Unsolved Case - Season 2 - Part 3 books and stories free download online pdf in Hindi

Unsolved Case - Season 2 - Part 3

एपिसोर्ड 3 ( आह... आई )
सीन 1
माया : शौर्य ... क्या कर रहे हो ? छोड़ो मुझे |
शौर्य : नहीं माया ... अब नहीं | मैं तुम्हे फिर से मुझे छोड़कर जाने नहीं दूंगा |
माया : अगर तुमने मुझे छोड़ा नहीं न ... तो मैं ये सारा पानी तुम पर फैंक दूंगी ....
शौर्य : नहीं .. कुछ भी हो जाए | मैं तुम्हे नहीं जाने दूंगा |
तभी माया शौर्य से परेशान होकर उस पानी पानी फैंक देती है | शौर्य ज़ोर से चिलता है |
शौर्य : माया ( ज़ोर से चिलाते हुए )
शौर्य अपने सामने देखता है तो .. वहां माया कहीं नहीं थी | पर माया की जगह कोई ओर था | ओए वो कौन था .. शौर्य नहीं जनता था .... | शौर्य चीखते हुए बोला |
शौर्य : तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
असिस्टेंस : शौर्य सर ... वो....
शौर्य : कौन हो तुम .... ? ( गुस्से में )
असिस्टेंस : वो ... वो ... सर मैं आपकी न्यू असिस्टेंस हूँ .... मेहक ...
शौर्य को कुछ समझ नहीं आ रहा था | आभी तो यहाँ माया थी .... वो अपने आसपास देखने लगा .... मेहक ने देखा की ... शौर्य किसी को ढून्ढ रहा है | तो वो डरते हुए बोली ...
मेहक : क्या हुआ सर ... क्या आप किसी को ढून्ढ रहे हैं ?
शौर्य को तो मनो मेहक की आवाज़ भी नहीं आ रही थी .. | फिर मेहक आगे बोली ...
मेहक : सोरी सर ... वो आप मुझे छोड़ नहीं रहे थे ... तो इसलिए मैंने आपपर पानी फैंक दिया | प्लीज़ गुस्सा मत होना | आज मेरा पहला दिन है .. काम पर ... ओर मैं वादा करती हूँ .... दुबारा ऐसा नहीं होगा .... पर हाँ सिर्फ एक शर्त पर .. की आप मुझे दुबारा ऐसे नहीं पकड़ेंगे ... भला आप ऐसे किसी लडकी को कैसे पकड़ सकते हैं ...
मेहक बीएस बोले जा रही थी .... रुकने का तो नाम ही नहीं ले रही थी | कोई ओर मेहक की इन बातों को सुनता न... तो हस हस कर पागल हो जाता .... पर शौर्य ... उसे ये सब बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था .... वो गुसे में बोला |
शौर्य : ( गुस्से भरी आवाज़ में ) बस ... चुप हो जाओ ....
शौर्य का गुस्सा देख अच्छे अच्छों की फट जाती थी ... तो ये तो बेचारी सी ... मेहक थी ... डर के मारे वो कांपने लगी ... पर शौर्य का ध्यान तो माया को ढूँढने में था ... तो वो उसे ढूँढने के लिए वहां से चला गया .. मेहक ने देखा ... की शौर्य कहीं जा रहा है ... तो वो उसके पीछे पीछे जाने लगी ...
मेहक : सर .. शौर्य सर .. आप कहाँ जा रहे हैं ... सर ... रुकिए ....
शौर्य मेहक की आवाज़ से भी परेशान हो रहा था ... तो वो छिड़ते हुए ... मेहक को देखते हुए बोला ....
शौर्य : मेरे पीछे आने की कोई जरूरत नहीं है .... चली जाओ यहाँ से ...
मेहक : क्या ... नहीं सर ... मैं आपकी असिस्टेंस हूँ ... भला
मेहक आपनी बात पूरी कर पति उसी पेहले ही ..... शौर्य फिर से बोल पड़ा ...
शौर्य : यू अरे फायर्ड ..... जाओ अब ...
शौर्य की बात सुन ... तो मेहक शौक रह गई .... उसे समझ नहीं आ रहा था .. की वो अब क्या करे ... उसका ध्यान नहीं था की वो कहाँ चल रही है .... वो तो बीएस शौर्य के पीछे पीछे जा रही थी .... ओर अच्चानक से से मेहक एक बड़े से पत्थर से टकरा गई ... ओर गिर गई .... दर्द में मेहक के मुह से चीख निकली ...
मेहक : ( दर्द भरी आवाज़ में ) आह .... आई ....
मेहक की चीख सुनते ही ... शौर्य आपने झ पर जम सा गया था | वो खुद में बुदबुदाया ...
शौय : आई ... ( चौंकते हुए )
ओर फिर मेहक की तरफ देखा ....
आखिर मेहक के मुह से आई शव्द सुनते ही ... शौर्य चौंक क्यूँ गया ? क्या शौर्य मेहक से किसी तरह जुदा हुआ था ... जानने के लिए ... पढ़िए ... unsolved case 02 ...