Ek Ladki - 6 books and stories free download online pdf in Hindi एक लड़की - 6 (6) 3k 10.5k पंछी और स्माईली के जाने के बाद गेरू और परी ऋषि के पास आती हैं गेरू ऋषि से पुछती है - ऋषि ! तुम उससे क्या बाते कर रहे थे ? ऋषि कहता है - कुछ नहीं । ऐसा बोल कर वो वहाँ से चला जाता हैं। थोड़ी देर बाद पंछी और स्माईली क्लास में पढ़ाई कर रहे थे पंछी को नोट्स की जरूरत पड़ी क्योंकि उसने 1 महीने बाद एडमिशन लिया था। पंछी स्माईली से कहती हैं- स्माईली नोट्स देना । स्माईली सोचने लगती है , अगर मैने पंछी को नोट्स दिए तो ऋषि तो मुझे छोड़ेगा नहीं। फिर बोलती हैं - पंछी !मेरे नोट्स घर पर ही रह गये है , तुम ऋषि से ले आओ , अब तो वैसे भी सब ठीक है। पंछी कहती हैं - नहीं स्माईली! वो सब सही नहीं है, गुंडागर्दी करते हैं मुझे उनसे कुछ नहीं लेना। तभी स्माईली की नज़र पंछी के पीछे की खिड़की पर पड़ती है, वहाँ हर्ष उनकी बातें सुन रहा था हर्ष इशारों में स्माईली से कहता है - कुछ भी करके इसे मनाओ , ऋषि के नोट्स लेने के लिए। फिर स्माईली पंछी से डरते डरते कहती हैं - ऐसा कुछ नहीं है वो इतने भी बुरे नहीं है दिल के अच्छे हैं तुम ऋषि के नोट्स ले सकती हो। पंछी कहती हैं - तुम डरी हुई क्यों हो ? और उस दिन तो तुम उनकी बहुत बुराई कर रही थी और आज उनकी इतनी तारीफ ! हो क्या गया है तुझे ? ये सुन कर स्माईली हर्ष की तरफ देखती हैं वो उसे गुस्से से घूर रहा था। स्माईली उसे देख डर जाती हैं। और पंछी की तरफ देख कर कहती हैं - वा रे यार ! पंछी प्लीज् मान जा ऋषि से नोट्स ले ले। कुछ नही होगा । पंछी कहती है - ठीक है ले लूंगी। तू पागलों जैसी हरकते करना बंद कर। ऐसा सुन कर स्माइली की जान में जान आयी और वह खिड़की पर देखती हैं। हर्ष उसे धीरे से 'गुड गर्ल' बोल कर चला जाता है। पंछी थोड़ी देर बाद ऋषि के नोट्स के लिए उसे ढूंढ़ते हुए कैंटीन पहुँच जाती है। कैंटीन में ऋषि और 2 लड़के।, आपस में लड़ रहे थे ऋषि ने उसकी कॉलर पकड़ रखी थी। और गुस्से मैं बोल रहा था -जो भी हुआ उसमे सिर्फ मेरी गलती नहीं थी। तुम्हारा जो भाई है ना वो ही आया था मेरे पास , और फिर कभी यहाँ आये ना तो फिर तुम्हारे साथ क्या होगा इसकी मैं गांरटी नही ले सकता। पंछी ये सब देख कर डर जाती हैं और वहाँ से जाने लगती है , तभी ऋषि की नज़र पंछी पर पड़ती हैं और उसे पुकारते हुए बोलता है -पंछी रुको। और वो उसके पास जाता है तब तक पंछी कैंटीन से बाहर निकल जाती हैं। ऋषि उसके पास जाकर कहता है - क्या हुआ पंछी? पँछी कहती है - कुछ नहीं! मैं तो ऐसे ही आयी थी। ऋषि कहता है - तुम्हे नोट्स चाहिए ? , रुको ! मैं लेकर आता हूं। और वो अपने बैग से नोट्स निकाल कर उसे देते हुए प्यार से कहता है- ये लो पंछी। पंछी नोट्स लेकर वहाँ से चली जाती हैं । कॉलेज ख़त्म होता है, पंछी अपने घर चली जाती हैं। घर पहुँचते ही देखती हैं कि जतन उसके घर के बाहर खड़ा था। पंछी जतन से कहती हैं- क्या हुआ ? यहाँ क्या कर रहे हो ? जतन बोलता है - तुमसे मतलब! मै यहाँ झील से मिलने आया हु। वो आ रही हैं बाहर। पंछी अंदर जाती है, वहाँ सोफे पर बैठी झील उसका इंतजार कर रही थी उसके आते ही बोलती है - पंछी चलो मेरे साथ। पंछी पूछती है - कहाँ ? झील बोलती हैं जतन के साथ डेट पर। पंछी कहती हैं पहले मेरी ड्रेस तो चेंज करने दो। लेकिन झील उसे खिंच कर बाहर ले आती हैं। पंछी को देख जतन बोलता है - ये भी हमारे साथ चलेगी , झील कहती है - हाँ । जतन फिर बोलता है - इसकी क्या जरूरत है , इसे यही रहने दो। फिर फुसफुसाते हुए बोलता है । कवाब में हड्डी कही की । पंछी चिड़ाते हुए बोलती है - सॉरी जतन, मैं तो चलूँगी तुम्हें जो करना हो कर लेना। फिर तीनों कार में एक कैफ़े में जाते है। कैफ़े के बाहर लिखा हुआ था ' कुत्तों से सावधान ' । उसे देख जतन को बिता हुआ दिन याद आ गया। फिर तीनों कैफ़े के अंदर जाते हैं जतन कॉफ़ी ऑर्डर करता है थोड़ी देर में कॉफी लेकर वेटर आता है। उसके पीछे पीछे एक कुत्ता दौड़ता हुआ आता है। जिसे देख जतन उछलता हुआ टेबल पर जा खड़ा हो जाता है और चिल्लाने लगता है ' इसे दूर भेजो ! इसे दूर भेजो ' । थोड़ी देर चिल्लाने के बाद जतन कुत्ते को ध्यान से देखता है वो सोचता है कि इसे तो मैने कही देखा है कहाँ देखा ? इतने में उसे याद आता है कि ये तो वहीं कुत्ता है ,जो कल मिला था। उसके तो वहीं होश उड़ जाते है। और ओर जोर जोर से चिल्लाने लगता है - दूर करो इसे, प्लीज् दूर करो ।वेटर बोलता है - आप शांत हो जाइए । ये पालतू कुत्ता है। कुछ नहीं करेगा। जितने में कुत्ता उसकी तरफ भोंकता है और जतन वहीं बेहोश । थोड़ी देर बाद जतन को होश आता है। उठते ही बोलता है - कुत्ता! कुत्ता। पंछी बोलती हैं - ले गये उसे , ओर वो कुत्ता नहीं है उसका नाम टॉमी है। जतन गुस्से में बोलता है - वो मुझे खा जाता और तुम्हे उसके नाम की पड़ी है। झील बोलती है - गुस्सा मत करो । ये तो ऐसी ही है। जतन शांत होकर बोलता है - ठीक है। मैं आता हूं। जतन उठ कर वाशरूम जाता है वहाँ कांच के सामने जाकर खड़ा होता है उसके पास ही वॉर्निंग लिखी हुई होतीं है ' कुत्ते से सावधान ! अगर कुछ हो जाये तो चुप चाप रेस्टॉरेंट से निकल जाए , क्योंकि टॉमी को हम कुछ नहीं कहने वाले ' उसे देख जतन का सिर चकरा जाता है। बाहर आकर पंछी और झील को लेकर चला जाता हैं दोनों को घर छोड़ कर जतन अपने घर चला जाता हैं। दोनों सोचती रह जाती है कि जतन को हुआ क्या है। अगले दिन फिर पंछी कॉलेज जाती है उसने सोच रखा था कि आज ऋषि को नोट्स वापिस दे देगी। कॉलेज के पीछे की तरफ ऋषि, राज और हर्ष उसी लड़के ( जो कैंटीन में मिला था ) को ढूंढ रहे थे। वो तीनों उसे ढूढ़ते हुए कॉलेज के लास्ट स्टोर रूम में चले जाते हैं वो वहीं था । ऋषि उससे कहता है बोला था ना कि मेरी गलती नहीं थी, चले क्यों नहीं जाते। दूसरी ओर पंछी उसे ढूंढ़ रही थी। वो एक स्टूडेंट से पूछती है कि तुमने ऋषि को कही देखा है क्या ? वो उसे कहता है कि - हां, वो अभी इधर गया है ( लास्ट में स्टोर रूम की तरफ इशारा करते हुए कहता है। ) पंछी उसी तरफ चली जाती है। उधर ऋषि उसे मुक्के मरता रहता है वो खुद को बचाता हुआ ऋषि को धक्का देते हुए पीछे चला जाता हैं। और वहाँ रखे एक पत्थर को लेकर ऋषि की तरफ फेंक देता है ऋषि आगे से हट जाता हैं और वो पत्थर दरवाजे के काँच को तोड़ कर बाहर खड़ी पंछी से टकरा जाता है जिसकी चोट से पंछी चिल्ला उठती है बाहर से पंछी की आवाज़ सुनकर ऋषि दौड़ते हुए बाहर आता है। पंछी के सिर पर चोट लगी थी जिससे खून बह रहा था जिसकी वजह से वो बेहोश हो गयी थी ऋषि पंछी को ऐसे देख डर जाता है और उसे उठा कर हॉस्पिटल ले जाता है। डॉक्टर उसका इलाज करके बताते हैं कि ज्यादा गहरी चोट नहीं है थोड़ा सा खून बहा है जिसकी वजह से बेहोश हो गई थी ।ये सुन कर ऋषि को सुकून मिलता है पंछी बेड पर लेटी हुई थी। ऋषि उसे देख रहा था और उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे। वह उसका हाथ उठा कर धीरे से पकड़ता है और बोलता है - सॉरी पंछी। आज फिर तुम्हें हमारी वजह से चोट लग गई। मेरी दुश्मनी की सजा तुम्हें झेलनी पड़ रही हैं। प्लीज् मुझे माफ़ कर दो। पंछी होश में आने लगती है ऋषि धीरे से उसके हाथ को नीचे रख देता है और अपने आंसू साफ कर देता है । पंछी अपनी आंखें खोलती हैं ऋषि सामने बैठा था वो उससे पुछती है - क्या हुआ था? ऋषि कहता है - कुछ नहीं ।स्टोर रूम में काम चल रहा था अंदर से पत्थर आया जिससे तुम्हे चोट लग गई। फिर पंछी पुछती है कि मुझे यहाँ कौन ले कर आया? ऋषी कहता है - मैं वही था तो मैं ले कर आया । पंछी भी ज्यादा कुछ नहीं कहती है और चुप चाप बैठ जाती हैं। थोडी देर बाद डॉक्टर आकर बोलते हैं कि लगभग 10 दिन का आराम करना और समय पर ये दवाइयां ले लेना ( पर्ची देते हुए कहते हैं ) 2- 3 घण्टे बाद पंछी को डिस्चार्ज मिलता है तब तक ऋषि दवाइयां ले आता है। फिर ऋषि पंछी को घर छोड़ता है। तब भी पंछी चुपचाप थी । ऋषि पंछी कों घर छोड़ कर जाने लगता है लेकिन वो अभी तक पंछी के बोलने का इंतेज़ार कर रहा था। जाते हुए भी कार में से देखते हुए निकल जाता है। पंछी घर में प्रवेश करती हैं सामने ही सोफे पर उसकी मम्मी और झील बैठे थे। ‹ Previous Chapterएक लड़की - 5 › Next Chapterएक लड़की - 7 Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Radha Follow Novel by Radha in Hindi Love Stories Total Episodes : 23 Share NEW REALESED Motivational Stories नराधम पिसाळले Ankush Shingade Short Stories तुटलेल्या पारंब्या Nagesh Horror Stories जोसेफाईन - 9 Kalyani Deshpande Spiritual Stories अध्यात्म रामायण गिरीश Magazine कचरा Gajendra Kudmate Moral Stories मला स्पेस हवी पर्व १ - भाग १४ Meenakshi Vaidya Motivational Stories व्हि आय पी संस्कृती मोडीत निघावी? 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