Udaan - 11 books and stories free download online pdf in Hindi

उड़ान - 11

दिन गुजरते गए धीरे धीरे सारे एक्जाम खत्म हो गए पर हाँ एक बात हर एक्जाम में कॉमन होती वो था रुद्र काव्या का पास बैठना और काव्या का कई बार रुद्र को देखना।
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आज लास्ट एक्जाम होने से पहले प्रिंसिपल सर ने सबको एक हॉल में बुलाया। काव्या का ग्रुप भी गुपचुप करते हुए वहा पहुँच गया। प्रिंसिपल सर ने सबको बताया कि आपके एक्जाम खत्म हो गए है। 2 साल का ये सफर आपका काफी सुहाना रहा होगा। हम चाहते है कि हर बार की तरह हम आपका एनुअल फंक्शन रखे जो कॉलेज की तरफ से हर दो साल बाद आयोजीत होता है। इस फंक्शन में सबको आना है और सबको बहुत बढ़ चढ़ के भाग लेना है। बाकी सारी गतिविधि आपको अपने फेवरेट सर बता देंगे। ये कह कर प्रिंसिपल सर ने माइक वर्मा सर को दिया। वर्मा सर ने बताया कि हर क्लास के 6 ग्रुप बनाये जायेंगे। उन ग्रुप को एक ड्रामा (नाटक) करना होगा। हर क्लास में औसत 120 स्टूडेंट्स होंगे इस हिसाब से हर क्लास से 4 टीम होगी तो टोटल 12 टीम बनेगी और इन 12 में जिनकी पेरफॉरमेंस सबसे शानदार होगी उन टॉप 3 को प्राइस दिया जायेगा। विनर टीम को प्रिंसिपल सर से 1 लाख का इनाम मिलेगा और इसके बाद कॉलेज एक ट्रिप आयोजीत करेगी जिसमे तीनों टीमो को सारी सुविधाएँ फ्री मिलेगी। सभी ग्रुप के दो लीडर होंगे जिनके नाम आपको कुछ देर बाद बता दिये जायेंगे। वो दोनों लीडर अपनी टीम के मेंबर को अपनी पसंद के हिसाब से चुन सकते है। इसके लिए आपको 2 दिन का टाइम दिया जायेगा।
वर्मा सर की बात खत्म होते ही सारे हॉल में बाते शुरू हो गयी। सब इस फंक्शन और ट्रिप को लेकर बहुत एक्साइटेड थे। पीहू जो अपनी जासूसी फितरत से मशहूर थी वो हैरान थी कि इतनी बड़ी बात की भनक तक उसे न लगी वरना वो कब की सबको बता देती। वो थोड़ी उदास बैठी थी की विनी ने उसे छेड़ते हुए कहा... क्या हुआ आज जासूसी धरी रह गयी क्या?
पीहू थोड़ा उदास थी तो उसने जवाब नही दिया। वीर ने तब बताया की पीहू थोड़ा बिजी थी न इसलिए उसका ध्यान अपने जासूसी किरदार से हट गया। वीर के इस ठहाके पर सब हस पड़े। पीहू भी उनमें शामिल हो खुद कि हँसी उड़वाने लगी। उसे लगता था कि दुसरो को हँसाना मतलब अपने भगवान को खुश करने जैसा था।
तभी वर्मा सर अपने हाथ में लिस्ट ले कर वापस स्टेज पर आये।उन्होंने बताया कि बहुत सोच समझ कर उन्होंने लीडर का चयन किया है। इसने किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। कॉलेज प्रशासन ने सारे स्टाफ की राय ले कर इनका चयन किया है। आपको इसे स्वीकार करना होगा और अपनी टीम के लिए बेस्ट करना होगा। लीडर अपने ड्रामे का नाम जल्दी सबमिट करवाना होगा। इसके लिए आपको 5 दिन का टाइम दिया जायेगा। 15 दिन बाद फंक्शन होगा। वर्मा सर ने लीडर के नाम अनाउंस किये। जैसे ही सर ने काव्या और रुद्र का नाम एक ही टीम के लीडर के तौर पर लिया... दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा। काव्या तो जैसे खुशी से झूम उठी। उसकी ये खुशी आँखों में साफ झलक रही थी। जिसे रुद्र ने भांप लिया था। विनी और पीहू अपनी टेबल पर खड़े हो कर ताली बजाने लगे।उनके उतावलेपन को देख प्रिंसिपल सर भी हँस पड़े। वर्मा सर ने इशारा कर उन्हें नीचे बैठने को कहा। काव्या भी चाहती थी कि रुद्र के सामने जा कर अपनी खुशी का इज़हार करे पर रुद्र के गंभीर चेहरे को देख वह चुप रह गयी। चूंकि दोनों के बीच काफी स्टूडेंट्स बैठे थे तो वह दूर से रुद्र को देख रही थी। इसके बाद सभी लीडर का नाम बता कर वर्मा सर ने सबको शुभकामनाए दे कर विदा ली। सब बहुत खुश थे। कुछ तो खुशी से उछल रहे थे।विनी पीहू राज वीर और काव्या भी उछलते हुए जा रहे थे
रुद्र अपने बेस्ट फ्रेंड अखिल के साथ जा रहा था। काव्या को देख वह रुका। उसने सबको हाय किया और काव्या को देख कर पूछा " तुम तैयार हो न? "
काव्या ने गर्दन हिला कर अपनी सहमति दी। रुद्र ने बताया की हमें अपनी टीम के लिए मिल कर काम करना होगा। एक टीम में 30 बच्चे हो सकते है। तो हमें जल्दी से इन 30 स्टूडेंट्स का नाम सर को देना होगा और आगे की रणनीति बनानी होगी। काव्या रुद्र को देख रही थी। जिस तरह से वो पूरे साल चुप रहा कोई नही सोच सकता था की वो अपनी टीम का इतने प्रभावी तरीके से नेतृत्व कर सकता है। उसने बताया की विनी पीहू काव्या में वीर राज अखिल और निशि एक टीम में है बाकी टीम मेंबर हम जल्दी डिसाइड कर लेंगे। आल दी बेस्ट। कह कर मुस्कुराते हुए चला गया। उसके जाते ही विनी ने कहा "मानना पड़ेगा...काव्या की चॉइस... " विनी ने चॉइस शब्द पर जोर देते हुए कहा। राज और वीर ने भी विनी का समर्थन किया और रुद्र की तारीफ की तो काव्या का चेहरा शर्म से लाल हो गया।
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एनुअल फंक्शन की तैयारी जोरों शोरो से चल रही थी। सभी टीम लीडर ने अपने मेंबर चुन लिए थे। सबने अपने अपने ड्रामे का नाम भी वर्मा सर को दे दिया था।
तैयारी के टाइम सभी मिल झूल के काम कर रहे थे। इस बीच कई बार रुद्र काव्या से टकरा जाता।और काव्या इस मीठे अनुभव के बाद वही खड़ी सोचती रहती। जिसे पीहू आ कर छेड़ जाती तब वह होश में आती। एक बार स्टेज पर रिहर्सल के दोरान काव्या स्टूल पर खड़ी थी। कि किसी के टकराने से वह स्टूल जोर से हिल गया और काव्या का बैलेंस बिगड गया जिससे वह नीचे गिर गयी। उसकी चीख से पूरा हॉल गुंझ उठा। पर काव्या ने अहसास किया की वह जमीन पर नहीं गिरी बल्कि दो मजबूत हाथो ने उसे थाम रखा है। उसने आँखे खोली तो वह रुद्र की बाहों में थी। इतना सुखद अहसास था वह। तभी रुद्र ने उसे जल्दी से नीचे उतार और पूछा "तुम ठीक हो ना काव्या" ?
काव्या ने हाँ में सिर हिलाया। वो दो मिनट पहले हुए सुखद अहसास को भूलना नहीं चाहती थी इसलिए उसने कुछ भी बिना बोले अपनी गर्दन हिला दी। तभी विनी और पीहू भी घबराकर वहा आ गई। उसे सलामत देख उनकी जान में जान आई।
कुछ देर बाद फिर से सब अपने काम में लग गए। दोनों टीम लीडर थे इसलिए ड्रेसेस रेंट पर लाना बाजार से कुछ से
सामान लाना जैसे काम दोनों साथ ही जाते अखिल की बाइक से। एक दिन जब वह दोनों अपने ड्रामे के नायक की ड्रेस लेने गए तो काव्या को बहुत जोर से भूख लगी थी। वह लालचायी नज़र से दुकान के बाहर खड़ी पानीपुरी को देख रही थी। उसे देख रुद्र ने पूछा"खानी है क्या"?
वह थोड़ा असहज हो गयी।
उसने ना में जवाब दिया।
वह सोच रही थी कि दोस्तो के सामने दुनिया भर कि बाते कर लेती है और रुद्र के सामने आते ही उसे क्या हो जाता है... इतनी जोर से भूख लगी है और वह कह भी नहीं पायी। दिन भर इतना काम कर के थक जाती है। और पूरे दिन रुद्र के साथ रहने का सुखद अहसास। पर उसे कह देना चाहिए था ना रुद्र को की हाँ खानी है उसे पानी पूरी... उसे बहुत पसंद भी है और बहुत भूख भी लगी है। पर वह खामोश रही। रुद्र भी उसकी ना पा कर अपने काम मे लग गया। उसने ड्रेस पसंद कर काव्या को बाइक के पीछे बैठा दिया। काव्या जाते हुए पानीपुरी को देखती रही कुछ दूर जाने पर रुद्र ने कहा"भूख लगी है न... सुबह से कुछ खाया भी तो नहीं तुमने... चलो आज तुम्हें मेरी फेवरेट जगह की पानी पूरी खिलाता हु। काव्या का चेहरा खिल उठा। सोचने लगी इसे कैसे पता कि मैंने कुछ नहीं खाया... क्या सच में रुद्र को ख्याल है मेरा... । सोच ही रही थी की रुद्र ने बाइक रोकी। उसने चहकते हुए पूछा "ये तुम्हारी फेवरेट जगह है।
"हाँ...मैं अक्सर यही आता हु" मुस्कुराते हुए रुद्र ने जवाब दिया।
दोनों ने पानी पूरी खायी और कॉलेज लौट आये। जैसे जैसे दिन पास आ रहे थे सबकी एक्साइटमेंट और तैयारिया जोर शोर से थी। रुद्र अब काव्या से काफी मिल झूल गया था। विनी और राज भी और करीब आ गये थे पर दिल की बात अब तक नहीं कह सके। निशि भी अब सबसे मिल के पिछला दर्द भूल चुकी थी। अब फंक्शन का दिन नज़दीक आ गया।किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी अपनी टीम के लिए मेहनत करने की।
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आज एनुअल फंक्शन का दिन भी आ गया। हॉल खाचाखच मेहमानों से भरा था। बड़े बड़े लोगों को एज ए चीफ गेस्ट बुलाया गया। हॉल की सजावट सबके मन को लुभा रही थी।
वहा काव्या और रुद्र अपनी टीम के साथ बीजी थे।
उन्होंने लास्ट बार अपने ड्रामे की प्रेक्टिस की और अपने टीम के प्रफॉर्मेंस का इंतज़ार करने लगे।
उन्होंने अपने अभिनय के रूप में हिंदुस्तान की एक प्रसिद्ध प्रेम कहानी का चयन किया।
कौनसी कहानी थी वो और कौन बने इस कहानी के नायक नायिका?
जानने के लिए पढ़ते रहिये

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