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साउंडलेस लव - 6

आकाश ने मदद के लिए डॉक्टर और नर्स को पुकारा तो शोर सुनकर एक दूसरा डॉक्टर और वही नर्स आ गई |

उस नर्स ने आते ही कहा “ क्या हो गया सर? अभी तो आप लोग बिल्कुल ठीक थे, तभी डॉक्टर ने कहा “ प्लीज आप इनको पकडिये और यहां लिटाइए” |



आकाश ने घबराते हुए कहा “ थोड़ा सा वायरल था और अभी मेरे साथ बात भी कर रहा था और अचानक से गिर पड़ा” |

डॉक्टर ने कहा “ वायरल आने की वजह से इनको हो सकता है वीकनेस ज्यादा आ गई हो और इसलिए आप परेशान मत होइए हम कुछ दवा लिख कर देते हैं और ये नर्स इनको ग्लूकोज की बोतल लगा देंगी जिससे इनको बहुत जल्द आराम मिल जायेगा, डोंट वरी मै जब तक अपना राउंड पूरा कर लेता हूं” |



यह कहकर डॉक्टर साहब अपने राउंड पर चले गए | आकाश धीरे-धीरे बुदबुदाने लगा भगवान इसे क्या हो गया प्लीज, जल्दी ठीक कर दो मेरे दोस्त को, वो ये सब कह ही रहा था कि अचानक वो चीख पडा और अपना हाँथ देखा कि उसके हाँथ मे किसी ने काटा, जब उसने नमन की ओर देखा तो वो हँस रहा था और उसकी तरफ आँख मार कर धीरे से बोला “ अरे यार मैं बिल्कुल ठीक हूं, क्यों भगवान को परेशान कर रहा है” |



यह सुनकर आकाश का मुंह खुला का खुला रह गया उसने गुस्साते हुए अपनी आवाज को दबाते हुए कहा “ मतलब तुम यह सब नाटक कर रहे थे” |

नमन ने भी धीरे से कहा “ यार तुम्हारे लिए भाभी की व्यवस्था करनी है तो नाटक क्या फिल्म भी करनी पड़ेगी तो करूंगा” |

आकाश को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि नमन इतना नाटक कर लेगा लेकिन फिर भी आकाश को उस पर बिल्कुल भी गुस्सा नही आ रहा था बल्कि उसकी इन हरकतों से उसे भी कहीं ना कहीं मजा आ रहा था |

तभी वो नर्स बडी तेजी से आई और नमन के ग्लूकोज लगाकर जाने लगी तो आकाश ने कहा “ अरे आप कहां जा रही हैं, प्लीज आप यहीं रहिए कहीं इसे कुछ और प्रॉब्लम हो गई तो” |



इस पर नर्स ने मुस्कुराते हुए कहा “आप चिंता मत कीजिए आपका दोस्त बिल्कुल ठीक है और ग्लूकोस लगते ही होश आ जायेगा और इनकी कमजोरी भी ठीक हो जायेगी, जरा सा चक्कर आना बहुत आम बात है, और अब आप इनके पास बैठिये मैं थोड़ी देर में आती हूं फिर भी अगर कुछ परेशानी हो तो आप मुझे आवाज दे दीजिएगा” |



यह कहकर वो नर्स जाने लगी तो आकाश ने फिर कहा “ अरे सुनिये.... अपना नाम तो बता दीजिए” |

नर्स ने तिरछी नजर से नमन की ओर देखा और हल्के से मुस्कुराकर कहा “पूजा.... पूजा नाम है मेरा, ओके मैं अब जाऊं” |

इस पर आकाश ने कहा “ हां... हां... बिल्कुल.... बिल्कुल आप जाइए आपको तो वैसे भी बहुत काम होगा” |



नर्स के जाते ही नमन धीरे धीरे गाना गाने लगा “ ओ मम्मी मम्मी... ओ डैडी डैडी.... हो जाओ रेडी, जिससे मेरी... शादी होगी, जिससे मेरी... शादी होगी, आज मैंने वो लड़की ढूंढ ली है......”|



नमन को चुप कराते हुए आकाश ने कहा “ पागल हो क्या इतना ज्यादा एक्साइटेड मत हो, क्या पता उसकी शादी हो चुकी हो” |

नमन ने कहा “ तुम भी ना बिल्कुल भोंदू हो लड़कियों के मामले में, अगर उसकी शादी हुई होती उसकी मांग भरी होती, शादीशुदा लड़कियों का कुछ अलग ही सिस्टम होता है तुम नहीं जानोगे” |

आकाश ने नमन को टोकते हुये कहा “ अरे यार वो ऑन ड्यूटी है और वो भी हॉस्पिटल में, यहां सब नर्सें और लेडी डॉक्टर ऐसे ही रह्ती हैं” |



ये कहकर आकाश चुप हो गया और नमन बोला “ क्या यार अपनी बकवास बन्द करो, तुम्हे कुछ पता वता है नही बस बोलते हो, जिस तरह से वो मुझे देखती है ना मेरे मन में तो गिटार बजने लगता है और नाम देखो पूजा.... हाय पूजा..... पूजा ही करता रहूंगा तेरी, ये तो मां को भी बहुत पसंद आएगी” |



नमन की ये बातें सुनकर आकाश बोला “ अब ऐसा करो तुम आराम करो और यह सब सोचना बंद कर दो और थोडी देर के लिये सो जाओ” |



रात के दस बज चुके थे ग्लूकोस की बोतल खत्म होने वाली थी, आकाश बस नर्स को बाहर से बुलाने के लिए जाने वाला था कि तभी पूजा अंदर आते हुए बोली “ हां अब पेशेंट की हालत कैसी है, पेशेंट ने कुछ बात की या अभी भी बेहोश है? ये सब कहते हुये पूजा के चेहरे पर एक अजीब सी हंसी थी, ऐसा लग रहा था जैसे वह जानती हो कि नमन सिर्फ और सिर्फ नाटक कर रहा है |



इस पर आकाश हिचकिचाते हुए बोला “ वो...वो.. हां.. हां.. नहीं....” वो बस इतना ही कह पाया कि पूजा जोर-जोर से हंसने लगी और बोली “ आराम से कहिए, मुझे पता है आप नाटक नहीं कर रहे हैं” |



यह सुनकर आकाश और ज्यादा घबरा गया और नमन ने आंखें खोल दी और कहा “ अरे पूजा जी आप गलत समझ रही हैं, सच में मुझे बहुत वीकनेस है, आप ऐसा करिए मुझे एक और ग्लूकोस लगा दीजिए, मेरा बोलने तक का मन नहीं हो रहा है, ओह क्या करूं मैं” | नमन ने कराहते हुए कहा |

पूजा ने कहा “ आप बिल्कुल ठीक हैं, अब आप घर जा सकते हैं कोई भी परेशानी हो तो आप दोबारा आजाइएगा” |



ये सब सुनकर नमन घायल हो गया और कहने लगा “ सच में आप बड़ी अच्छी स्टाफ नर्स हैं, आप जैसी नर्स अगर हर हॉस्पिटल में हो तो मरीज तो बिना दवाई के ही सही हो जाएगा” |



यह कहकर नमन ने आकाश को बाहर की तरफ इशारा किया तो आकाश धीरे से बाहर चला गया और वो पूजा से बातें करने लगा या ये कहो उसे इंप्रेस करने लगा लेकिन पूजा भी कम नहीं थी वह सब कुछ समझ चुकी थी कि नमन यह सारा नाटक बस उसी के चक्कर में कर रहा है, दोनों ने एक दूसरे से बात करते रहे |