Udaan - 5 in Hindi Fiction Stories by ArUu books and stories PDF | उड़ान - 5

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उड़ान - 5

काव्या अपनी छोटी सी बहस याद करते हुए टेबल पर बैठी तो उसके चेहरे पर मुस्कान देख कर पीहू ने पूछा
"क्या बात है मैडम बड़ा खुश नज़र आ रही" ये बात उसने अपने शरारती अंदाज़ में पूछा तो काव्या झेप गयी
उसने कहा "तुझे बस हर वक़्त मुझ पर नज़र रखनी होती है" और अपनी जगह पर बैठे गयी
"नहीं मैडम जी हम तो आपको कब से देख रहे आप कॉफी ही लेने गयी थी ना? "पीहू ने फिर से उसी अंदाज़ में पूछा तो काव्या हँस के बोली "जब सब पता होता है तो पूछती क्यों है"
उन दोनों की बाते सुन राज ने पूछा "क्या बात है पीहू "
"कुछ नहीं तुम सबको पता है क्या आज हमारे कॉलेज में नया स्टूडेंट आया है" पीहू ने कहा
कौन है? विनी ने पूछा
पीहू ने फिर से एक शरारती मुस्कान काव्या की तरफ बिखेरते हुए कहा
"रुद्र नाम है उसका दिल्ली से transfer लेकर जयपुर आया है अपनी कॉलेज में शायद कोई पारिवारिक कारण रहे है... सुना है बहुत इंटेलिजेंट है अब तो काव्या को कड़ी टक्कर मिलने वाली है या ये कह सकते है की मिल गयी(उसने ये लाइन काव्या को देखते हुए कही) । सबने काव्या की तरफ देखा तो वो असहज हो गयी।
उसका कॉलेज में दूसरा साल था पर उसका नाम कभी किसी लड़के के साथ नही जोड़ा गया पर आज पीहू की बाते सुन वह थोड़ा सपकपा गयी
सब प्रश्न भरी निगाहों से उसे देखने लगे तो उसने बताया की कॉफी लाते टाइम उस लड़के से हल्की सी नोक झोंक हो गयी थी जो की एक सामान्य सी बात थी जिसे ये पीहू बढ़ा चढ़ा के बता रही है। पीहू को उसके ग्रुप में खबरी के नाम से जानते थे। कॉलेज मे क्या हो रहा... किस टीचर का किसके साथ अफेयर चल रहा... किस लड़की ने किसे रिजेक्ट किया... क्लास में किसे किस वजह से डांट पड़ी... किनका हाल ही मे ब्रेकअप हुआ ऐसे कितने ही ज्ञान का खज़ाना था पीहू के पास। उसकी नज़र से कोई नहीं बच पाता और काव्या की रुद्र से तकरार भी उसे पता चल गयी जिसके बाद काव्या की मुस्कान को वह क्या समझ बैठी थी ये तो वही जाने
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कॉलेज खत्म होने के बाद अक्सर वो और विनी पैदल घर को निकल पड़ते 20 मिनट का घर का रास्ता था पर बाते करते करते वो आराम से 30- 40 मिनट में घर पहुंचती थी।
वह चली जा रही थी की उन्हें लगा उनके पीछे कोई है
जब उन्होंने मुड़ के देखा तो वही नया लड़का रुद्र उनके पीछे पीछे कुछ दूरी बना कर चल रहा था
उन्हें लगा की वह उसका पीछा कर रहा पर दोराहे पर उसने अपनी दिशा बदल दी।
विनी ने कहा "सब लड़के अपनी बाईक लेकर आते हे फिर ये लड़का पैदल कैसे घर जा रहा"
"छोड़ ना अपन को क्या कैसे भी जाए" काव्या ने कहा तो विनी ने दूसरी बात छेड़ दी।
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कॉलेज में रुद्र को आए 1 महिना हो आया था पर काव्या और रुद्र के बीच अब तक कोई बात नहीं हुई हाँ दोनों की कभी कभी आँखे मिल जाती तो रुद्र अपनी नजरे झुका कर वहा से चला जाता।
काव्या साधारण नैन नक्ष वाली लड़की थी पर क्लास में सबसे ज्यादा एक्टिव और बातूनी होने के कारण सबका मन मोह लेती। कोई भी लड़का उससे बात किये बिना नहीं रह पाता और जिस दिन वह कॉलेज नहीं जाती तब उसके फोन पर कॉल्स का तांता लग जाता सबको मोहने वाली काव्या से आज तक रुद्र ने बात नहीं की थी ये बात उसे अजीब लगती पर उसने भी कभी शुरुआत नही की थी।
रुद्र क्लास में बहुत ही कम बोलता वह बहुत गम्भीर लगता था।
हाँ उसके कुछ दोस्त बन गए थे जिनके सामने वह हँसते हुए देखा जा सकता था पर काव्या से जब भी उसकी नज़र मिलती उसकी वह हंसी काफूर हो जाती।
काव्या ऐसा होने की वजह जानना चाहती थी पर उसके फ्रेंड्स के बीच वह इतना बिजी रहती की आज तक वह रुद्र से बात नहीं कर पायी थी।
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