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Exploring east india and Bhutan... - Part 15

Exploring East India and Bhutan-Chapter- 15

 

दसवा  दिन

 

 

हम रात को आकर Jaldapara Tourist Louge में रुके थे. लॉज की हमने ऑनलाइन बुकिंग करवा ली थी,आते ही हमे कॉटेज मिल गया था, परन्तु चेक इन करते ही सबसे पहले हमने एलीफैंट राइड  बुक करवा ली.

 

सुबह नींद से जागा तो देखा विनीता रूम में रखी इलेक्ट्रिक कैटल से चाय बना रही थी.

“अरे इसमें क्या मजा आएगा , रूम सर्विस को आर्डर कर दो”

“अच्छा मुझे तो आर्डर करने का पता ही नही था, जरा आप कष्ट करें”

मै समझ गया कुच्छ गड़बड़ है

“अच्छा भाई गलती हुई , अब बता भी दो क्या बात है

“अभी किचन खुली नही है “

“OK, अरे इलेक्ट्रिक कैटल से बनी चाय और वो भी तुम्हारे हाथों से , कोई मुकाबला ही नही है “

विनीता मुस्कराई.

 

हम जिस कोटेज में रुके थे, यह लकड़ी से बनी थी व् सतह के नीचे लकड़ी के पांवे लगे थे, जिससे कोटेज को जमीन से चार-पांच फूट उपर उठाया गया था, व् कोटेज  में प्रवेश करने के लिए  आठ सीडी चढ़नी पड़ती थी, कोटेज एयर कंडिशन्ड था. कोटेज का पिछ्ला दरवाजा जंगल फेसिंग था.

 

हर कोटेज का नाम पक्षीयों के नाम पर रखा गया है, पर नाम बंगाली में लिखा था, और  नाम के साथ पक्षी की फोटो भी बनाई थी, नाम तो समझ में नही आया पर साथ में मोरनी की फोटो बनी थी, तो हमने अपने  कोटेज का नाम मोरनी रख लिया. कोटेज के सामने लंबा चोडा पार्क था, जिसके एक तरफ कॉटेज बने है व् दुसरी तरफ दो मंजिला बिल्डिंग है, जिसमे गेस्ट के लिए रूम्स है.

 

थोड़ी जानकारी आप को इस टूरिस्ट लॉज के बारे में दे दूं.

 

Jaldapara Tourist Louge

यह बागडोगरा एयरपोर्ट से 127km व् मदारीहाट रेलवे स्टेशन से सिर्फ 1.5km की दूरी पर स्थित है. आमतोर पर Jaldapara National Park देखने वाले पर्यटक यहाँ स्टे करना पसंद करते है .जलदापारा नेशनल पार्क की सैर जीप सफारी या एलीफैंट राइड द्वारा की जा सकती है,परन्तु हाथी से जंगल की सैर करने का मजा कुछ और ही है.अगर आपने ONLINE बुकिंग ना करवाई हो तो जलदापारा टूरिस्ट लॉज में चेक करते ही, आप सबसे पहले रिसेप्शन पर सफारी की टिकट बुक करा ले वरना आप को लंबी लाइन में लगना पड़ता है व् टिकट मिलने की कोई गारंटी भी नही होती है.पार्क में जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है, जिसका प्रबंध लॉज वाले अपने आप करा देते हैं.

 

कॉटेज का किराया लगभग ₹3200/- प्रतिदिन है. लॉज से आप buxa fort, Raja Bhatkhawa, Jayanti River, Makrapara Kali Tample देखने की बुकिंग करवा सकते हैं.

 

यहाँ पर AC Deluxe Double bedded wooden, AC double bedded brick Bedroom rooms, Non-AC, AC Cottage सब उपलब्ध हैं, कमरे आरामदायक और विशाल हैं, यह अकेले  व् फॅमिली के रहने के लिए सही जगह है . कमरों में जरुरत की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, सफाई संतोषजनक है,हाउस कीपिंग बढिया है. रूम्स में केवल चाय ही सर्व की जाती है बाकी लंच डिनर के लिए आपको रेस्टोरेंट में जाना पड़ता है. भोजन का स्तर उतम व् स्वादिष्ट है, लॉज  में शाम रंगीन करने का प्रबंध भी है, यानी बार भी है.

लॉज  एक विशाल क्षेत्र में फेला हुआ है, और आप यहाँ स्टे के दोरान WILD LIFE का भरपूर आनंद उठा सकते हैं.

कस्टमर सर्विस संतोषजनक है, धुम्रपान क्षेत्र अलग से नहीं है.

कार पार्किंग की फ्री सुविधा है.

 

Jaldapara national park, Madarihat West Bengal India


Jaldapara National park गंगटोक से 192 km, सिलीगुड़ी से 127 km व हासीमारा से 19 km की दूरी पर Alipurduar District के मदारीघाट कस्बे में ईस्टर्न हिमालय की तलहटी (foothills) पर, टोरसा नदी के किनारे पर स्थित है.


यहां मुख्य रूप से हाथी, गेंडे (Rhinoceros) हिरण, मोर देखने को मिलते हैं,

गाइड लोग बताते है कि जंगल में शेर भी हैं, पर नजर नही आते बस गाइड बोलते रहते हैं, ये देखो शेर के पंजे के निशान, शेर अभी यहाँ से गुजरा है, फिर वाकी टाकी पर दुसरे गाइड से  बात करने का दिखावा करते हैं, कभी जंगल की खामोशी देख कर बोलते हैं, देखो सभी जानवर खामोश है, ये शेर के आने की निशानी है,  अभी शेर आयेगा,आप सावधान हो जाएँ,आप रोमांचित भी होते हैं और डरते भी हैं, फिर बच्चों का हाथ कस कर पकड़ लेते हैं, शेर ने ना आना होता है ना आता है, राइड  का समय खत्म होने लगता है आप कहते  हैं, भैया आगे चलो. गाइड लोग ये नोटंकी हर दिन करके पर्यटकों को उल्लू बनाते है. पार्क में रहने के लिए वैसे तो बहुत काटेज है, परंतु होलांग हाट एकदम वहां है, जहां से एलीफैंट राइड शुरू होती है.

 

हमे तो नज़र नही आये पर बताया ये जाता है कि पार्क में अन्य जानवरों में Royal Bengal Tiger, Chital, Deer, Swamp Deer, Sambar, Barking Deer, Spotted Deer, Hog Deer, Wild Pig, Indian Bison (Gaur), Jungle cat, Fishing cat, Indian civet, Giant squirrel, Leopard, व् पक्षीयों में  eagles, Bengal florican, Indian Hornbill, jungle fowl, pea fowl, patridges नाम की प्रजातियाँ पाई जाती है.

 

वैसे तो यह पार्क 216.51 km के विशाल क्षेत्र में फेला है, पर पर्यटकों के लिए एक छोटा सा हिस्सा सुरक्षित किया गया है, जिसका भ्रमण आप एलिफेंट राइड या जीप सफारी से कर सकते हैं.

 

एलिफेंट राइड : एक हाथी पर चार लोग तक बेठ सकते हैं व् हाथी जंगल का एक टूर लगभग एक घंटे में पूरा कर लेता है, सारे दिन में हाथी केवल दो ही चक्कर लगाता है, एलिफेंट राइड में चार हाथी एक साथ चलते हैं, अगर हाथी चार से कम रह जाएँ तो राइड कैन्सल कर दी जाती है, आख़री वाले  हाथी पर एक गार्ड बन्दूक के साथ रहता है. हाथी होलोंग टूरिस्ट लॉज के पास से चलता है. एक ट्रिप के  चार लोगों के 4150/- रूपए लगते  हैं, और लॉज से राइडिंग प्लेस तक आने का कार या जीप का किराया अलग से लेते हैं.

 

जीप सफारी : मदारीहाट से जीप सफारी की बुकिंग कराई जा सकती है.