Arrange marriage - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

अरेंज मैरेज - 2

पहली बार मानव ने परिवार के साथ सीमा को देखा था। उसके बाद दोनों का रिश्ता पक्का हो गया। पर दोनों को एक दुसरे को समझ ने का मौका नहीं मिला था। आज मानव बहोत खुश था क्युकी वो सीमा से मिलने वाला था। अपने मन मे कहीं सवाल सोच रखे थे जो सीमा से पूछने थे। ये मुलाकात मानव और सीमा के लिए बहोत खास थी।
दोनों एक बाग मे मिलने वाले थे। जो मानव के घर से बीस किमी दुर था, और सीमा से घर से सिर्फ दश किमी दुर था। मानव सुभह जल्दी अपने घर से तैयार होके सीमा से मिलने निकल गया। दुसरी तरफ सीमा अपनी बहन के साथ घर से निकली। सीमा मानव से पहले वहाँ पहोच गई थी। मानव का इंतजार कर रही थी। तभी मानव का कॉल आया ...
मानव की गाड़ी रास्ते मे खराब हो गई। सीमा ने मानव की बात को समझा और मानव का इंतजार करना सही समझा, जैसे तेसै गाड़ी को ठीक करके आखिर तीन घंटे के बाद मानव सीमा के पास पहोचा। मानव के चेहरे पर देर से आने का दुःख साफ साफ दिख रहा था। सीमा मानव की उदासी समझ गई थी, इसलिए उसने पहले मानव का मुड़ ठीक किया। फिर दोनों साथ बैठकर एक दुसरे की बातें बड़े प्यार से सुन रहे थे। ऐसे ही एक घंटा हो गया, दोनो को वक्त का पता ही नही चला। पहले ही बहोत देर हो गई थी।,दोनों को घर जाना था। कुछ देर बैठकर दोनों ने एक दुसरे को प्यार से "जल्द मिलेंगे" बोलकर अलग हुए।
अब मानव और सीमा सीधे मंडप पर मिलेंगे। दोनों की शादी की तारीख पास आ गई, शादी की तैयारी बहोत अच्छे से की जा रही थी। दोनों परिवार मे खुशी का माहौल चल रहा था। सारी रसम रीती रिवाज और परंपरा के अनुसार पुरी हुई। आखिर मानव दुल्हा बनकर तैयार हो गया। और सीमा भी दुल्हन के जोड़े मे बिलकुल राजकुमारी जैसी लग रही थी। बैंड पार्टी और dj. के साथ मानव बारात लेके सीमा के गाँव पहोच गया था। सारे लोग सीमा के दुल्हे को देखने बहार निकले। सब मानव को देखकर उसकी तारीफ करने लगे क्युकी लाल शेरवानी मे मानव बहोत अच्छा लग रहा था।
बारात का स्वागत ढोल के साथ किया और फिर सब मंडप के पास बैठ गये। दुल्हा भी मंडप पर बैठ गया। पंडित जी ने विवाह की विधि चालु करते हुए दुल्हन को बुलाया। सीमा अपने भाई के साथ हाथ मे गुलाब का फुल लेके मंडप पर आ रही थी। मानव सीमा को देखकर बिना पलक जबकाये उसे देखता ही रह गया। क्युकी सीमा बहोत प्यारी और सुंदर लग रही थी। एक दोस्त के इशारा किया तब मानव ने पलक जबकाई।
एक दुसरे को गुलाब देने के बाद शादी की सारी रसम को आगे बढ़ाया। सीमा के मम्मी पापा ने कन्यादान करके, अपने दिल का टुकडा मानव के हाथ मे दिया। फिर फेरे और मंगलसूत्र और सिंदुर की विधि पुरी हो गई। अब सीमा मानव के जीवन का हिस्सा बन गई थी।

सीमा की विदाई___
"आज उस पिता की आँखे, खुशी और गम मे भीनी थी,
क्युकी आज उसकी बेटी की बिदाई थी,
जो कल तक उसके घर को महकाती थी।"


अब होगी दोनों के अरेंज मेरेज के जीवन की नई शुरुवात। जिसमे दोनों एक दुसरे को सही मायने मे जानेगे। अब सीमा को अपने ससुराल और पियर को साथ रखते हुए अपने और मानव के रिश्ते को बेहतर बनाना था। कुछ मुश्किल आयेगी, अब उसे सीमा कैसे सुलजायेगी वो आगे की स्टोरी मे बतायेगे।

स्टोरी को रेटिंग जरूर दीजिये।

_Miss Chhotti