Teri Chahat Main - 14 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरी चाहत मैं - 14

CWS के ऑफिस मैं पहुच कर अजय ने देखा तो वो लोग ही वहां पर पहले पहुचे थे। ऑफिस मैं छोटा सा स्टाफ था, जो अपने कामों में लगा था। वो सबके पास पहुच कर बोला "क्या सीन है?"

राज बोला "बस हम लोग ही हैं। अभी कोई आया नहीं है।"

तभी एक लड़की वहां आई और सब से बोली "नमस्ते, मेरा नाम सिमरन है और मैं यहां काम करती हूं। आप सब शायद इंटरव्यू के लिए आए हैं?"
सब बोले "जी हम इंटरव्यू के लिए आए हैं।"
सिमरन बोली "ठीक है, आप सब मेरे केबिन मैं आ कर मुझे अपने डिटेल दे दिजिये। आपका इंटरव्यू जल्दी ही शुरू हो जाएगा।”
सब सिमरन के पीछे पीछे चले गए। केबिन मैं सिमरन बारी बारी सबके विवरण लेने लगी। सब अपनी डिटेल दे रहे थे, राज सिमरन को निहार रहा था। सिमरन असमानी रंग का कुर्ता, पेहने थी। वाली, हाथो मैं एक सुनहरा कड़ा था, लम्बे काले बालो की सलिके से उसेने चोटी बना रखी थी। उसका चेहरा, गोरा था, जो सदगी की वजह से खूबसूरत लग रहा था। बड़ी बड़ी काली आंखें, गुलाब की पंखुड़ी की तरह होना, उस पर मुस्कान पर उसके गैलन पर पढ़ने वाले गढ़े, राज पहली नजर मैं दिल हार चूका था।
“नमस्ते, आप अपनी डिटेल्स लिकवाने का क्या लेंगे। कहां खोए हुए हैं आप। ठीक तो हैं” सिमरन के कहने पर राज ख्यालों से जगा।
फिर बोला "सॉरी मैं कहीं खो गया था, जी बतायें क्या पुछना है आपको।"

फिर सिमरन मुस्कुराते हुए उसे भी डिटेल लेने लगी। फिर वो उठ ते हुए बोली "आप सब कांफ्रेंस रूम मैं जाए, आप सबका इंटरव्यू वही होगा।"
कांफ्रेंस रूम का पता दे कर वो चली गई, राज उसे जाते हुए देखता रहा। तभी वहा एक आदमी आया, और बोला “मैं मोहित हूं। आप सबका इंटरव्यू मैं ही लुंगा। कैसे है आप सब?"
सबने जवाब दिया "हम ठीक हैं।"
मोहित बोला "जैसा की आप सब अभी फ्रेशर्स है, इसलिये मैं समझ सकता हूं की आप सब को तजुरबा नहीं है, पर जब शुरू करेंगे तभी तजुरबा होगा। चले हम सब शुरू करते हैं।”
फिर मोहित उन सबसे बारी-बारी सावल करता गया। उनके जवाब से वो काफ़ी खुश हुआ।
"आप सब काफ़ी सुलझे हुए हैं और सिखने के लिए तैयार हैं, आप सब से मिल कर अच्छा लगा, अब आप सब कुछ देर बहार इंतजार करिए।" मोहित ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
वो सब बहार आ कर वेटिंग रूम मैं आ कर बैठा गया, राज अभी भी सिमरन को निहार रहा था।
अजय बोला "यार कुछ होए ना होए, राज ने लड़की पसंद कर ली है।" सब राज की तरफ देखने लगे। राज सकपका गया और बोला "नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है।" क्या पर सना गुनगुनाने लगी "चुपना भी नहीं आता, जनता भी नहीं आता।" सब हसने लगे, और राज चुप हो गया।
तभी सिमरन उनके पास आई, और सबको एक लिफाफा देते हुए कहा, "आप सबको पहली जॉब मुबारक हो।"
सब खुशी से अपने अपने लिफाफा खोल कर देखने लगे। न्यूटन खुशी से बोला "क्या सच में हम लोग चुनें हुए हैं?"
सिमरन मस्कुराते हुए बोली "जी बिलकुल, मुझे यही बताया गया है, आप सबको दो दिन बाद ज्वाइन होना है, यहां आप ठीक 2 बजे मुझसे मिलेंगे। मैं आप सब को समझ दूंगी। जाने से पहले आप सब के C.E.O. सर से मिलते जाए। वो तीसरी मंजिल पर बैठे हैं। अच्छा अब मैं चलती हूं, जल्दी ही मिलते हैं।" फिर वो चली गई, राज फिर उसे देखता रहा।


To be continued
in 15th part