Noukrani ki Beti - 14 books and stories free download online pdf in Hindi

नौकरानी की बेटी - 14

आनंदी को इस बार भी अच्छे नंबर लाना है और अब आगे।।



आनंदी अपनी पढ़ाई पूरी करने लगी।इस बार उसके पांच ही विषय थे। गणित का पेपर था आज आनंदी को थोड़ा नर्वस देखा तो रीतू बोली अरे आनंदी रिलेक्स सब अच्छा होगा तेरा।

आनंदी ने कहा हां दीदी फिर पैर छुने लगी और रीतू बोली अरे आनंदी अब सिर्फ गले लग जा पैर मत छू।।

आनंदी ने रीतू को गले लगकर चली गई।

इस बार आनंदी के पेपर में एक दिन का भी छुट्टी नही था और फिर उसका सारा पेपर हो गया और उसके बाद क्लास शुरू हो गया।

आनंदी की कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई।

आनंदी इस बार भी पुरे विभाग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।उसको गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।

उसका इतना अच्छा परफॉर्म देखते हुए हेड सर ने उसे पुरे स्कूल का हेड गर्ल बना दिया गया अब उस पर स्कूल की बहुत सारी जिम्मेदारी आ गई थी।
आनंदी को तो ये सब बखुबी निभाना आता था क्योंकि रीतू ने पुरी तरह से ट्रेनिंग दी थी।

आनंदी जब घर पहुंच तो सारी बातें मां को फोन कर के बताई। कृष्णा वाई बोली तुझे बहुत सारा आशीर्वाद बेटी।।
और फिर जब रीतू आ गई और सब कुछ पता चला तो दोनों बहुत देर तक खुशी से डांस करने लगी।और खुब हंसने लगी।

फिर रीतू ने कहा देखो आनंदी अब मैं कुछ तुम को बता देती हूं। आई एस की तैयारी करने से पहले की कुछ महत्वपूर्ण बातें। और हां उसके लिए तुझे इंडिया वापस जाना होगा।
१)१२वी क्लास पास करें किसी भी सब्जेक्ट से।
२) अब ग्रेजुएशन पूरी करे किसी भी कोर्स में।
३) अब UPSC एग्जाम के लिए अप्लाई करना।
४) अब Preliminary exam क्लियर करना।
५) अब Main Exam क्लियर करना।
६) अब इंटरव्यू राउंड क्लियर करना।

आनंदी ने जब सब सुना तो बोली, दीदी बहुत लम्बी यात्रा है। क्या मैं अकेले में सब कर पाऊंगी। मुझे लंदन से इंडिया वापस जाना होगा।।और ये आई ए एस का फुल फार्म क्या है? दीदी

रीतू ने कहा हां ,Indian Administration Services है। IAS अधिकारी को भारतीय समाज में शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।। ये अफसर भारतीय समाज का प्रतीक है। और तुम एक दिन एक बहुत बड़ी अफसर बनेगी।।

आनंदी ओह दीदी थैंक यू सो मच।। दीदी मैं अपने देश वापस जाकर उन बच्चों की सहायता करना चाहती हुं जो पढ़ना चाहते हैं पर पढ़ नहीं पाते।
रीतू ने कहा हां आनंदी जरूर।

रीतू चल बातें बहुत हो गई अब कुछ काम कर लें।
रीतू ने कहा इस सन्डे हम पिकनिक जा रहे हैं तू भी चलना अच्छा लगेगा।
आनंदी ने कहा ओके दीदी।।

फिर सन्डे को आनंदी और रीतू तैयार हो गई। रीतू बोली पता है आनंदी ग्रीन पार्क लंदन में मेरा पसंदीदा पिकनिक स्पॉट में से एक है।
आनंदी ने कहा अच्छा, कहां है ये?

रीतू ने कहा ग्रीन पार्क ट्यूब स्टेशन के बगल में , एक सुपरमार्केट भी है।
इसमें वह सब है जो एक पिकनिक के लिए आवश्यक है।
चल अब हम निकलते हैं। फिर दोनों कार से निकल गए और कुछ घंटों बाद ही ग्रीन पार्क पहुंचे। आनंदी को बहुत ही खूबसूरत लग रहा था वो जगह।
फिर सब रीतू के दोस्त , आफिस के काम करने वाले इम्प्लाइज भी आ गए। फिर बहुत सारी खाने पीने का अरेंजमेंट किया गया था।
फिर गाना बजाना शुरू हो गया।सब खुब इन्जाय करने लगे फिर पिकनिक खत्म हो गई और सब घर लौट आए।
दोनों ही थक कर चूर हो गए थे और फिर सो गए।

दूसरे दिन आनंदी के स्कूल की छुट्टी थी और रीतू ने भी छुट्टी ले लिया था।
दोनों अपनी पढ़ाई लैपटॉप पर करने लगे।
इसी तरह एक दिन बीत गए।
दूसरे दिन आनंदी स्कूल के लिए तैयार हो कर निकल गई।
रीतू भी आफिस निकल गई।

उधर आनंदी अब सिनियर स्टुडेंट हो गई थी तो उसको ही एस्मबली में सब कुछ अरेंज करना था। रेगुलर के मोटिवेशन वाले लाइन बोर्ड पर लिखना भी उसका काम था।
फिर आनंदी क्लास में पहुंच कर भी सबके होम वर्क सबमिट करके सीधे अपने जगह पर बैठ जाती गई।

फिर क्लास शुरू हो जाता है। मैरी टीचर आकर मैथ समझने लगती है।
आनंदी ने कहा मैम प्लीज़ एक्सप्लेन इट अगेन।
मैरी टीचर ने कहा शीयोर।
फिर आनंदी बहुत जल्दी से समझ गई।
इसी तरह आनंदी का पढ़ाई और कोचिंग क्लास चलने लगा।
इसी तरह समय बीतने लगा और आनंदी का सेकेंड सेमेस्टर परीक्षा की तिथि भी आ गई थी और डेट सीट भी मिल चुका था।
आनंदी ने पुरी तरह से कोर्स तैयार कर लिया था।
फिर क्लास में रिविजन शुरू हो गया था।हर बार आनंदी के १००/१०० अंक आ रहे थे।
आनंदी की कुछ सहेलियां ग्रुप स्डटी के लिए घर में आ गई और फिर सब मिलकर भी पढ़ाई किया।
फिर रात के डिनर के समय आनंदी ने कहा दीदी मैं कभी भी नहीं जान पाती की ग्रुप स्डटी होता क्या है? आज अगर जान पाई हुं तो सिर्फ आपकी वजह से।सच में दी कितना इन्जाय होता है ये आज जाना।
रीतू ने कहा हां, जब कालेज जाएगी तो और मजा आयेगा।
युनिवर्सिटी में बैठ कर कैसे समय बीत जाता है पता ही नहीं चलता है।
आनंदी ने कहा हां दीदी मुझे बारहवीं कक्षा पास होने के बाद ग्रेजुएशन करना होगा है ना?
क्या ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकती हुं। रीतू ने कहा हां।
फिर रीतू का फोन आया तो वह बात करने लगी वो भी अंग्रेजी में।।
आनंदी ने कहा दीदी ये कौन थे जिनका फोटो आया?
रीतू ने हंस कर कहा अरे ये दोस्त से कुछ ज्यादा है। मेरे लाइफ पार्टनर।
आनंदी ने कहा अरे वाह दीदी बहुत अच्छे हैं। कहां रहते हैं?
रीतू बोली अरे ये कनाडा में रहते हैं।
आनंदी ने कहा हां दीदी। आप शादी कर लिजिए।
रीतू ने कहा हां करूंगी पर तेरे लिए मेरी जो जिम्मेदारी है वो पहले पुरी हो जाएं तू अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी तो उसके बाद मैं शादी करूंगी।

आनंदी ने कहा अच्छा ठीक है दीदी,वो क्या करते हैं? और नाम क्या है उनका? रीतू हंसने लगी और फिर बोली अरे आनंदी वो एक डाक्टर है और उनका नाम शैलेश है।
आनंदी ने कहा अच्छा नाम है पर मेरे तो वो जीजाजी है।
रीतू ने कहा हां गुड़िया।
आनंदी ने कहा दीदी वो आएंगे क्या?
रीतू ने कहा हां आने वाले हैं उनका सेमिनार है।
आनंदी ने कहा दीदी वो पिकनिक स्पॉट वाली फोटो मां को भेज दिया क्या?
रीतू ने कहा हां मैंने लैपटॉप पर अपलोड कर दिया है।
आनंदी ने देखा और फिर सारे फोटो राजू दादा को और मां को भेज दिया।

दिल्ली में जैसे ही राजू अपना लैपटॉप खोला तो आनंदी के द्वारा भेज गए फोटो को देखा और सबको दिखाया।
कृष्णा ने कहा राजू बाबा ये आनंदी ही है ना कितनी खूबसूरत लग रही है।
राजू हंस कर बोला अरे कृष्णा वाई ये तो आनंदी ही है।
अनु बोली हां, हां ठीक है कृष्णा लंच बना दे जल्दी, आज मार्केट निकलना है।

कृष्णा ने कहा हां मैम सब हो गया है बस पुलाव बाकी हैं।

लंदन में अब आनंदी के परीक्षा शुरू होने वाले थे कल आनंदी के अंग्रेजी का पेपर था।

आनंदी ने कहा अब मैं बारहवीं में जाऊंगी।
रीतू ने कहा हां इस बार दो ही समेसटर है।
आनंदी ने कहा हां दीदी बस पांच पेपर है।
आनंदी तैयार हो कर कोचिंग क्लास के लिए निकल गई।
रीतू ने रात को डिनर करते समय आनंदी से कहा देख तू अब स्कूटी चलाना सीख ले। जैसे ही तेरा परीक्षा हो जाएगा तो मैं तेरी ट्रेनिंग करवा दुंगी।
आनंदी ने कहा अच्छा ठीक है दीदी।
रीतू ने कहा हां सेल्फ डिफेंस होना चाहिए।
सुबह जल्दी उठकर कर तैयार हो गई आनंदी और पेपर देने चली गई।
और हर बार की तरह इस बार भी आनंदी के सारे पेपर बहुत ही अच्छे से हो गया।

आनंदी का स्कूटी की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई और एक महीने में ही आनंदी का हाथ सेट हो गया था।
फिर एक दिन रीतू ने आनंदी को एक चाबी सौंपी और कहा ले तेरी नयी स्कूटी ।चल मुझे घुमाने ले चल।
आनंदी ये देख कर रीतू को कस कर गले लगकर कर फुट फुट कर रोने लगी।
रीतू ने कहा ये क्या आनंदी ये स्कूटी तो मैंने तुम्हें हंसाने के लिए दिया था ना कि रूलाने के लिए।

आनंदी ने कहा चलो दी हम तुम्हें घुमाते हैं।
रीतू ने जोश में कहा ये हुई ना बात।।
फिर दोनों निकल गए सैर करने।
आनंदी ने कहा वाह दीदी बहुत ही खूबसूरत है ये स्कूटी।आई लव यू दी।
फिर आनंदी ने स्टार्ट किया और फिर दोनों बैठ कर चली गई।
आनंदी बहुत ही अच्छा चला रही थी।
रीतू ने कहा यू आर कमांडिंग वैरी वेल।
और फिर इस तरह आनंदी अब कोचिंग क्लास स्कूटी पर ही जाती थी।
आनदी अब धीरे धीरे सब तौर तरीके सीख रही थी और उसे सिखा रही थी रीतू। कहते हैं ना जहां चाह वहां राह।।
आनंदी के सारे पेपर बहुत ही अच्छे से हो गया था और फिर स्कूल की छुट्टी हो गई।


क्रमशः।।