Chhal - 9 in Hindi Moral Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | छल - Story of love and betrayal - 9

छल - Story of love and betrayal - 9

कुछ महीनों बाद..

हवलदार (जेल का ताला खोलते हुए) - "मिस्टर प्रेरित, आइए आपसे कोई मिलने आया है" |
प्रेरित बाहर आया और बोला - "अरे कुशल तुम" |

कुशल नितेश के बाद दूसरा ऐसा शख्स था जिस पर प्रेरित सबसे ज्यादा भरोसा करता था, वह प्रेरित की कंपनी का असिस्टेंट डायरेक्टर भी था | प्रेरित को देखते ही कुशल की आंखें भर आई और उसने कहा,

" सर आपको ऐसी हालत में देख कर अच्छा तो नहीं लगता पर आपको बताना भी जरूरी है, सर इस हादसे के बाद हमारी कंपनी बहुत घाटे में चली गई और उसको संभालने वाला कोई नहीं है, जिससे सभी कंपनियों के वर्कर ने कंपनी छोड़ दी और नौबत यह आ गई है की कंपनियां नीलाम होने वाली हैं, आई एम सो सॉरी सर, मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं"|

प्रेरित (एक ठंडी आह भरते हुए) - " तुम नीलामी के पेपर तैयार करवाओ और कंपनी का कर्जा चुका दो, मैं नहीं चाहता मेरी वजह से किसी का नुकसान हो " |

कुशल - " जी सर " |

कुशल सिर झुका कर जाने लगा पर कुछ सोच कर वापस आ गया और बोला,

" सर एक बात कहूं, मैं नहीं जानता कि आप ने यह सब क्यों किया लेकिन आप कुछ भी सोचे, प्रेरणा मैडम आपसे बहुत प्यार करती थी" |

कुशल ये कहकर चला गया | प्रेरित की कई कंपनियां जिनका शहर में नाम था सब कर्ज में डूब गई थी और मिटने की कगार पर थी, करोड़ों का नुकसान हो चुका था लेकिन प्रेरित को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता था | वो कुशल की कही बात पर गौर करने लगा और प्रेरणा के बारे में सोचने लगा ।

ये सिलसिला यूं ही चलता रहा और फिर धीरे धीरे प्रेरित और भैरव भी अब दोस्त बन गए थे, दिन तो जेल की चारदीवारी में कट जाता था लेकिन अब प्रेरित का मन पश्चाताप और आत्मग्लानि से भरता जा रहा था, वह रात भर बीते दिनों में खो जाता और जब भैरव उससे कारण पूछता तो वो अपनी यादें सुनाने लगता, जो एक सपने जैसी थी |

एक रात तेज बारिश हो रही थी, बिजली रह रह कर कौंध रही थी, प्रेरित को बारिश में भीगना बहुत पसंद था, वो बैठा अतीत के पन्ने पलट रहा था और वो पन्ना ढूंढ रहा था जहां से उसकी कहानी शुरू हुई थी |

"साब क्या हुआ? नींद नहीं आ रही और ये आपने सलाखों से हाथ क्यों बाहर निकाले हैं"?, भैरव ने आश्चर्य से पूछा |

प्रेरित ने कोई जवाब नहीं दिया |

भैरव ने फिर पूछा, "आप ठीक तो हो ना साब"?

प्रेरित (जेल की खिड़की के बाहर देखते हुए) - "महसूस करो इस ठंडी हवा को, भीगी भीगी ठंडी हवा मेरी उंगलियों से छूकर मेरे जहन में उतर रही है, आज भी ठीक उस रात की तरह बारिश हो रही है जब मैं उससे मिला था" |

भैरव ये सुनकर उठकर उसके पास आया और बोला " कौन साब, किससे मिले थे आप, ऐसी तूफानी बारिश में "?

प्रेरित ने गहरी सांस लेते हुए कहा –

" मैं अपने दोस्तों के यहां से पार्टी करके आ रहा था, शाम से ही हल्की बारिश हो रही थी जो अब भारी बारिश में बदल चुकी थी, रात और बारिश के कारण ट्रैफिक भी बिल्कुल नहीं था" |

मैं हल्के नशे में गाड़ी स्पीड के साथ चला रहा था तभी मैंने किसी को देखा और सोचा, "अरे इतनी रात गए ये लड़की बारिश में भीग रही है"।


Rate & Review

Parash Dhulia

Parash Dhulia 1 year ago

Indu Talati

Indu Talati 1 year ago

Mamta Kanwar

Mamta Kanwar 1 year ago

Preeti G

Preeti G 1 year ago

Monika

Monika 1 year ago

hello sir I have an opportunity for you please Mail me on this mail ReenaDas209@gmail.com