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Exploring east india and Bhutan... - Part 11

Exploring east india and Bhutan-Chapter -11

 

सातवा दिन

 

“Susan Sontag ने क्या खूब कहा है “

“क्या कहा है” विनीता अपना चाय को सिप करती हु,ई मेरे पास आ कर सोफा चेयेर पर  बेठ गई

“I haven’t been everywhere, but it’s on my list”

“और ये आप क्यों बता रहे हैं”

“इसलिए कि लाचेन, लाचुंग व् नाथुला, जाना का परमिट खुदा ने हमे नही दिया,  but it’s on my list”

“इंटेलीजेंट”

“धन्यवाद” मेने सिर झुका कर अभिवादन किया

“ये कॉम्प्लीमेंट Susan Sontag के लिए था”

मेने शिकायत भरी नजरों से उसे देखा और वो कानों तक मुस्कराई .


उड़ ना पाऊं ये अलग बात है,

यूं तो हर जहन में परिंदे की उड़ान होती है.

 

PARAGLIDING

 

पैराग्लाइडिंग करने की एक बहुत पुरानी इच्छा थी, परंतु हर बार कभी मौसम की खराबी, कभी कोई और कारण के होते, ये इच्छा पुरी ना हो पाई. परन्तु आज में इन्तजार की घडीयाँ गिनना बाद करके, अपना  सपना साकार करने जा रहा था.

 

विनीता ने ग्रीन कलर की जींस के साथ पीले रंग की जैकेट व् मैंने जींस के ऊपर ग्रे कलर की जैकेट पहनी हुई थी. पैराग्लाइडिंग में लाइफ जाकेट को हाथ, पांव और चेस्ट के चारों तरफ खींचतान करके इस तरह फिक्स कर दिया जाता है,  की आपको सोल्जर कमांडो की फीलिंग आने लगती है, साथ में आपके हाथ में विडीयो  कैमरा दे दिया जाता है, जिससे गन की फीलिंग आती है, यानी कमांडो अटैक के लिए तेयार है.

 

लॉन्चिंग साइट पर में भी अपनी बारी के इन्तजार में खडा था, और लोगों को उड़ते हुए देख रहे था.  मेरे  दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी, जो रोमांच व् रोंगटे खड़े करने वाला अनुभव, डर इस इन्तजार में आता है, वो उड़ान में भी नहीं आता.

 

इसक बाद पेराग्लाईडर को लेकर मेने और पायलट दोनों ने दोड लगाई  व् लॉन्चिंग साइट के पहाड़ की चोटी से नीचे छलांग लगा दी, और यही सबसे रोमांचकारी पल था. उड़ान 25-30 मिनट की थी, और कब समाप्त हो गई पता भी नही चला.

 

फिर हम आसमान से परिंदे की तरह उड़ते हुए जमीन पर आये, विमान में बेठ कर उड़ना एक अलग बात है, पर खुद आकाश में उड़ना कितना रोमांचकारी है, ये खुद पैराग्लाइडिंग करने पर ही पता चला. आकाश में उड़ते हुए गंगटोक के शानदार पहाड़ी दृश्य व् हिमालय की शानदार बर्फ से ढकी चोटियों को देखते हुए हमने बसे पर  लैंडिंग की.

 

हाँ, मेने भी पैराग्लाइडिंग की, और यह एक शानदार, रोमांचकारी अनुभव रहा.

 

हमारा पैराग्लाइडिंग करने का सपना  Oho Adventure ने पूरा करवाया , जोकि  Reshithang Ranka Road पर स्थित है, और इनका दावा है, की इनके पास प्रशिक्षित पेशेवरों की एक टीम है, जो पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को अपनी  निगरानी में सुरक्षित ढंग से करवाते  हैं. हमारा अनुभव इनके साथ बहुत ही सुखद रहा. आप भी पैराग्लाइडिंग करना चाहते हैं, तो पैराग्लाइडिंग के बारे थोड़ा आप को बताना आपके गाइड की ड्यूटी है .

 

आदी काल से ही मनुष्य एक स्वतंत्र पक्षी की तरह उड़ना चाहता था, आकाश में ऊंची उड़ान भरना चाहता था, और इसी चाह ने विमान का आविष्कार कराया. उड़ने की चाहत पुरी करने में  पैराग्लाइडिंग एक कदम है.

 

यदि आप गंगटोक में हैं,तोआपको यहां पैराग्लाइडिंग जरुर करनी चाहिए. गंगटोक, सिक्किम पैराग्लाइडिंग सपोर्ट के लिए एक शानदार स्थान है. यहाँ शानदार लॉन्चिंग की साइटें हैं. अब भारत में पैराग्लाइडिंग का रोमांचकारी  सपोर्ट धीरे-धीरे बहुत आम होता जा रहा है. पैराग्लाइडिंग के लिए कुछ आसान कंडीशन है, जेसे आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ (हालांकि स्वस्थ की कोई परिभाषा नही है) वजन सीमा 90 किलोग्राम से ज्यादा ना हो, बस इतनी सी बात है. इसके बाद आप पैराग्लाइडिंग कराने वालों के ऑफिस में फॉर्म भरते हैं, आपका weight होता है, फिर ये लोग आपके जीप में बेठा कर लॉन्चिंग की साइट तक ले जाते हैं. साईट पर आपको सुरक्षा कवच पहनाया जाता है व् फ्लाइट के बारे में निर्देश दिए जाते हैं. पैराग्लाइडिंग का आनंद लेने के लिए किसी विशेष अनुभव या प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है.

 

फिर पैराग्लाइडर  द्वारा उड़ान भरी जाती है. पैराग्लाइडर जो की पैराशूट की तरह दिखाई  देता है, पर ये पैराशूट नही होता, इसमे एक छोटा सा इंजन लगा होता है, नाव को यदि उसी को उल्टा कर दिया जाये तो पैराग्लाइडर की आकृति बन जायेगी.

 

उड़ान के दोरान एक अनुभवी पायलेट(प्रशिक्षक) आपके साथ होता है, पायलट और यात्री साथ में उड़ते हैं. पायलट पूरी उड़ान में नेविगेशन का ख्याल रखता है, व् रेशमहांग खेल गांव के एक स्टेडियम में आपके लैंडिंग करा देता है.

 

आप दो तरह की पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं, एक मीडियम फ्लाई व् दुसरी हाई फ्लाई.

मीडियम फ्लाई 1300-1400 मीटर की ऊंचाई पर होती है, उड़ान का समय लगभग 5-10 मिनट का रहता है, व् चार्जेज 2500 रूपए प्रति व्यक्ति है. हाई फ्लाई में 2200 मीटर की ऊंचाई होती है, उड़ान का समय 15-20 मिनट का रहताहै, व् चार्जेज 5000 रूपए प्रति व्यक्ति है.

 

आप चाहें तो उड़ान का विडीयो भी ये लोग दे देते है, जिसके चार्जेज 500 रूपए प्रति व्यक्ति है, कोई  ज्यादा नही आप ये विडीयो ले लें, और इन यादगार लम्हों को सुरक्षित कर लें.

 

पैराग्लाइडिंग के रोमांचकारी पलों की यादें ले कर, हम बेक टू पवेलियन आ गये, यानी होटल आ गये, उसका कारण था, मानसी. पैराग्लाइडिंग करते समय मानसी की काल बार-बार विनीता के मोबाइल पर आ रही थी, परन्तु थोड़ी नाराजगी के कारन विनीता ने काल नही ली. परन्तु बाद में मानसी के भावुक मेसेज के बाद विनीता ने कहा में होटल जाते ही तुम से बात करती हूँ.

 

होटल आ कर विनीता काल कारने ही वाली थी, की मानसी का फ़ोन आ गया

“मानसी में तुम्हे काल कर ही रही थी, सच में” विनीता को जरा शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, विनीता ने उसे काल करने का वायदा किया था परन्तु उसके काल करने से पहले मानसी की काल आ गई, मानसी क्या सोचेगी की में उसे अवॉयड कर रही हूँ.

 

“अरे दीदी एक फडकती मस्त खबर सुनो, में आप के साथ भूटान चल रही हूँ, मिस्टर भसीन भी भूटान ही जा रहें हैं, यहाँ तो बात नही बनी” मानसी खुशी के मारे चहक रही थी

“आराम से मानसी आराम से, पहले गहरी सांस लो फिर पुरी बात बताओ “

“दीदी में बहुत खुश हूँ, आप की साथ भूटान चल रही हूँ”

“पर तुम तो बता रही हो तुम्हारी बात बनी नही, फिर खुशी केसी “

“बात ना बनने के दुःख से ज्यादा आप के साथ चलने के खुशी है, आप लोगों के साथ कुछ और दिन बिता सकी तो मुझे पूरा यकीन है मेरी बात बन जायेगी “

“अजीब हो तुम, तुम्हारी इस सफलता की दोड या जिन्दगी की जंग में हमारा क्या योगदान हो सकता है”

“दीदी आप लोग मोटिवेशन की चलती फिरती ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी हो, जो प्यार और प्रेरणा मुझे आपसे मिलती है, वो कहीं किताबों में नही मिलती, और सबसे बड़ी बात मुझे नहीं लगता कि आप गलत हो सकते हैं"

“यह तुम्हारा प्यार बोल रहा है, तुम अपने जॉब के योग्य हो, जानकार हो, कुछ करने का द्रड निशचय है,  बहादुर हो,और क्या चाहिए, बस थोड़ा अनुभवी की कमी है. परन्तु तुम अपनी स्टोरी पर विश्वास करती हो उसके लिए बहादुरी से खडी हो “ 

"दीदी आप नही जानती आपके शब्द और विचार मेरी दुनिया को बदल सकते हैं, आप के साथ बिताये दो दिन में ही मे बदल सी गई हूँ, मेरी कांफीडेंस लेवल अप हो गया है”

“तुम पागल हो, तुम्हारे पास सपने हैं,और तुम उनको सजीव करके रहोगी, में जानती हूँ”

“बस में आ रही हूँ, एक घंटे में पहुँच  जाउंगी “

“आ जाओ” 

मानसी के बाल सुलभ प्यार के सामने कल की नाराजगी पल में गायब हो गई .