Mahadev.... Meri Nazar se - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

महादेव... मेरी नजर से - 1

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत व्यापी है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते है वही देह मे विलीन शिव, शिवाय महादेव है वो. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻!!"

महादेव--- नाम से तो सब जानते है उन्हें पर कर्म से कुछ कम लोग जानते है उन्हें.!!महादेव अपने मे ही एक शक्ति है, एक भक्ति है जो अलौकिक के साथ साथ हर जीव मे बसने वाली लौकिक शक्ति से हमारा सम्पर्क करते है और रहते भी है हमारे सम्पर्क मे.!!

विष्णु जी के कई रूप है जिसके बारे मे हर एक इंसान को ज्ञात होगा.!!जैसे की उनके दशवतार :- कच्छ, मत्स्य, वराह, वामन, परशुराम, नरसिंह, राम, कृष्ण, बुद्ध, और जिसका अभी हर किसीके जुबान पर जिक्र हो रहा है वो कल्कि.!!उनके बारे मे बताने के लिए कुछ ग्रन्थ है कुछ साधु है जो की उनके चरित्र को बड़े ही चाव से सुनाते है कहते है, समझते है.!!

वही महादेव एक ऐसा शब्द जिसके बारे अगर कोई ग्रंथ है भी तब भी लोग उसे कम जानते है। क्युकी कही बार ज्यादा डर से या ज्यादातर भाव से उनको जानने के बारे नहीं सोचते.!महादेव एक ऐसी अदमय शक्ति है की जो आपके भाव के अनुसार आपको मिलती है फिर वो दोस्त का हो, पिता का हो या महादेव का हो.!!महादेव वो शक्ति के संचार है जो बिना किसी स्वार्थ के हर किसीमे बहती है जिसे हम इस शव के अंदर रहने वाली जीवशक्ति कहते है वही है, " शव के अंदर शिव.!!"

हम बचपन से ही अपने महादेव से बहुत लगाव रखते है., हमारे लिए हमारे बेस्ट फ्रेंड है जिनसे हम सब शेयर करते है, वो हमारी बात सुनते है हमें गाइड करते है ये हमारा मानना है !कई बार सोचा था की कुछ लिखें उनके लिए.!!कल हमने उनसे बात की महादेव हमें आपके लिए कुछ तो लिखना है बस उन्होंने सुझाया और हम लिखने लगे.!!हमारी ये रचना पूर्णतह महादेव को समर्पित है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻जो हम उनके बारे मे जानते है या जान पाए है वो आप लोगो तक पहुंचाना बस यही और कुछ नहीं.!!!बाकि मिलते है अगले भाग मे जहा कुछ और रोचक बाते जानेंगे महादेव के बारे मे..!!


ओम' प्रथम नाम परमात्मा का फिर 'नमन' शिव को करते हैं ।

' सत्यम, शिवम और सुंदरम' - जो सत्य है वह ब्रह्म है- ब्रह्म अर्थात परमात्मा। जो शिव है वह परम शुभ और पवित्र है और जो सुंदरम है वही प्रकृति है। अर्थात परमात्मा, शिव और पार्वती के अलावा कुछ भी जानने योग्य नहीं है। इन्हें जानना और इन्हीं में लीन हो जाने का मार्ग है- योग।

महादेव का एक नाम योगिश्वर भी है क्युकी उनमे हर तरह के योग समाते है.!!महादेव कहते है की मनुष्य का शरीर पंच तत्वों के आधीन है जिसमे उनकी प्रकिया भी विलीन है अगर मनुष्य खुद के तत्वों को उजागर करे तो वो खुद मे ही एक शक्ति का अंश बन सकता है।महादेव के अनुसार योग में मोक्ष या परमात्मा प्राप्ति के तीन मार्ग हैं- जागरण, अभ्यास और समर्पण। तंत्रयोग है समर्पण का मार्ग। जब शिव ने जाना क‍ि उस परम तत्व या सत्य को जानने का मार्ग है, तो उन्होंने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु वह मार्ग बताया।शिव द्वारा माँ पार्वती को जो ज्ञान दिया गया वह बहुत ही गूढ़-गंभीर तथा रहस्य से भरा ज्ञान था। उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएँ हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। 'विज्ञान भैरव तंत्र' एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।ज़ब महादेव ने माता पार्वती को अमरनाथ की दरमियान कहानियाँ और तत्वों के ज्ञान दिए थे उन्ही मे योगक्रिया भी एक अमूल्य ज्ञान है जिसके बारे मे आप विधिवत या विस्तार से विज्ञान भैरव तंत्र' और 'शिव संहिता' में उनकी संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है इन्ह मे पढ़ सकते है।

इसी पुरातन ज्ञान के लिए उन्हें एक नाम आदि शिव का भी दिया गया है.!!ऐसे तो हर किसी साधु महात्मा की अलग अलग व्याख्या होंगी आदि शिव के बारे मे पर हमारी नजरो मे हमारे महादेव आदि शिव यानि की शरीर का वो अंश जो आपको ऊर्जा देता है। वो ऊर्जा जो ज्यादा नहीं पर हा खुद पर यकीन करवाने के काफ़ी है.!!अगर मान लो महादेव हर किसी के अंदर विश्वास का अंश है जो विश्वास हमें खुदपे होता है, रिस्तो पर होता है, या फिर किसी न कीसी भगवान पर होता है।शास्त्रों मे कई कहानियाँ मिल जाएगी महादेव को एक सिद्ध योगी साबित करने के लिए.!!वही कुछ पुराणों, उपनिषद मे कई बाते है उनकी लिखी हुई बताई हुई पर हमारे चित्त मे एक ही उपासना है महादेव के योगी स्वरूप के लिए वो है मौन.!!महादेव स्वयं समाधि मे रहने वाले शिव है जिनको स्वयं मौन पसंद है.!!हमारा मानना है की शिव के मौन का अर्थ है खुद की आंतरिक ऊर्जा को जागृत करना.!कभी आपने प्रयास किया है मौन रहने का.!!


हमने किया है कई दिन के बाद खुदके अनुभव से कह रहे है पहले दो दिन बड़ा ही विचित्र अनुभव हो गया मानो जीभ ही पेट मे उतर गई। परन्तु उसके बाद जो शांति मिली है उसका व्याख्यान नहीं हो सकता बड़ा ही आराम मिला मानो एक अद्भुत ऊर्जा का संचार हो गया शरीर मे.!!खुद एक बार प्रयास जरूर कीजियेगा 🙏🏻🙏🏻फिर हमें बताइयेगा की आखिर हमारे महादेव के योगी रूप का अनुभव केसा लगा आपको.?????







-------------हर हर महादेव🙏🏻🙏🏻
जय महाकाल 🙏🏻🙏🏻



---------हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻
जय महाकाल 🙏🏻🙏🏻