Confronted by Corona (last part) books and stories free download online pdf in Hindi

कोरोना से सामना (अंतिम भाग)

जैसे वह सरकार का नौकर नही है।रेलवे अस्पताल में डॉक्टर आपका बुखार,बी पी या अन्य चेक नही करेगा।आप कहोगे तब चेक करने के लिए आपको भेज देगा।क्यो सरकार इन पर लाखों करोड़ खर्च करती है।किसके लिए?मरीजो के लिए।जब डॉक्टर मरीज को देखते ही नही है।फिर इस व्यवस्था का क्या फायदा।
हम जांच कराने के लिए स्टेशन आ गए थे।विवेक,हरगोविंद के साथ आ गया था।सर्विस में था।तब इंस्पेक्शन के लिए अधिकारियों के साथ आना लगा रहता था।वैसे भी किसी ने किसी काम से आता रहता था।तब पोस्ट पर था और पोस्ट की अलग अहमियत होती है।
पत्नी का RTPCR कराया।पत्नी बोली,"तुम भी करा लो।"
और मुझे भी करानी पड़ी।
हरगोविंद बोला,"एंटीजेंट करा लो
मैने नही कराया।पत्नी ने करा लिया था।नेगेटिव आया।"
विवेक बोला,"चाय तो पी लो
और हम बाते करते रहे।
फिर मैं ऑटो करके पत्नी के साथ घर आ गया था।जांच करने वाले ने कहा था।रिपोर्ट कल शाम तक आएगी।"
शाम मतलब 9 अप्रेल
9 तारीख की रात मैं सो गया।तब फोन पर घण्टी आयी
"आप किशनलालशर्मा बोल रहे है
"जी"
"आप ने RTPCR करायी थी?
"हां"
"आपकी रिपार्ट पॉजिटिव आयी है"
आप को कोई तकलीफ तो नही है?सांस लेने में दिक्कत"
"नही"
"आप क्या कर रहे हैं?
"रात है।सो रहा हूँ।"
"आपका पता क्या है?"
"रात को आना है क्या?"
"नही सुबह।"
"फिर पता सुबह ही पूछना।"
और मैने फोन रख दिया।
पत्नी और मैं बात करने लगे।कोरोना का खौफ तो था ही।बेटी बार बार फोन करके पूछ रही थी।क्या हुआ?
जैसे तैसे रात गुजारी।सुबह उठते ही मैं ऊपर हॉल में चला गया।मैने अपने को अलग कर लिया।
दस बजे फोन आया,"आप किशनलालशर्मा बोल रहे है।"
"बोल रहा हूँ।"
"आप पॉजिटिव आये है।आप कहाँ है?"
"घर पर।"
"आपका घर सेनेटाइज करना है।आपका घर कहाँ है?"
मैने घर का पता बता दिया।लेकिन आज 28 अप्रेल यानी मेरी रिपोर्ट आने के 18 दिन बाद भी घर सेनेटाइज नही हुआ है।
कोरोना पॉजिटिव ऐसे आये की फिर फोन आने चालू हो गए।कभी कहाँ से कभी कहाँ से।हर बार वो ही बाते
करीब पौने बारह बजे फिर एक फोन आया।जिला अस्पताल से ,"आप कहाँ है?कोई परेशानी।आप अस्पताल आ जाये।
पिछली साल मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये अस्पतालों में मरीजो की दुर्दशा के बहुत समाचार पढ़ और सुन चुका था।इसलिए मैं बोला,"मैं घर मे कोरेन्टीन हूँ।आप को जो भी दवा देनी है।भिजवा दे
"लीजिये आप सर् से बात कर लीजिए"और उसने फोन पकड़ा दिया।मुझसे बात करनेवाले सी एम ओ थे या उनका सहायक मुझे नही पता।वह मुझसे बोला,"हमने तीन प्राइवेट अस्पताल भी ले रखे है।लेकिन वहां भीड़ है।आप जिला अस्पताल आ जाइये।नई बिल्डिंग है।खुला वातावरण।साफ जगह"।
वह मुझे समझाते रहे।मैं उनकी बात सुनकर बोला,"मेरा घर खाली पड़ा है।मैं ऊपर आ गया हूँ।घर मे ही रहने दे।"
"आपके स्वास्थ्य की हमे बहुत चिंता है।सरकार के आदेश है।साठ से ऊपर की उम्र के मरीजों को कभी भी मेडिकल सहायता की ज़रूरत पड़ सकती है।
"लेकिन मुझे कोई परेशानी है ही नही।बिल्कुल ठीक हूँ।"
"आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।आप जानते है अब की बार वायरस के कई फॉर्म है।पहले जैसी बात भी नहीं है।आप से कोई मिलने आना चाहे तो मिल सकता है।दूर से मिल सकता है।यहाँ कोइ परेशानी नही होगी।सब सुविधा है।बेड, खाना आप चाहे तो यहां का ले सकते है।चाहे तो घर का मंगा सकते है।"
काफी देर तक वह मुझे अच्छी तरह समझाते रहे

क्रमश शेष अंतिम भाग में