Teri Chahat Main - 38 in Hindi Love Stories by Devika Singh books and stories PDF | तेरी चाहत मैं - 38

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तेरी चाहत मैं - 38

अंतिम सेमेस्टर परीक्षा खतम हो गए थे। ये पुरा महिना सिर्फ भाग दौड़ और तनाव मैं बीता था। पर इस पूरे महिने न्यूटन काफ़ी परेशान रहा। सभी यही सोचते रहे की न्यूटन परीक्षा की वजह से परेशान है। पर जब परीक्षा के बाद भी न्यूटन बुझा - बुझा सा रहने लगा तो रोहित ने उसे पुछा, "यार, क्या बात है। कई दिनों से देख रहा हूं। तू परेशान सा रहता है। क्या बात हो गई है। पहले लगा की परीक्षा का तनाव है पर अब परीक्षा भी खत्म हो गई है। एक हफ्ते से ऊपर हो चुका है।"


न्यूटन बोला "नहीं यार कोई बात नहीं है।" उसे टालना चाहा पर रोहित बोला "यार अब तू मुझसे झूठ बोलेगा, तेरी शकल से पता चल रहा है की तू परेशान है। चल बोल दे क्या बात है।”


न्यूटन ने एक गहरी सांस ली और उस रात की बात रोहित को बता दी और बोला "यार मुझे लगता है की कही उसे कुछ कर ना लिया हो। मैंने काई बार उसका नंबर ट्राई किया, एसएमएस भी किया पर कोई जवाब नहीं आया। फोन बंद हैं। मुझे लगता है की मैंने शायद गलत किया उसके साथ।"


“हम्म, तो ये बात है। मतलब की हमें लड़की और तुम्हारे बीच ये बात हुई।” रोहित सोचते हुए बोला।

“यार मुझे लगता है की मैंने अपनी ज़िद के आगे हमें लड़की को बहुत दुख दिया। मैं अपने खोल मैं बंद रहा और उससे निकलने की कोशिस नहीं की। तुम सबने कितना समझाया पर मैं अपनी ज़िद पे अडा रहा। अब मुझे बहुत अफसोस हो रहा है।" न्यूटन अपनी आँखों से आँसू पोछते हुए बोला।


रोहित बोला “देख न्यूटन हर इंसान को दुसरा मौका मिलना चाहिए। और जो हुआ उसमे तेरी गल्ती नहीं थी। फ़िज़ा तेरे लायक नहीं थी। वो तेरे को लायक ही नहीं कारती थी। पर तू उसके रिजेक्शन को इतना गंभीरता से लिए बैठा था। यहां पता नहीं कितनी लडकियां मुझे रिजेक्ट कर चुकी है पर देख मेरी सेहत पर कोई असर नहीं हुआ।”



“तो क्या तुमको लगता है की हमें लड़की को अब मैं डिसर्व करता हूं। मैंने उसके साथ कितना बुरा सुलूक किया है।” न्यूटन ने रोहित से पुछा तो वो बोला "ये अब इस बात पर निर्भर करता है कि क्या वो वापस तुम्हारी जिंदगी मैं वापिस आती है या नहीं। अगर वो तुमसे सच्ची मोहब्बत करती है तो शायद वापस आए।”



"पर उसने कहा था की वो मेरी जिंदगी से हमेंशा के लिया जा रही है।" न्यूटन ने एक ठंडी आह के साथ कहा।

रोहित न्यूटन के कांधे पे हाथ रखते हुए बोला "उम्मीद पर दुनिया कायम है भाई। इंतजार कर. चल अब सो जा. कल हमको एक फ्लैट देखना जाना है। अब हॉस्टल छोड़ना जो है। अजय ने किसी डीलर से बात की है। ऑफिस के पास ही है। मैं भी अपने रूम में जा रहा हूं।"


“हां तो कैसा लगा अपना ये फ्लैट। देखे आपके बजट मैं है। आस पास मार्केट है। लोकेशन भी अच्छी है। आप लोग बैचलर हैं, इसी लिए यहां आपको एक फायदा रहेगा। प्रॉपर्टी डीलर ने कहा

"क्या फ़ायदा रहेगा?" प्रॉपर्टी डीलर बोला को अजय ने पुछा "जी एरिया मे स्टूडेंट्स काफ़ी हैं, और आपकी तरह सिंगल लोग भी। टिफिन सेवा के लिए भी उपलब्ध रहेगी। दुसरे काई अच्छे खाने के होटल भी है। बाकी सभी सुविधाएं भी है। पॉवर सप्लाई और वाटर इश्यू भी नहीं है।”


"हम, जगह तो मुझे अच्छी लग रही है, अजय तुम्हारी क्या राय है?" रोहित बोला

"हां मुझे भी पसंद है, न्यूटन यार तू कहां को है। बता तुझे भी रहना है यहां।" अरसलान बोला.

हां मुझे भी अच्छा लग रहा है ऑफिस और बाकी सब नजर ही है। न्यूटन ने भी सहमत दी।


ठीक है तो आप लोग फॉर्मिलिटीज पूरी कर दिजिये। मुझे आप लोगों की एक आई डी चाहिए होगी। और यहां के किसी लोकल रहने वाले का रेफरेंस। इस्से काम आसान हो जाता है। लोकल रेफरेंस मैं आप अपनी कंपनी के किसी सीनियर का रेफरेंस भी दे सकते हैं। बाकी सब मैं देख लूंगा। एक दो दिन मैं आप शिफ्ट कर सकते हैं।


“जी ठीक है, कल तक हम सब डॉक्युमेंट्स दे देंगे। आपका बहुत - बहुत शुक्रिया।" रोहित बोला और फिर सब बहार वापस हॉस्टल की तरफ चल पड़े। रस्ते मैं न्यूटन बोला "यार मैं हाजी अली जाना चाहता हूं।"

"तो अकेला क्यूं जा रहा है हम भी चलते हैं।" अजय बोला तो रोहित बोला “हां मेरा भी कुछ हो जाएगा। तुम सबका तो ठीक ही होगा। मुझे अपनी फ़िकर है। घर वाले फुल मूड मैं है की मेरी शादी हो जाए। मुझे कुछ दिनों तक उस बला को टालना है। यही मांग लुंगा।" रोहित की बात सुन कर न्यूटन और अजय हसने लगे।


थोडी डेर बाद, वो तीनो हाजी अली में थे। कुछ देर उन्होने वही गुजारी। जब चलने की बात हुई तो न्यूटन बोला, यार तुम लोग चलो मैं अभी कुछ देर यही रुकूंगा। जल्दी वापस आने का बोल अजय और रोहित चले गए। न्यूटन कुछ देर वही बैठा रहा। कुछ अजब ही कशिश और खिचाव होता है ऐसी जगहों पर, इंसान का दिल जीता भी परेशान हो, कुछ आराम तो मिल ही जाता है। न्यूटन को भी वहा आराम मिल रहा था। कुछ देर बाद जब न्यूटन दरगाह से बहार आ गया। फिर चलते हुए किनारे रोड पे आ गया। रोड पे एक खोमचे वाले से एक कप चाय ले के वो वही बैठा गया। वो अभी भी दरगाह को ही देख रहा था।


To be continued

in 39th part