर भी जब संजय नें सुमेधा का हाथ नहीं छोड़ा तो सुमेधा नें उसे घूरकर इशारा किया जिसपर संजय ने सुमेधा का हाथ छोड़कर अपने सामने टेबल पर रखा हुआ मैन्यू उठा लिया और अपने और सुमेधा के लिए कॉफी ऑर्डर करने लगा!

अब संजय और सुमेधा की मुलाकातें अक्सर होने लगी थीं,कभी कॉफी शॉप में तो कभी मॉल में तो कभी किसी पार्क या मार्केट में !!

आज सुबह से ही मौसम बहुत खराब था।एक तो जनवरी की भरी सर्दी और उसपर रातभर हुई झमाझम बारिश मगर इतने खराब मौसम में भी संजय ने सुमेधा से मिलने की जिद्द पकड़ रखी थी ! दरअसल अगले महीने सुमेधा का जन्मदिन था मगर संजय को आज रात ही अपनी कंपनी के काम से पूरे बीस दिनों के लिए विदेश जाना था और इसीलिए वो आज सुमेधा के साथ उसका बर्थडे सैलिब्रेट करना चाहता था ! इधर सुमेधा का पति सुकेत ऑफिस न जाने का मूड बना रहा था और आज सुमेधा का बेटा मयंक भी अपने प्लेस्कूल नहीं जा पाया था !

इस ऊहापोह की स्थिति के बीच सुमेधा पता नहीं कैसे जायेगी मिलनें संजय से मगर हाँ ये बात तो तय है कि वो जायेगी ज़रूर क्योंकि वैसे भी अब बहुत लम्बी जुदाई का सामना करने वाले थे वो दोनों और वो भी मिलने के बाद से आज पहली बार!!

चलिए तो हम सब भी करते हैं सुमेधा और संजय के साथ बारिश के थमनें का इंतज़ार !!

करेंगे न आप भी मेरे साथ... हैं न ??

क्रमशः ...

निशा शर्मा...