Secret Admirer - 43 books and stories free download online pdf in Hindi

Secret Admirer - Part 43

अगली सुबह जब अमायरा सो के उठी तोह उसे किसी की नज़रे अपने ऊपर महसूस हुई। और उन नज़रों में बहुत सारा प्यार, शिद्दत और जुनून नज़र आ रहा था। और एक बार को वोह उन पर यकीन करना चाहती थी। अपने आप पर यकीन करना चाहती थी। यकीन करना चाहती थी की वोह भी खुश रह सकती है जिंदगी भर, की उसे भी प्यार मिल सकता है, किसी का साथ मिल सकता है, जिसकी कभी उसे चाहत थी लेकिन वक्त के साथ उसने गिव अप कर दिया था। की अगर वोह उनका प्यार चुनती है तोह क्या उनकी दोस्ती भी वैसे की वैसी रहेगी। पर फिर उसे एहसास हुआ की उसे लालची नही होना चाहिए। की वोह हमेशा ही अनलकी रही है। वोह जिसे हमेशा ही अपनी जिंदगी में समझौता करना पड़ा है। जिसे वोह कभी नही मिला जो वोह चाहती थी। की अगर वोह बहुत ज्यादा लालच दिखाएगी तो कहीं जो है वो भी न खो दे। क्या होगा अगर वोह कबीर को, उसके प्यार को एक्सेप्ट करले और फिर कुछ समय बाद कबीर को यह एहसास होने लगे की वोह तोह महिमा को ही प्यार करता था और अमायरा के लिए तोह बस इन्फेचुएशन थी। क्या तब उसकी जिंदगी उजड़ नही जायेगी? इससे अच्छा तोह वोह कबीर से कुछ दूरी बना कर ही रखे और उसे भी यह एहसास दिलाएं की यही सही है। यही सोचते हुए की उसके लिए यही सही रहेगा, उसने अपनी नज़रे कबीर पर से हटा ली।

कुछ देर पहले ही कबीर सो कर उठा था और अमायरा के नजदीक ही वोह अपने एक हाथ पर अपने सिर को टिकाए लेटा हुआ था। उसका दूसरा हाथ अमायरा की कमर पर था। अब जब वोह जनता था की वोह उससे बहुत प्यार करता है तोह अमायरा की हर छोटी छोटी हरकत उसे और अट्रैक्ट करती थी। जैसे रोज़ सुबह उठे से पहले वोह अपनी नाक रगड़ती थी, उठने से पहले सबसे पहले अपनी सिर्फ एक आंख ही खोलती थी ताकि रोशनी में उसकी आंखे एडजस्ट हो जाए, और उठने के पांच मिनट बाद भी वोह बैड पर ही लेटी रहती थी जैसे वोह पांच मिनट जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल हों। वोह अपने आप को उसकी तरफ बस खींचता ही हुआ महसूस कर रहा था, और चाह कर भी वोह अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। कबीर पिछले आधे घंटे से चुपके से अपनी जान को निहार रहा था और वोह तब डिस्टर्ब हुआ जब अमायरा ने अपनी आंखें खोल दी। जब अमायरा ने अपनी आंखे खोली थी तो उसकी नज़र सबसे पहले सीधा कबीर पर ही गई थी। और दोनो एक दुसरे को एकटक देखे जा रहे थे, कोई भी अपनी पलके झपकाने के लिए तैयार नहीं था। और फिर अचानक अमायरा ने अपना चेहरा फेर लिया। पर वोह बैड से उठी नही थी क्योंकि कबीर ने उसे कमर से पकड़ा हुआ था।

"गुड मॉर्निंग, जान 💕।" कबीर ने प्यार से अपनी गुड मॉर्निंग छाप अमायरा के माथे पर छोड़ दी और अमायरा अपनी बढ़ती सांसों को बहुत मुश्किल से कंट्रोल करने लगी।

"गुड मॉर्निंग! मुझे वाशरूम जाना है। क्या मैं जा सकती हूं।" अमायरा ने पूछा और इशारे से उसका हाथ अपने ऊपर से हटाने को कहा।

"बिलकुल। तुम जल्दी तैयार हो जाओ, फिर हम चलेंगे।"

"चलेंगे? कहां?"

"उह! ओह! इट्स फ्राइडे बेबी। ज्यादा सवाल मत पूछो। जाओ और जल्दी तैयार हो कर आओ। जब तक तुम वाशरूम से वापिस आओगी तब तक मैं तुम्हारे लिए एक ग्लास दूध ले कर आता हूं।" कबीर ने कहा। वोह जनता था की अमायरा सुबह उठते ही एक ग्लास दूध पीती है।

"मुझे..... ऊउह!"

"अभी बात मत करो। अभी जाओ।" कबीर ने अपना हाथ हटा लिया था और बैड से उठ खड़ा हुआ।

अमायरा ने प्लान किया कि वह कबीर पर ज्यादा ध्यान नहीं देगी और उसका प्लान फेल करने की पूरी कोशिश करेगी। इसलिए जब वह नहाने के लिए गई तो वह बहुत देर तक नहाती रही। वोह ज्यादा से ज्यादा समय वेस्ट करना चाहती थी। वोह कबीर के साथ अकेले नहीं रहना चाहती थी। जब वोह बाथ टब में थी तोह उसने बाहर से गाने की आवाज सुनी और वह इरिटेट होने लगी क्योंकि एक बार फिर कभी में रेडियो चला दिया था।

क्या प्रूफ करना चाहते हैं इस तरह के बेतुके गाने चलाकर। मैं जानती हूं वह सिर्फ मुझे परेशान करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्हें तो हिंदी गाने पसंद ही नहीं है। ओह! गॉड प्लीज मुझे बचा लीजिए।

उसने अपनी आंखें बंद करें और अपने आप को शांत करने लगी। जो गाना बज रहा था उससे वो चिड़चिड़ा रही थी।

इन दिनो दिल मेरा, मुझसे है कह रहा
तू ख्वाब सजा, तू जी ले जरा
है तुझे भी इजाजत, करले तू भी मोहब्बत!!

उन्होंने कैसे इतनी जल्दी अचानक गाना ढूंढ लिया, जैसे उन्होंने रेडियो वालों को अपनी पूरी प्लेलिस्ट दे रखी हो ताकि वह अपने फायदे के लिए अपनी मनपसंद का गाना चलावा सके। सच में ऐसा क्या होगा? हां कर सकते हैं। पैसे से कुछ भी खरीदा जा सकता है।
पर यह मुमकिन नहीं है। रेडियो वाले तो रोज रोज एक ही गाना बार बार बजाते हैं। हो सकता है यह गाना इस वक्त मेरी सिचुएशन पर बाई चांस फिट बैठ गया और उन्हें फायदा मिल गया। हुंह।
अगर उन्होंने सच में ही अपनी मनपसंद का गाना चलाने के लिए उन्हें पे किया हो?

एक बार को वोह सोचने लगी की ऐसा हो सकता है। वोह उसके लिए ही यह सब कर रहें हैं और उसने पहले कभी यह महसूस ही नही किया। वोह जानते थे की मैं इस वक्त रोज़ रेडियो पर गाना चलाती हूं।

इसका मतलब उन्होंने सच में मेरे लिए ऐसा किया?

अमायरा ने अपने आप से पूछा पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। और कबीर से तोह पूछने का मतलब ही नही। उसने फाइनली डिसाइड किया की वोह आज कबीर का सामना करेगी। वोह टब से बाहर आई और अपने कपड़े चेंज करने लगी।

जब वोह वाशरूम से बाहर आई तो उसने देखा कि कबीर सोफे पर बैठ कर अपने लैपटॉप पर काम कर रहा है। वह बिल्कुल नीट एंड क्लीन एक थ्री पीस बिजनेस सूट पहने बैठा हुआ था। वोह बिलकुल ऐसा लग रहा था जैसे की कोई फैशन मैगज़ीन के फ्रंट कवर पर किसी मॉडल की तस्वीर होती है, जैसे वोह सीधा मैगज़ीन से उतर कर सामने बैठ गया हो। और अमायरा ने खुद एक फेडेड जींस पहनी हुई थी, उसके साथ सादा सा लाल रंग का घुटनो तक का कुर्ता। कबीर उसे एकदम शानदार लग रहा था और वोह खुद किसी सड़क पर पैदल चलने वाली आम इंसान की तरह।

रेडियो पर अभी भी गाना चल रहा था। जैसे ही गाना बदला उसका ध्यान उस और चला गया और वोह मुस्कुरा उठी।

तू हो जा ज़रा पागल, तूने मुझको है चुना

सच ही तोह है, यह पागल ही हैं जो इन्होंने मुझे चुना। एक दिन इन्हें रलाइज होगा कि इन्होंने गलती की है तब मैं अपना दोस्त भी खो दूंगी।

कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना

पर मेरे मन में क्या चल रहा है यह सब कैसे जान जाते हैं? ऐसा आज तक कभी किसी ने मेरे लिए नहीं किया। पर आप इतने अच्छे क्यों हैं? कि मुझे लगता है की एक दिन जब मेरा दिल टूट जाएगा तब मैं शायद आपको भी खो दूंगी? हम क्यों दोस्त नहीं रह सकते, हमेशा के लिए?

यह मोह मोह के धागे,
तेरी उंगलियों से जा उलझे

कोई तोह तोह ना लागे,
किस तरह गिरह से सुलझे

काश मैंने कभी आपके सामने अपने आप को खोल कर नहीं रखा होता। पर अब मेरी जिंदगी आपके साथ इतनी बुरी तरह उलझ गई है कि मुझे अब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता। मुझे उम्मीद है, जो भी कुछ अभी हो रहा है, आप हमेशा मेरे साथ ही रहेंगे। क्योंकि आपके बिना मैं अपनी जिंदगी इमेजिन भी नहीं कर सकती। और मैं आपको कभी मना भी नहीं कर सकती। इसलिए यह एक मंथ का ड्रामा मैं सिर्फ आपके लिए कर रही हूं। सिर्फ आपके लिए।

"तुम फाइनली बाहर आ गई मुझे तो लगा था कि तुम मेरा दिल तोड़ कर वॉशरूम से ही किसी सीक्रेट दरवाजे से बाहर भाग गई हो।" कबीर ने उसकी तरफ देखते हुए कहा। और एक पल के लिए अमायरा को समझ ही नही आया की क्या जवाब दे।

"अब तुम दूध पी लो। जल्दी करो, हमें निकलना भी है। तुमने पहले ही बहुत समय ले लिया जिसकी वजह से मुझे गेस्ट रूम में जाकर तैयार होना पड़ा" कबीर ने दूध का गिलास अमायरा के हाथ में थमा ते हुए कहा और अमायरा धीरे-धीरे दूध पीने लगी।

"गुड गर्ल। तो तुम तैयार हो गई हो। अब क्या हम चल सकते हैं?"

"अभी? हमारे नाश्ते का क्या? और आपको लगता है कि मैं तैयार हो गई हूं?" अमायरा ने अपने कपड़ों की तरफ देखते हुए कहा।

"हम ब्रेकफास्ट बाहर करेंगे। और तुम्हे हुआ क्या है? तुम बहुत सुंदर लग रही हो। और क्या चाहिए तुम्हें?" कबीर कंफ्यूज हो गया था।

"नही। मैं..... मुझे....देखो मैं।"

"क्या हुआ है अमायरा?" कबीर ने प्यार से पूछा।

"अपने आप को देखिए। आप कितने अच्छे लग रहे हैं। कितने अच्छे से तैयार हुए हैं। मैं आपके साथ कैसे जा सकती हूं इस तरह, ऐसे कपड़े पहन कर?" अमायरा ने माना की वोह शर्मिंदगी महसूस कर रही थी।

"तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो अमायरा। तुम्हें इस तरह ऑकवर्ड फील करने की कोई जरूरत नहीं है।"

"मैं नही जा सकती। आप जाइए, किसी ऐसे के साथ जो हर तरीके से आपके लायक हो। कोई जो महिमा के जैसी हो, जो सुंदर हो, अच्छे से तैयार होती हो, ऐसी जो एलिगेंट और सोफिस्टिकेटेड दोनों लगे।"

"महिमा मेरा अतीत है। और तुम मेरा आज और भविष्य। हालांकि मैं उससे बहुत प्यार करता हूं पर मैं तुम्हें कभी उसके साथ कंपेयर नहीं करूंगा। और तुम भी मत करना। वह अलग है और तुम अलग और तुम जैसी भी हो, जो भी हो मेरे लिए परफेक्ट हो। इसके अलावा मुझे किसी चीज की परवाह नहीं। मैंने तुम्हें पहले कभी नहीं कहा पर आज कहता हूं जब भी तुम हंसती हो मैं सब भूल जाता हूं। बहुत अच्छी मुस्कान है तुम्हारी जो मुझे तुम्हारी और खींचते हैं।" कबीर ने कहा और अमायरा शर्माने लगी। "बस अब मुझे 5 मिनट दो फिर हम दोनों चलते हैं। मुझे बस कुछ मेल भेजनी है फिर उसके बाद आज का मेरा पूरा दिन तुम्हारा।"

अमायरा ने हां में सिर हिला दिया।

अमायरा शीशे के सामने बैठी थी और अपने कुर्ते से मैचिंग इयरिंग्स ढूंढ रही थी, ताकि वोह कुछ नॉर्मल दिख सके और दूसरों के सामने उसे एंबारिस नही होना पड़े। उसका दिमाग अभी भी कबीर की कही बातों को झुकलाने में लगा हुआ था।

मैं उन्हे सुंदर कैसे लग सकती हूं जबकि उनकी गर्लफ्रेंड एक फेमस फैशनिस्टा थी। और फिर उनका तोह एक बहुत बड़ा सोशल सर्किल भी होगा जहां एक से एक खूबसूरत और एलिगेंट लड़कियां रोजाना मिलती होंगी। उनके पास तोह बहुत सारी चॉइसेस हैं और वोह उनमें से किसी को भी आसानी से चुन सकते हैं।

तभी कबीर अपनी सीट से खड़ा हुआ और अमायरा के पीछे आ कर खड़ा हो गया। उसने उसे शीशे में देखा और अमायरा ने भी पलट कर उसे शीशे से ही देखा। कबीर ने महसूस किया की यह तोह उनकी रोज़ की आदत बन गई थी, एक दूसरे की परछाई को शीशे में से ही निहारना।

"तुम शायद मुझ पर यकीन नही करना चाहती हो पर मेरे लिए, तुम सबसे खूबसूरत लड़की हो। अभी अगर तुम चाहो तोह मैं ऐसे ही तुम्हारी और तारीफे कर सकता हूं, और करता रहूंगा। पर फिर इससे हमारा ब्रेकफास्ट डिले हो जायेगा।" कबीर ने मज़ाक करते हुए कहा और अमायरा हस पड़ी।

"वैसे तुम्हे नही लगता जान 💕 की ये रेडियो वाले इन दिनो अपना काम बहुत ही अच्छे से कर रहें हैं। हर गाना जो इन दिनों बजता है वोह मुझे तुम्हारी सिचुएशन की याद दिलाता है।" कबीर ने मज़ाक किया और अमायरा ने अपनी नज़रे उस पर से हटा ली। वोह अपने आप को कोसने लगी की वोह कबीर के बारे में क्या क्या सोचने लगी थी की उसने पैसे दिए होंगे रेडियो वालों को यह गाने बजाने के लिए। जबकि वोह अच्छी तरह से जानती थी की कबीर को तोह ज्यादा हिंदी गानों के बारे में पता ही नही। यह तोह सयोंग से हुआ था और वोह न जाने क्या क्या कहानी अपने मन में बनाने लगी थी।

"मुझे इनमे से एक भी गाना नही पसंद जो आज कल ये लोग चलाते हैं। असल में, मैं तोह सोच रही थी की यह रेडियो इस कमरे से बाहर फेक दूं।"

"क्यों? मेरा मतलब है आज कल मुझे हिंदी गाने बहुत पसंद आने लगे हैं, तुम्हारी वजह से और इस रेडियो की वजह से।" कबीर की मुस्कुराहट बड़ी हो गई।

"हम सबको क्या कहेंगे की, हम कहां जा रहें हैं?" अमायरा ने बात बदलते हुए पूछा।

"कुछ नही। हम शादी शुदा हैं। हमे किसी की परमिशन की जरूरत नहीं है एक साथ बाहर घूमने जाने के लिए।"

"पर।"

"चलो भी अमायरा। मुझे बहुत भूख लगी है।" कबीर ने अमायरा का हाथ पकड़ा और उसे लेकर कमरे से बाहर निकल गया। कबीर लिविंग रूम में आके अपनी मॉम से कहा की वोह दोनो बाहर जा रहें हैं और रात को लेट आयेंगे इसलिए उनका इंतजार ना करे।

और इस दौरान अमायरा थोड़ा ऑकवर्ड फील कर रही थी। वोह थोड़ी घबराई हुई भी थी और इस बात से अनजान की आगे क्या होने वाला है। कबीर ने उस से कहा था की वोह उसे एक चांस दे अपना प्यार साबित करने के लिए। तोह वोह क्या करने वालें हैं? क्या वोह अपना प्यार जताने के लिए उसे बड़ा सा फूलों का गुलदस्ता देगा या गुब्बारों का गुलदस्ता? क्या उसके जूस के ग्लास में उसे एक अंगूठी मिलेगी क्योंकि शराब से तोह उसे नफरत है? या फिर वोह चॉपर से उसके ऊपर फूलों की बरसात कराएगा? या फिर प्राइवेट जैट से उसे दूसरे देश ले कर चला जायेगा?

क्या बकवास बातें सोच रही हो अमायरा? इस तरह की चीज़े सिर्फ पिक्चरों में और कहानियों में ही होती हैं। असल जिंदगी में नही। अभी तुम बस जाओ और ब्रेकफास्ट करो क्योंकि मुझे बहुत भूख लगी है।

घबराती हुई अमायरा गाड़ी में बैठ गई, आगे के बारे में सोचते हुए की वोह कैसे रिएक्ट करेगी अगर इन सब में से एक भी बात सच हो गई।












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