Mahadev.... Meri Nazar se - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

महादेव... मेरी नजर से - 4

महादेव अपनी और से अपने ज्ञान से हम सबको जीवन की कुछ सिखे देते है.. जिनमे 10 सीख जीवन की बहुमूल्य शिख है।
1)आत्मनियंत्रण :- महादेव शिव अक्सर बताते है की खुद पर नियंत्रण करना बहुत जरुरी है वो इसलिए क्युकी ज़ब हम खुदको नियत्रित करना शिख लेते है तब किसी पर निर्भर नहीं रहते वो चाहे डर भाव से हो या ख़ुशी के भाव से.!!ज़ब निर्भरता हट जाती है तो व्यक्ति खुद की सक्षमता को पहचान पाता है जिससे वो अपने लक्ष्य तक पहुंच पाने मे सक्षम हो जाता है।जरूरी तो नहीं हर कोई जो आपको अपना लगता है वो सही ही है.!!जरूरी तो नहीं जो आपको कुछ सिखाता है वो सही ही है ये निश्चय कौन करेगा.? वो आप खुद है.!!क्युकी हर किसीके मन मे महादेव स्तिथ है.!!परन्तु यही बाते हमें खुदसे किसी और तक ले जाती है इसलिए जरूरी है आत्मनिर्भर होना खुदको नियंत्रण कर।

2)शांतचीत होना :- महादेव को अक्सर आप लोग समाधि मे विलीन देखते होंगे.!वो इसलिए है की वो खुदको बिलकुल शांत रखने मे मानते है..!हा ये बात है अक्सर योगी, मुनि ज्ञानी अपने नजरिये से उनकी समाधि का अलग अलग व्याख्यान करते रहते है परन्तु हमारी दृस्टि से वे शांतचित्त के लिए समाधिस्त रहते है.!ज़ब आप उग्र हो या दुखी होते है तो आपकी जुबान से कुछ गलत शब्द निकल जाया करते है जो की किसीके ह्रदय मे गहरे घाव करते है., या फिर ख़ुशी मे कुछ ऐसा आप बोल देते है जो आपकी क्षमता से बाहर होता है.!!इसलिए शांतचीत होना अत्यधिक आवश्यक है।

3)भौतिक चीजों का अत्यधिक मोह ना रखे :- महादेव के अनुसार ही नहीं बल्कि हर एक ग्रंथ के अनुसार हर चीज नशवंत है.!!अब सिकंदर का ही किस्सा ले लीजिये उसने खुद अपनी अंतिम इच्छाओ मे अपना कमाया हुआ सारा धन अपने समशान जाने वाले रास्ते मे लगा दिया उसके ऊपर से उसकी ननामी निकाली गई और तो और उसके दोनों हाथ बाहर ऊपर की और सबको दिखे ऐसे रखे गए ताकि सबको पता चले की दुनिया जितनेवाला सिकंदर अपने अंतिम सफर पर खाली हाथ ही गया था.!!इसलिए महादेव कहते है की किसी भी चीजों के लिए जरूरत से ज्यादा मोहब्बत करना गलत है।

4)नकारात्मकता को खुद पर हावी ना होने दे :-नकारात्मक ता यानि की नेगेटिव थॉट्स हमारे जीवन मे सबसे हानिकारक होते है.!!आजकल हम देखते ही है अक्सर लोग आत्महत्या कर लेते है इसका सबसे बड़ा कारण है ये नेगेटिव सोच विचार.!!हम तो अक्सर लोगो को कहा करते है अगर ऐसा गलत कोई ख्याल आये तो सबसे पहले मुहूर्त निकलवाना सुसाइड करने का..!!इससे क्या होगा जिस घड़ी या समय मे ये ख्याल आया है वो टल्ल जाये किसीकी जिंदगी तो बच जाएगी.!!इसलिए महादेव कहते है कितना भी बुरा क्यों ना हुआ हो उसमे अच्छा क्या हुआ यही सोचो और देखो नाकि ये की गलत क्या हुआ.!!इससे नाकारत्मकता तुम्हारे जीवन से दूर रहेगी.!🙂

5)जूनून को काबू करें :-महादेव कहते है किसी भी वस्तु या इंसान का अत्यधिक जूनून हानिकारक होता.!!या तो वो इंसान अपने जूनून मे गलत कर देता है या गलत हो जाता है। जरूरत से ज्यादा जूनून इंसान के लिए ही नहीं उसके रिस्तो और अपनों के लिए भी घातक साबित होता है इसलिए महादेव के अनुसार जूनून को काबू करना चाहिए.!!

6)घमंड ना करें :-किसी भी वस्तु या इंसान का अभिमान यानि की घमंड नहीं करना चाहिए ये बात तो सभी जानते है क्युकी इसकी साक्षी स्वयं वेद और पुराणों मे है वो कंस का हो या रावण का.!!घमंड ना तो कभी किसीका टिका है ना ही भविष्य मे टिकेगा. यही सत्य है.!!

7)औरत यानि की स्त्री शक्ति का सनमान करें :-महादेव ने हमेशा माँ पार्वती का मार्गदर्शन किया है वो स्वयं मानते और कहते है की स्त्री शक्ति के बिना सबकुछ अधूरा है.!!इसलिए तो उन्होंने स्वम अर्धनरिश्वर रूप लिया है ज़ब ब्रह्माजी को ज्ञान दिया था उन्होंने सृष्टी सृजन के लिए एक पुरुष और एक स्त्री की आवश्यकता है.!यहां तक की इस धरा पर हर कुछ देने वाली चीज के नाम स्त्री वाचक है.!!जैसे की प्रकुती, नदी, नौकरी वगैरह.!!

8)हर चीज कुछ क्षण के लिए ही है ये याद रखे :-महादेव के अनुसार हर चीज और यहां तक की इंसान भी नशवंत है.!!कोई किसीके साथ जन्म नहीं लेता या फिर कोई किसीके साथ मृत्यु प्राप्त नहीं करता। अर्थात जन्म के बाद आपके माँ पिता, काका, मामा, भाई ये सभी रिश्ते बने है इसलिए महादेव के अनुसार वो भी नशवंत ही है..!!उसी की तरह भौतिक चीजे भी क्षणिक है यही मान ले तो अच्छा है.!

9)हर चीज शिखी जा सकती है :-महादेव के अनुसार जीवन मे कोई भी चीज किसीके लिए ही नहीं सबके लिए है और सबकुछ हर कोई शिख सकता है.!!जैसे की महादेव शिव स्वयं नटराज भी है और सांगितराज भी.!!वैसे ही कोई कार्य मात्र पुरुषो के लिए नहीं है या कोई कार्य मात्र महिलाओ के लिए नहीं है कोई भी कुछ भी शिख सकता है। हर चीज को सीखने के लिए उचित मुकाम और धैर्य होना चाहिए..!

10)शिव दूर नहीं है :- महादेव की सबसे बड़ी शिख यही है जो वो शिवसंहिता मे बटाते है की ज़ब से मनुष्य जन्म लेता है तब वो उनसे जुडा ही होता है।ज़ब दुनिया से छुट जाता है तब भी वो उन्ही की शरण मे जाता है। इस शव मे जो प्राण बसते है वही शव के अंदर के जीव है यानि की शिव है जो मरके उसी शिव मे लीन हो जाते है।












............... बाकि मिलते हा अगले भाग मे तबतक हर हर महादेव.. 🙏🏻🙏🏻जय महाकाल. 🙏🏻