Wo khoufnak barsaat ki raat - 10 books and stories free download online pdf in Hindi

वो खौफनाक बरसात की रात.. - भाग-१०

मुंबई में बीते पिछले तीन दिनों से लगातार बरसात हो रही है,कभी मूसलाधार तो कभी रिमझिम मगर मजाल है कि दो पल भी इसनें रुकने या रुककर सुस्ताने का नाम लिया हो!!

और मौसम की इस मार से मुंबई की सड़कों से लेकर पत्ते,पेड़ टपरी,दुकानें यहाँ तक कि बड़ी - बड़ी, ऊँची - ऊँची इमारतें भी अब अछूती नहीं रही हैं।

रात गहरा चुकी है और शायद रात के इस तीसरे पहर में अब आधी से ज्यादा मुंबई नींद के आगोश में भी जा चुकी है मगर अब बरसात कुछ थमने सी लगी है। बरसात के थमने के बाद इस आधी रात के सन्नाटे को चीरती हुई पत्तों से टप - टप गिरती हुई बरसात की बूंदें पूरे माहौल को एक अजीब सी हलचल से भरने को काफी हैं।

इसी काली - घनी रात के झुरझुरी पैदा कर देने वाले माहौल में हाइट्स अपार्टमेंट के इक्कीसवें माले पर उद्योगपति सुजय खन्ना आज अपनी स्वर्गवासी पत्नी रोमा को याद करते हुए आज उनकी बरसी के दिन उनके सामने पड़ी हुई मेज पर व्हिस्की की बोतल और ग्लास लेकर बैठे हुए कुछ सोच रहे हैं कि तभी उनकी डोरबेल बज उठती है। चूंकि सारे दिन चलने वाले प्रोग्राम के कारण थके हुए अपने तीन नौकरों को उन्होंने आज की रात की छुट्टी दे दी है तो इस वक्त वो अपने फ्लैट में बिल्कुल अकेले हैं।

कुछ देर ठहरकर सुजय ने एक नज़र दीवार पर लगी हुई घड़ी पर डालकर अपनी आँखों की पुतलियों को थोड़ा सा संकुचित करते हुए अपने दरवाजे की आँख से बाहर झाँका। बाहर एक लड़की जिसकी उम्र यही कोई छब्बीस या सत्ताईस वर्ष की रही होगी,तरबतर भीगे हुए कपड़ों में लिपटी, खड़ी हुई थी। उसे बरसात ने इस कदर भिगो दिया था कि उसके बालों से भी पानी टपक रहा था और उसके माथे पर एक लाल रंग की रेखा सी भी दिखाई पड़ रही थी।

सुजय ने उसे देखकर तुरंत ही दरवाजा खोल दिया जिसका कारण शायद सुजय पर चढ़ता हुआ सुरूर शराब का और जादू उस लड़की के शबाब का ही रहा होगा।

"जी वो मेरा मंगेतर और मैं इस रास्ते से कहीं जा रहे थे और फिर इस भरी बरसात से इन रास्तों की फिसलन और खराब रोडलाइट के कारण घुप्प अंधेरे के कारण उसकी बाइक फ़िसल गई और मुझे और उसे चोट लग गई।",उस लड़की ने सहमते हुए कहा।

"ओह्ह!! कोई बात नहीं,आप अंदर आ जाइए।",कहते हुए सुजय ने दरवाजे के एक तरफ़ हटकर उस लड़की को अंदर जाने का रास्ता दिया।

"आपका सोफा गीला हो जायेगा", सोफे पर बैठने से खुद को रोकते हुए ठिठककर लड़की ने कहा।

"जी,जी नहीं आप उसकी चिंता न करें। ये... ये तौलिया लेकर बस आप अपने बाल सुखा लें वरना आपको सर्दी लग जायेगी।", सुजय ने लड़की के हाथ में एक सफेद रंग का तौलिया पकड़ाते हुए कहा।

अब सुजय उस भीगी हुई लड़की के गीले कपड़ों में से उभर आये हुए अंगों का मुआयना करने लगा और तभी उसकी नज़र उस लड़की के चेहरे पर बहते हुए खून पर गई और फिर सुजय ने उससे घबराकर पूछा...ये क्या खून है?

अब वो लड़की सोफे पर आराम से बैठ चुकी थी। उसनें जवाब दिया कि मैंने आपको बताया था न कि हमारा एक्सीडेंट हो गया था तो बस!

ओह्ह!! और वो आपका ब्यॉयफ्रेंड...मेरा मतलब कि आपका मंगेतर?

"जी वो अपनी बाइक ठीक करवाने गया है।",लड़की ने एक रहस्यमयी मुस्कान अपने होठों पर लाकर सुजय की आँखों में देखते हुए जवाब दिया।

कुछ ही देर में सुजय उस लड़की से इधरउधर की बात करता हुआ उसे वाइन का ग्लास ऑफर करने लगा और उस लड़की ने मुस्कुराकर सुजय के हाथ से बड़ी ही नज़ाकत के साथ गिलास ले लिया और उसे अपने होठों से लगा लिया। फिर जब उसनें वो गिलास अपने होठों से अलग किया तो उसके होठों से उसके चेहरे की भांति ही खून बहने लगा। जबकि उसके चेहरे का खून तो अब पूरी तरह से सूख चुका था और उसके माथे पर भी एक गहरी मोटी जमे हुए खून की एक रेखा सी खिंची हुई थी। उससे भी बड़ा आश्चर्य कि उस लड़की के तरबतर भीगे हुए कपड़ें भी अब इस तरह सूख चुके थे कि मानों वो कभी भीगे ही न हों!!

इन सबसे बेखबर सुजय तो बस शराब के गिलास पर गिलास गटकते हुए मानो उस लड़की को आज रात का अपने लिए खुला आमंत्रण समझ रहा था और फिर उसनें टीवी पर एक इंग्लिश चैनल लगा दिया जिसपर कि देर रात आने वाले पॉप सॉन्ग्स आ रहे थे जिसमें अभद्रता और अश्लीलता भर - भरकर परोसी जा रही थी।

"आप न्यूज़ नहीं देखते क्या??",कहते हुए उस लड़की ने सुजय के हाथ से टीवी का रिमोट झपटकर न्यूज़ चैनल लगा दिया।

अब सुजय का ध्यान पूरी तरह से उस लड़की के होठों से बहती हुई खून की धार पर गया और वो अपनी जगह पर बैठे - बैठे ही बुरी तरह से काँपने लगा।

क्रमशः...

आपकी लेखिका...🌷निशा शर्मा🌷