Udaan - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

उड़ान - 7

मैं हेल्प कर दु आपकी?
पीहू ने दोहराया तो उसने कहा
"तु मेरे आस पास अपने कान रखना बंद कर दे"
"अब देखो मैं जान बुझ के तो सुनती नहीं कुछ वो अलग बात है की मेरे कान इतने तेज है की आवाज़ खुद ब खुद मेरे कानों में चली जाती है " शरारती अंदाज़ में पीहू ने बोला।
"अच्छा! क्या समझ आया फिर? "काव्या ने पूछा
"अजी समझना क्या है अब...समझ तो हम कॉफी वाले दिन ही गए थे"पीहू ने उसी अंदाज़ में कहा
"यार तु न मेरी प्रोब्लेम सॉल्व कम करती है और मुझे उलझती बहुत ज्यादा है" काव्या ने कहा
"अब तेरी प्रोब्लेम का सॉल्यूशन मेरे पास नही रहा वो काम तो किसी और के हिस्से चला गया है" पीहू ने कहा और चलती बनी।
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कई बार कॉलेज में काव्या रुद्र के सामने आती पर वह बिना कुछ कहे सुने पास से निकल जाताअब वह सोचने लगी थी की रुद्र ऐसा जानबुझ कर कर रहा है ताकि क्लास के सामने उसे नीचा दिखा सके और कई बार वह ये तक सोच लेती की वह उससे ईष्या और जलन का भाव रखता है
पर रुद्र के सरल और सहज बर्ताव देख कर और उसके उपेक्षा भरे बर्ताव के बाद भी वह रुद्र को पसंद करने लगी थी और इस बात से वह बिल्कुल अंजान थी
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कॉलेज कैंटीन में आज रुद्र , पीहू और विनी के साथ बैठा था
राज और वीर भी वही थे। काव्या अपने किसी काम में बिजी थी इसलिए वह नहीं आ पायी थी इस मौके को देख पीहू ने उसे अपने साथ invite कर लिया था ताकि वह उसके दिल की बात जान सके।
पर थोड़ी ही देर में वहा काव्या भी आ गई तो रुद्र ये कह कर वहा से निकल गया की बाय गाइज़ कुछ जरूरी काम याद आ गया... सी यू सून।
काव्या इस बात से खिन्न हो गयी उसे रुद्र के इस घमंड भरे बर्ताव से नफरत हो चली थी।
उसने आते ही पूछा
"किसने invite किया था इसको" वह कड़क नजरो से सबको देख रही थी।
पीहू ने कहा "चिल्ल यार... अकेले खड़ा था तो मैंने बुला लिया पर तुझे देख कर ऐसे भाग गया जैसे भूत देख लिया हो" हस्ते हुए पीहू ने ये बात कही तो काव्या की आँखें गुस्से से लाल हो गयी तब विनी ने मोर्चा संभाला और कहा "तु बैठ न यार क्या उसका इतना लोड लेती है देख तेरे फेवरेट मोमोज़ ऑर्डर करे है"
उसने रुद्र को साइड मे किया और अपनी प्लेट को लालचाई आँखों से देख कर मोमोस खाने लगी।
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कॉलेज के बाहर विहानि और काव्या घर जा रहे थे। पीहू और वीर दोनो साथ स्कूटी से जाते थे। साथ जाते जाते ही दोनो की दोस्ती प्यार में बदल गयी थी। राज विहानि(विनी) को पसंद करता था पर वह आज तक बोल नहीं पाया था। हाँ ये अलग बात है की उसके प्यार की खबर पीहू को सबसे पहले पता लग गयी थी पर उसने भी विनी को कुछ नही बताया था वह चाहती थी की राज खुद अपने प्यार का इजहार करे उसने कई बार कोशिश की पर हर बार डर के मारे बोल नही पाता। वह डरता था की कहीं वह अपनी सबसे अच्छी दोस्त ना खो दे। उसका भी सपना था की वह विहानि के साथ अपनी बाईक से आया जाया करे पर दो साल होने को आये पर वह आज तक नहीं बोल पाया हाँ बहुत बार विनी को उसने महसूस करवाया है पर साफ शब्दों में उसने कभी इज़हार नही किया था।
पीहू ने तो खुद ही वीर को अपने दिल का हाल बता डाला था क्युकी उसकी तेज नजरो से वीर का हाल ज्यादा दिन छुपा न रह सका इसलिए बिना देरी किये उसने वीर को अपने प्रेम बंधन में बांध दिया था।
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"रुद्र को पसंद करती है ना तु" विनी ने रास्ते में चलते हुए पूछा
"क्या ? " काव्या ने हैरान होते हुए पूछा
"ऐसे हैरान होने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में लगभग सब जानते है तेरे दिल का हाल और एक तु अंजान बनी हुई है" वीनी ने कहा काव्या बिना कुछ कहै चलती रहती है। वास्तव में वह खुद ये मानने को तैयार नहीं थी की वह रुद्र को पसंद करती है