Teri Chahat Main - 36 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरी चाहत मैं - 36

न्यूटन अकेला था। आज सब किसी ना किसी काम में बिजी थे। राज और सिमरन की डेट थी। हीना एक शादी में गई थी। सना के साथ। और रोहित को उसके पैरेंट्स ने घर बुला लिया था। किसी खास वजह से। रोहित ने जाते हुऐ काहा था की वो भी चले के उसके साथ पर न्यूटन को सही नही लगा, ओर उसने बहाना बना दिया। वह आज अकेला महसूस कर रहा था। सोचा क्यू ना घूम ही लिया जाए। घूमते घूमते वो मॉल पहुंच गया। सोचा डिनर ही कर लेता हुं। ये सोच वो फूड कोर्ट पहंचा। और एक टेबल पे बैठ गया। अपना ऑर्डर देने के लिए। कुछ देर बाद एक प्यारा सा लड़का उसके पास आया। और बोला "हैलो भाई।

" न्यूटन ने मुस्कुरा के जवाब दिया "आईएम गुड़ , आप कैसे है।" "जी बहुत अच्छा। क्या मैं यहां बैठ सकता हुं। आपके पास । " लडके ने मुसकुराते हुऐ पूछा। "ओह क्यु नही।" न्यूटन ने जवाब दिया।

"थैंक्स भाई। और ये लीजिए ये आपे लिए। आपकी पनसंददीदा ब्लैक फॉरेस्ट पेस्ट्री। मुझे भी पसंद हैं। दो है एक आपकी और एक मेरी। " लड़के ने मुसकुराते हुऐ कहा।

"ओह, पर आपको कैसे पता की मुझको ये पसंद है।" न्यूटन ने हैरानी से पुछा। "इसके लिए आपको ये खानी पड़ेगी पुरी। पेरेशान ना होये, कोई गड़बड़ नही है, "लडके ने खाते हुऐ काहा। "बेटा, आपकी मम्मी या डैडी ने ये आपको यह दिलाई होगी। आप खो लो। " न्यूटन कुछ उलझन में आ गया। "मुझे ये माँ पापा नहीं दिलाई।" लडके ने पेस्ट्री खत्म करते हुये कहा। "फ़िर किसने दिलाई?" न्यूटन ने पुछा।

"मेरी घर के पास एक दीदी रहती है उन्होंने। मैं उनके साथ ही आया था। अब मैं जा रहा हु। " लडके ने जाते हुये कहा, न्यूटन ने पुछा, "अच्छा बेटा आपकी दीदी कहा है, मैं उनको थैंक्स तो कर दूं। क्या नाम है उनका ?"

"नाम बताने के लिए मना किया है, और थैंक्स आप उनको फोन पे कह देना, वो आपको कॉल करेंगी अगर आप पेस्ट्री खा लोगे। ओके बाय । " ये केह कर वो बच्चा एक तरफ भाग गया। न्यूटन उसको रोकता इससे पहले वेटर उसका ऑर्डर ले आया। इतनी सी देर में वो बच्चा वाहा से गायब हो गया। न्यूटन को कुछ समझ नही आराहा था की क्या हो राहा है। वह उलझन मुख्य बैठ गया और सोचने लगा की आखिर ये हो क्या रहा है। उसने फिर सोचा खाना तो खा लेना चाहिए। देर भी हो रही थी। फ़िर वो अपना सर झटक के खाने मे मशगूल हो गया। खान खत्म करके उसने पेस्ट्री को देखा। दिल नहीं मान राह था। तो उसने सोचा, अब बेचारी पेस्ट्री का क्या कसूर है। वेस्ट होन से अच्छा है। की खा ही डालूं। न्यूटन ने पेस्ट्री खत्म कर के फूड कोर्ट से बहार आ गया।

थोड़ी देर बाद वो हॉस्टल पहूँचा। फिर फ्रेश हो कर वो सोने के लिए जैसे ही बेड पे लेटा ही था। तभी उसका फोन बजा। अननॉन नंबर था। उसे फोन आंसर किया।
"नमस्ते साहिल, कैसे हैं" दूसरी तरफ से आवाज आई। न्यूटन पहचान गया।
"ओह आप हैं। बताइये क्यूं कॉल किया। इतनी रात मैं।" साहिल ने जवाब दिया।
"अब आप ने मुझे चुड़ैल कहा है तो रात मैं जागना तो जरूर है।" दूसरी तरफ से आवाज आई।
"अछा तो आप आज किसका शिकार करने निकले हैं।" न्यूटन ने कहा
"है एक संगदिल इंसान, जो मेरी मोहब्बत को समझ नहीं रहा।" दूसरी तरफ से जवाब आया।
“देखिए मुझे लगता है की आपको मेरा पिछला रविया पसंद नहीं आया होगा। मैं कुछ ज्यादा ही बदतमीज़ से पेश आया था। उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ। पर प्लीज मुझे सच मैं प्यार मोहब्बत मैं कोई दिलचस्पी नहीं है। आप बेकार वक्त खराब कर रही हैं।" न्यूटन ने समझाते हुए कहा।
"बड़े रूखे इंसान हैं आप साहिल।" दूसरी तरफ से आवाज आई
“जी तभी मैं आपसे कह रहा हूं की आपने गलत शख्स से दिल लगया है। मैं बदले मैं आपको प्यार नहीं दे सकता।” न्यूटन ने जवाब दिया।
"वैसे मैंने आप से ये पूछे के लिए कॉल किया था की ब्लैक फॉरेस्ट कैसी थी।" दूसरी तरफ से हसने की आवाज आई।
“ओह तो वो आपकी करमात थी। मुझे पहले ही समझ लेना चाहिए था। वैसे उसके लिए शुक्रिया ” साहिल ने कहा।
"ओ ज़रे नसीब हमारे की आपको हमारा कुछ अच्छा तो लगा।" दूसरी तरफ से जवाब मिला।
“आप को वैसा क्या चाहिए मुझसे। क्यूं कर रही है आप ये सब?" न्यूटन ने संजीदगी से पुछा।
“बार बार एक ही बात आप पूछते हैं साहिल। क्यूं नहीं मन लेते की मुझे आपसे सच मैं मोहब्बत है। क्या करूं की आपको यकीन हो जाए की मैं आपसे सच मैं मोहब्बत करती हूं।" दूसरी तरफ़ से उस लड़की ने कुछ बुझे बुझे अंदाज में पुछा।
“देखिए मुझे आपके जज्बे पे कोई शक नहीं है। मैं इन सब बातों से अपने आप को दूर रखना चाहता हूं में बस।” न्यूटन ने जवाब दिया।
"क्यूं आप इतने खिलाफ हैं मेरी मोहब्बत के, साहिल।" उस लड़की ने पुछा।
“देखिए आप समझ नहीं रही, मैं मोहब्बत मैं धोखा खा चूका हूं। टूट गया था। मरना चाहता था। बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभला है मैंने।” न्यूटन ने अपनी बात समझाई।

“आप किसी एक लड़की के मान करने पर ये मान बैठे हैं की अब आप किसी से मोहब्बत नहीं करेंगे। और अगर कोई आपसे करेगा तो उसकी मोहब्बत भी आपको कुबूल नहीं होगी। क्यूं आप एक झूठी मोहब्बत के पीछे भागते रहे, जो आपके लायक नहीं थी। हमारे लिए एक धोके से आप अपनी तरफ बढ़ने वाली हर खुशी का कतल कर रहे हैं। बार बार। शायद मुझसे पहले कोई और लड़की भी हो, जिने आपकी तरफ उम्मीद से हाथ बढ़ाया हो। पर आप ने उसकी मोहब्बत का कत्ल कर दिया होगा।" दुसरी तरफ से आई इज नारजगी भारी दलील का न्यूटन के पास उस वक्त जवाब नहीं था, हर कोई उसे यही बात समझाता रहता था पर वो किसी की बात नहीं मानता। आज वही सवाल हमें लड़की ने भी पछ लिया था।

न्यूटन की चुप्पी पे वो लड़की फिर बोली "साहिल आपको ये हक किसने दिया। आप मैं और हम लड़कीयो मैं क्या फर्क है। उसने आप का दिल तोड़ा। आप ने भी तोड़ा ही होगा।"
“नहीं तोड़ा मैंने किसी का दिल। कभी भी नहीं तोड़ा। सुन रही है आप। क्या जानती हैं आप मेरे बारे में। मुझसे पर तोहमत नहीं लगाये। मैं जनता हूं दिल टूटता है तो कैसा लगता है। और इस लिए मैं दोबारा किसी को मौका नहीं देना चाहता। नहीं किसी का दिल तोडना चाहता हूं। तभी आप से भी यही कह रहा हूं की मुझसे दूर रहीये।” न्यूटन अंदर से टूट गया था। कुछ चीखते हुए और गुस्से से उसने बोला। फोन को अलग रख दिया उसे और निढाल हो कर बैठा गया।
फोन से आवाज आए जा रही थी। “साहिल, साहिल आई एम सॉरी। मुझे माफ़ कर दिजिये। मैं बस आपको समझाना चाह रही थी। प्लीज जवाब करिये हेलो हेलो ।"
कुछ देर बाद न्यूटन ने फोन उठाया। वो लड़की अभी भी लाइन पे थी। न्यूटन बोला “देखिए प्लीज मुझे मेरे हाल पे छोड़ दिजिये। इसके बदले क्या चाहते हैं बता दें।”
“माफ़ी चाहते हैं साहिल, मेरी वजह से आपको इतना दुख हुआ। मेन तो बस…. खैर छोडिये। मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए। जो चाहिए वो आप दे नहीं सकते।” हमें लड़की ने बेज़ारी से कहा।
“मुझसे गलत नहीं समझिए। यही हमारे लिए बेहतर है।" न्यूटन ने कहा।
"मेरे लिए क्या बेहतर है क्या नहीं, ये मैं खुद तय कर सकती हूं साहिल। वैसा मुझे इस फैसले पे हमें अफसोस रहेगा की मैंने जिस इंसान से पहली बार मोहब्बत हुई वो डरपोक निकला।" इस बार लड़की ने थोड़ा ऊंचा आवाज मैं कहा।
"क्या कहना चाहते हैं आप?" न्यूटन ने गुस्से से पुछा
"क्या कहना है साहिल। रह क्या गया, खैर आप यही चाहते हैं की मैं आपकी लाइफ से चली जाऊं। यही सही। मैं अब आपको परेशान नहीं करुंगी। "लडकी ने बेज़ारी से कहाँ"
"जी शुक्रिया आपका।" न्यूटन ने थोड़ा नरम लेहजे मैं कहा।
“शुक्रिया कहने की कोई जरूरी नहीं है। मैं आपकी तरह संगदिल नहीं, जो चाहने वालों की कदर नहीं कर सकूं। जा रही हूं आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए।” इतना कह कर लड़की ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।

न्यूटन कुछ कह नहीं सका। उसे अपने आप से पुछा का क्या उसे ये सही किया। उसे पहली बार लगा की कहीं उससे कोई गलती तो नहीं हुई। इसी उधेड़ भुन मैं था की तभी उसका फोन फिर से रिंग किया। वही अनजान नंबर था। उसे फोन जवाब किया। वो कुछ बोलता उसे पहले ही लड़की बोली "मैंने सिर्फ आपको ये बताने के लिए दुबारा फोन किया है की शायद मैं आपकी तरह बहादुरी से ठुकराये जाने का दर्द ना सहेन कर सकू। इस लिए मैं शायद एक गुनाह करूंगी। पर उसके अलावा मेरे पास कोई रास्ता ही नहीं रह जाएगा। हां साहिल मैं खुद को खतम कर लूंगी अगर मुझे लगेगा की मैं आपकी मोहब्बत के बगैर मेरी जिंदगी का कोई वजूद नहीं है। बस यही कहना था मुझे। अलविदा साहिल हमेशा के लिए। हो सके तो कभी अपनी अंजान मोहब्बत को प्यार से याद कर लेना जिंदगी में। बस तुम्हारी यादें अपने साथ ले जा रही हूं। अलविदा साहिल अलविदा!” और फोन डिस्कनेक्ट हो गया।

न्यूटन कुछ नहीं कहा पाया। अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो परेशान हो गया। दिल के किसी कोने से वो अब अफसोस करने लगा। उसे शायद बहुत बड़ी गलती कर दी थी। उस लड़की को कोई मौका ही नहीं दिया बस अपनी ज़िद पे अडा रहा। उसे कई बार उसे फोन करने की कोशिश की पर फोन स्विच ऑफ था। इसी उधेड़ भुन मैं वो बिस्तर पर करवते बदलते लगा। उसे कब नींद आई पता भी नहीं लगा।

To be continued
in 37th Part