Takdeer ka khel - 1 in Hindi Fiction Stories by Aarushi Varma books and stories PDF | तक़दीर का खेल - 1

तक़दीर का खेल - 1

कूंज विला..... मूंबई...
सावित्री :- जगदीश, अनिल, भावना, सुरेखा..... सारी तैयारी हो गई ना? (सावित्री खुश होकर पुछती है.)
( इस कुंज विला में रहता है गुजरात से आकर बसा हुआ मेहता परिवार, सुधीर मेहता का परिवार। सुधीर मेहता गुजरात का रहने वाला है। 30 साल पहले जब वह गुजरात में था जब उसके मां-बाप गुजर गुजर गए, तब उसी ने अपने दोनों छोटे भाई अनिल और जगदीश को पाल पोस कर बड़ा, किया उन्हें पढ़ाया। इन तीनों के मां-बाप जब गुजर गए तब अनिल और जगदीश तो सिर्फ 10 ,11 साल के ही थे बड़ा जगदीश और छोटा अनिल। वैसे सुधीर भी कुछ खास बड़ा नहीं था वह भी सिर्फ 16 साल का था, लेकिन फिर भी उसने अपने दोनों छोटे भाइयों को एक बाप की तरह पाला, और खुद मेहनत की खुद पढ़ाई की उन दोनों को भी पढ़ाई करवाई और इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उसने सावित्री नाम की लड़की से शादी की अपने दोनों भाइयों की भी शादी करवाई अनिल की सुरेखा से और जगदीश की भावना से। और फिर वो तीनो भाई अपने बिजनेस के स्टार्टअप के लिए मुंबई चले गए। छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान से उन्होंने शुरुआत की। जो आज सुधीर मेहता इंडस्ट्री बन गई है। जिसमें आज शामिल है आठ रिटेल शॉप और इसके साथ-साथ तीन होलसेल शॉप और एक फैक्ट्री है। और आज जो कुंज विला महल जैसा है, तब तो सिर्फ छोटा सा मकान था। सावित्री, भावना और सुरेखा ने भी इन तीनों भाइयों का हर कदम पर साथ दिया है हर मुश्किल में हर कठिनाई में और सावित्री ने तो बिजनेस में भी बहुत साथ दिया है और सुरेखा और भावना ने घर को संभालने में। वैसे सुरेखा और भावना भी सावित्री की तरह पढ़ी लिखी है। लेकिन, तकदीर का खेल देखो 10 साल पहले सुधीर का एक ट्रक के साथ बड़ा एक्सीडेंट हुआ और उसकी कार खाई में गिर गई और उसकी मौत हो गई। और इस बुरे हादसे से मेहता परिवार भी बहुत समय बाद संभला, सावित्री ने अपना प्यार खो दिया और अनिल और सुधीर ने अपने पिता जैसा भाई को खो दिया। इस बुरे समय में सुरेखा और भावना ने सब को संभाला। सुधीर और सावित्री की एक बेटी है, उसका नाम अनुष्का है। जगदीश और भावना का एक बेटा है विक्रम, जो आज मेहता इंडस्ट्री का एम.डी है। और अनिल और सुरेखा का भी एक बेटा है जिसका नाम है नील, और घर में सभी उसे प्यार से गोलू बुलाते हैं। क्योंकि जब वह छोटा था, तब बहुत गोल मटोल था। इसीलिए सुधीर ने उसका नाम रखा था गोलू, तो इसलिए सभी उसे गोलू ही बुलाते हैं। सुधीर और सावित्री की बेटी अनुष्का की शादी हो गई है। उसकी शादी हूइ है, अमेरिका के एक बहुत अच्छे इंडियन बिजनेसमैन राहुल के साथ। राहुल एक अच्छा बिजनेसमैन होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छा दामाद, एक बहुत अच्छा हस्बैंड है, और अनुष्का से बहुत प्यार करता है। रही बात हमारे गोलू की, तो उसने यूपीएससी टॉप किया है और उसकी पोस्टिंग हो गई है अब सीआईडी ऑफिसर के रूप में मुंबई सीआईडी ब्रांच में। नील ने अपने कॉलेज के 3 साल मुंबई में किए और बाकी उसने पोस्ट ग्रेजुएशन की दिल्ली से और 4 साल से वह दिल्ली में था यूपीएससी की तैयारी के लिए। और अपने एमडी साहब मतलब के विक्रम, उसने अपना ba.llb किया अमेरिका में अपनी बहन के पास और 2 साल तक वहां पर उसने अपनी वकालत की प्रैक्टिस भी की। लेकिन फिर यहां पर आकर उसने अपने बड़े पापा यानी कि सुधीर मेहता का जो सपना था वह पूरा करने के लिए मेहता इंडस्ट्रीज जोइन करली। सुधीर का सपना था कि मेहता इंडस्ट्रीज देश में ही नहीं लेकिन विदेश में भी नाम कमाए और विक्रम ने वह सपना साकार करने मैं पूरे 3 साल की मेहनत की और उसने आखिरकार अपने बड़े पापा का सपना पूरा किया उसके बेहतरीन नए आइडिया और उसकी काबिलियत की वजह से आज मेहता इंडस्ट्री इंडिया में ही नहीं लेकिन विदेश मैं भी बिजनेस टर्नओवर करती है, और उनकी ब्रांच विदेश में भी है। यह जो फैक्ट्री है वह आईडिया विक्रम का ही था उसने ऐसा सोचा कि अगर हम विदेश की कंपनियों के लोन्च किए गए न्यू प्रोडक्ट यूनिक प्रोडक्ट्स को इंडिया में मैन्युफैक्चर करके लॉन्च करें तो इससे बहुत फायदा होगा, और उसके इसी आइडिया ने मेहता इंडस्ट्री को विदेश मैं भी पहचान दिलवाई। और मेहता इंडस्ट्री की इमानदारी और काम करने के लगन की वजह से बहुत सारी विदेशी कंपनियां अपनी प्रोडक्ट मेहता इंडस्ट्री के थ्रू ही इंडिया में लॉन्च करती है। और यह सब विक्रम की मेहनत का नतीजा है। वैसे इस फैक्ट्री के सेटअप में राहुल और नील ने भी विक्रम को बहुत हेल्प करी है।)
( फिर से वर्तमान में आए तो सावित्री आज इतनी खुश इसलिए थी क्योंकि आज नील दिल्ली से वापस आ रहा था और 6 महीने से विक्रम बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका में था राहुल के साथ वह भी वापस आ रहा था तो इसीलिए सावित्री और पूरा मेहता परिवार बहुत खुश था कि उनके जय वीरू आज वापस आ रहे थे यह नाम भी वैसे सुधीर का दिया हुआ है, वह दोनों को बचपन में बुलाता था।)
जगदीश :- जी भाभी सारी तैयारियां हो गई।
( तभी सुरेखा सावित्री की आवाज सुन के किचन में से आती है।) सुरेखा :- भाभी, आज तो मैं सब कुछ मेरे जय वीरू की पसंद का बनाने वाली हूं।
सावित्री :- जगदीश, भावना कहां है?
जगदीश :- अरे, भाभी वो तो विकी और गोलू के कमरों की सफाई करवा रही है। क्योंकि वह दोनों नहीं थे तो उनके कमरे तो बंद थे ना, तो इसी की वजह से, वो ठीक करवा रही है।
सावित्री :- अनिल कहां है? अनिल, अनिल कहां हो तुम?
अनिल :- आया, आया, आया भाभी मैं यहां हूं, वह क्या है ना मिस्टर रोय का कॉल आया था, वह गोवा वाले हमारे क्लाइंट! तो उन्हीं से आज मीटिंग है, उन्होंने कहा वह आज फ्री है कल उन्हें गोवा वापस जाना है, तो आज उनकी डिल को देखकर समझ लेते हैं और बाद में विक्रम आकर उनसे मीटिंग कर लेगा। ठीक है? तो बताइए आप दोनों में से कौन मेरे साथ चल रहा है? आप क्या जगदीश भाई?
सावित्री :- अनिल मैं तेरे साथ चलती हूं क्योंकि जगदीश और भावना तो जा रहे हैं गोलू और विकी को लेने के लिए तो हम दोनों मीटिंग कर कर वापस आ जाएंगे।
अनिल :- तो ठीक है फिर ब्रेकफास्ट करके चलते हैं।
(तीनों ब्रेकफास्ट टेबल पर बैठते हैं)
जगदीश :- वैसे यह जय-वीरू भी ना अजीब है अभी तक नहीं बताया कि कब आने वाले हैं। कुछ पता चला अनिल तुझे कुछ मैसेज आया मुझे तो कुछ नहीं बताया।
सावित्री :- अरे मुझे मैसेज आया ना, मुझे विक्रम और नील दोनों ने आज सुबह ही मैसेज किया, विक्रम की फ्लाइट अमेरिका से मुंबई लैंड होने वाली है कुछ 8:30 बजे और नील दिल्ली से मुंबई ट्रेन में आ रहा है और उसकी ट्रेन करीब 9:30 बजे पहुंच जाएगी।
जगदीश :- चलो ठीक है अभी 8:00 हैं 15 मिनट में निकलते हैं हम, मैं और भावना।
(तभी भावना ऊपर से नीचे आती है)
भावना :- उन दोनों के कमरे तो अच्छे से साफ हो गए, वैसे जगदीश, हमें कब जाना है? विकी और गोलू के लेने के लिए?
जगदीश :- हमें अभी जाना है 15 मिनट में।
भावना :- ठीक है तो मैं भी नाश्ता लगाती हूं, भाभी मैं अभी नाश्ता लेकर आती हूं।
(तभी शांति और सुरेखा आते हैं नाश्ता लेकर)(शांति उनकी कामवाली है।)
(सुरेखा बोलती हैं) :- भाभी नाश्ता में लेकर आ गए हू, आप बैठ जाइए । हम सभी नाश्ता कर लेते हैं। फिर आपको जाना भी तो है, हेना? और सावि भाभी को भी जाना है। तो जल्दी नाश्ता कर लेते हैं। और फिर आप दोनों गोलू और विकी को लेने चले जाइए, और सावि भाभी और अनिल मीटिंग के लिए चले जाएंगे। और मैं और शांति मिलकर विकी और गोलू की पसंद का खाना बना लेंगे और सारी तैयारियां भी कर लेंगे आप चिंता मत करिए।
(सभी ब्रेकफास्ट टेबल पर बैठकर ब्रेकफास्ट करते हैं )



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Dipali Joshi 2 years ago

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Anurag Basu

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