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Exploring east india and Bhutan... - Part 6

चोथा दिन :

“उठो अब, नही तो आज का दिन बेकार हे चला जाएगा,” विनीता मुझे हिला रही थी

“ बस दो मिनट और “ मैने खुशामद की

“ कोई दो मिनट नही, उठो अब “ विनीता ने मुझे बाजु से पकड़ कर खड़ा करना चाहा

“ अब तो पांच मिनट लगेंगे “ मेने उसे अपनी बाहों में भर लिया

 

कल रात होटल यात्री निवास में देर से पहुंचे थे,  दिन भर के थके हुए थे, आते ही सो गुए थे, तो सुबह देर होना लाजमी था. यात्री निवास चार धाम मंदिर के सामने ही स्थित है. ये नाम से धर्मशाला लगती है, परन्तु ये एक होटल है. रूम बड़े आकार के हैं, और इनमे जरुरत की लगभग सभी सुविधाएं हैं.  भवन जरुर पुराने स्टाइल से बना है. यहाँ रूम्स २००० से 5000 की रेंज में उपलब्ध हैं. पार्किंग के लिए काफी जगह है.

“ चल पहले रेस्टोरेंट में चल कर  चाय पीते हैं “ मेने विनीता की और देखा

“ में जा रही हूँ , और चाय आर्डर कर रहीं हूँ, अब चाय ठंडी पीनी है या ....” और बात पुरे किये बिना विनीता जा चुकी थी 

रेस्टोरेंट में आ कर देखा तो विनीता व् मानसी चाय पीते हुए किसी गंभीर वार्ता में मग्न थी

“गुड मोर्निंग भैया “ मानसी ने मुस्करा कर कहा.  मानसी मुझे भैया वो विनीता को दीदी कहती थी, चलने दो हमने कोनसी रिश्तेदारी बनानी है, एक दिन का ही तो साथ है, मेने सोचा.

“ तुम अपनी चाय आर्डर कर लो, हम से इन्तजार ना हुआ” विनीता ने इन्तजार ना करने का कारण बताया

“ क्या चल रहा बड़े सिरियस लग रहे हो “ मेने पूछा

“कुच्छ नही आज का  व् आगे का प्रोग्राम बना रहे थे, जो तुम्हारे बस का नही है”

“कबूल” में हंसा

फिर जल्द से तेयार हो कर, नाश्ता कर के हम SIGHT SEEING के लिए निकल लिए .

हम ने सब से पहले चार धाम में भगवान् के दरबार में हाजरी लगाई .

चार धाम (सिद्धेश्वर धाम )

नामची एक सुंदर पर्वतीय स्थल है. चार धाम मंदिर नामची शहर से लगभग 5km,दार्जीलिंग से 48km,जलपाई गुडी से 133km,व् गंगटोक से 80km की दूरी पर,सोलोफोक की पहाड़ी पर 4314 फूट की उचाई पर स्थित है.

इसे सिधेश्वेर धाम के नाम से भी जाना जाता है. यहां भगवान शिव की 87 फुट ऊंची प्रीतिमा है,यह इतनी ऊँची है की, आप काफी नीचे बने हेलीपैड से भी शिव की इस प्रतिमा को देख सकते है. यहाँ पर मंदिर के  साथ साथ ज्योतिलिंग्स के चारों धाम यानी  बद्रीनाथ,जगन्नाथ,द्वारका व रामेश्वरम घाम के मंदिरों के Replica को बनाया गया है. 

पहाड़ की चोटी,शांत वातावरण, एक साथ बारह ज्योतिर्लिंग्स व चार धाम के दर्शन,अगर आप जरा धार्मिक हो, श्रधा सच्ची हो तो, भगवान् से सीधे बातचीत का माहोल बनता  है. 

चार धाइसका निर्माण सिक्किम सरकार द्वारा धार्मिक भावना के साथ साथ पर्यावरण व् पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगभग    56 करोड़ की लागत से किया गया थायह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का. धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटक स्थल है . यहाँ ठहरने के लिए यात्री निवास बनाया गया है,जिसमे 96 कमरे है व् किराया भी ठीक है. यहाँ के रेतोरेंट में भोजन अति स्वादिष्ट व् काफी सस्ता है,विशेष उलेखनीय है, यहाँ की चपाती, जो इतनी बड़ी साइज़ की है,शायद ही आप ने और कहीं देखी हो.  रेस्टोरेंट  बाहर के मेहमानों के लिए भी खुला रहता है.

हिंदू मान्यता के अनुसार,मोक्ष प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को चार धामों की यात्रा करनी होती है,और ये चारों धाम पूर्व में जगन्नाथ,पश्चिम में द्वारका,दक्षिण में रामेश्वरम और उत्तर में बद्रीनाथ में स्थित है .अब अगर आप वहां नही जा सकते तो ये सुनहरा अवसर है , यहाँ चारों धामो की यात्रा एक ही जगह पर करें,व् अपने पापों को धो डाले, अगर कियें ही तो...

प्रवेश फीस: 50/- प्रति वयस्क, पार्किंग शुल्क 30रु - प्रति वाहन

चारधाम देखने के बाद हम  श्री सिरडी साईं बाबा के मंदिर के लिए पैदल चल दिए, क्योंकि  ये चार धाम से पैदल दूरी पर ही है.

Sri Sridi Sai Baba Mandir, NAMCHI ,  INDIA

यह एक बहुत ही सुंदर दो मंजिला इमारत है, ग्राउंड फ्लोर पर भक्त लोग पूजा करते हैं व् पहली मंजिल पर साई बाबा की सुंदर संगमरमर की मूर्ति स्थापित के गई है. मंदिर में सुंदर मुतियाँ वास्तु कला का नमूना है . शिरडी साई मंदिर,साईं भक्तो के लिए ना केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि एक दर्शनीय स्थल भी है.  मंदिर में थोड़ी देर बेठने और ध्यान करने के लिए लिए यहाँ बहुत ही शांतिपूर्ण  वातावारण है. यहाँ पर जलपान के लिए एक रेस्तरां है.

खुलने का समय: सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक है.

कल आपको दार्जलिंग के एक व्यू पॉइंट के बारे बताना भूल गया था, तो अब भूल सुधार लेते हैं :

Teesta Rangeet View Point or lovers meet view point or 7th mile view point

यह संगम दार्जीलिंग से 12km की दूरी पर स्थित है. यहाँ चारों ओर से पहाड़ों से घिरे क्षेत्र में, तीस्ता नदी और रंगीत नदी का संगम होता है. तीस्ता नदी की उत्पत्ति सिक्किम में होती है, जो की 17500 फूट की उचाई पर है. रंगीत नदी की उत्पत्ति कंचनजंगा क्षेत्र के GLACIER OF MOUNT KABRU से होती है. संगम का दृश्य प्रकृति प्रेमियों के लिए एक ना भूलने वाली याद बन जाती है . आप दोनोंनदियों का पानी दो अलग- अलग रंगों में देख सकते हैं. रंगीत नदी अपने गहरे हरे  रंग और क्रिस्टल क्लीयर पानी के साथ  और तीस्ता नदी के हरे  (EMERALD GREEN) रंग के पाने के साथ मिल कर एक हो जाती  है. आगे यह नदी  बँगलादेश में चली जाती है . यहाँ फोट शूट करने के लिए एक व्यू पॉइंट है,जिसे तीस्ता रंगीत व्यू पॉइंट या लवर्स व्यू पॉइंट भी कहा जाता है. यहाँ जलपान के लिए एक दो छोटी दूकान हैं. आप यहाँ रुक कर  एक दो  घंटे का समय चाय काफी लेते हुए आनंद पूर्वक बिता सकते है.

 “ भाभी आज का काफी हो गया चलो होटल चलते है “ मानसी बेचेन लग राही थे

“क्यों थक गई “

“ नही बस होटल चल कर आराम करेंगे “

“विनोद  वापिस होटल “ मेने कहा , लगता था, मानसी किसी बात से परेशान थी.

“BACK TO PAVILION” मानसी ने राहत की सांस ली, और हम होटल के लिए वापिस हो गये .

 

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