Unsolved Case - Season 2 - Part 4 in Hindi Detective stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Unsolved Case - Season 2 - Part 4

Unsolved Case - Season 2 - Part 4

एपिसोड 4 ( बारिश में देख खो गया )
शौर्य मेहक के मुह से आई शव्द सुन ... हैरान हो गया | जब भी माया को चोट लगती थी ... तो वो दर्द में हमेशा अपनी माँ को याद करती थी | शौर्य मेहक की तरफ अपनी बड़ी बड़ी आँखों से देख रहा था | उसने देखा की ... मेहक के पैर पर चोट आई है | ओर उसका बहुत खून बह रहा है | खून देख ... शौर्य थोडा परेशान हो गया | वो मेहक के पास गया ओर उसे डांटते हुए बोलने लगा |
शौर्य : ( गुस्से में ) आँखें नहीं है क्या ? देख कर नहीं चल सकती हो तुम ?
मेहक : ( रोते हुए ) क्या आप डांटना थोड़ी देर बाद कर सकते हैं | मुझे दर्द हो रहा है |
मेहक के आंसू देख ... नाजाने शौर्य को क्या हो रहा था | उसे बहुत बैचेनी हो रही थी | फिर उसकी नजर फिर से खून की तरफ गई ... तो वो अपने घुटनों पर बैठा ... मेहक का पैर अपने हातों में लिया ... ओर कांता निकलने लगा |
मेहक : ( चिलाते हुए ) ये क्या कर रहे है सर आप ?
शौर्य : ( गुस्से में ) एक दम चुप | अगर तुम दुबारा बोली ... तो खाई में फैंक दूंगा मैं तुम्हे |
शौर्य की बात सुन ... मेहक डर गई ... ओर आगे कुछ नहीं बोली | मेहक अपनी लाल आँखों से शौर्य की तरफ देख रही थी ... शौर्य की झील जैसी आँखें ... उसकी मस्कुलर बोडी .... मेहक का मनो शौर्य को देख ... गला सूख रहा था ..... शौर्य के छूने से मेहक को मनो करंट सा लग रहा था | पर वो कुछ कर नहीं सकती थी | वो बीएस शौर्य की बड़ी बड़ी पलकों में ही खो गई थी | शौर्य बोला | उसका ध्यान मेहक के पैर पर ही था | वो बिना देखे बोला |
शौर्य : अब ठीक है ?
शौर्य को मेहक की कोई आवाज़ नहीं आ रही थी | तो उसने देखा की मेहक का ध्यान कहीं ओर है | ओर उसका चेहरा पूरा लाल हो चूका है | तो वो परेशान होते हुए मेहक से बोला |
शौर्य : ( ज़ोर से ) तुम ठीक हो ?
मेहक अपने ख्यालों से बाहर आई | ओर हकलाते हुए बोली |
मेहक : क्या ... क्या कहा आपने ?
शौर्य : क्या हुआ ... तुम्हारा चेहरा इतना लाल क्यूँ है ?
मेहक : वो .. वो कुछ नहीं ... मुझे बस गरमी लग रही है | चलो चलते हैं |
मेहक का इस तरह हकलाते हुए देख ... शौर्य डेविल स्माइल हस्ते हुए बोला |
शौर्य : ( हस्ते हुए ) मुझे पता हिया ... की मैं बहुत सुंदर हूँ ... इस तरफ मत घूरो ... वर्ना आँखें बहार आ जाएँगी |
ओर ये कहते ही ... शौर्य वहां से आगे बढ़ गया | शौर्य की बात सुन .. मेहक तो सब मनो भूल ही गई हो | उसे समझ ही नहीं आ रहा था की ... वो क्या कहे | पर वो खुद से ही बोली |
मेहक : पर जो भी ... हस्ते हुए ये इंसान बहुत प्यारा लगता है |
ओर ये कहते ही वो वहां से शौर्य के पीछे पीछे चल पड़ी | यूँ ही कुछ दिन बीत गये | पर मेहक ने आपना काम नहीं छोड़ा था | मेहक एक आनाथ थी | बहुत मुश्किल से उसे ये जॉब लगी थी | भला इतनी आसानी से वो उसे अपने हाथ से जाने कैसे देती | यूँ ही एक केस के दौरान .... मेहक शौर्य से बोली |
मेहक : सर ... चलें |
शौर्य : कहाँ ?
मेहक : सर हमे साईट देखने जाना है ... जहाँ खून हुआ है |
शौर्य : मैं अकेला चला जायूँगा ... तुम्हे कहीं जाने की जरूरत नहीं है |
मेनका : क्यूँ सर .... मुझे भी चलना चाहिए |
शौर्य : ( डेविल स्माइल देते हुए ) सोच लो .... वहां एक खून हुआ था ... ओर अगर मुझे गुस्सा आ गया तो ... मैं कहीं ... तुम्हे भी ....
मेहक : ( हकलाते हुए ) क्या ... क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं आप | मैं आपसे डरती नहीं हूँ |
शौर्य : ( मजाक उड़ाते हुए ) सोच लो | फिर बाद में नहीं कहना की .... मैंने गुस्सा किया ...
शौर्य की बात सुन .. मेहक कुछ सोचते हुए बोली |
मेहक : चलो ....
मेहक की बात सुन ... अब शौर्य को समझ ही नहीं आ रहा था .. की वो अब क्या बोले ... तो अपना सर हिलाते हुए वो मेहक के पिच्छे पिच्छे चल पड़ा | बहार बहुत बारिश हो रही थी | जब दोनों दिते पर पहुंचे तो ... बारिश बहुत तीज हो चुकी थी ... मेहक बारिश देख ... ख़ुशी के मारे कार से उतरी ... ओर बारिश में झूमने लगी | पहले मेहक को यूँ बारिश में देख ... शौर्य को बहुत गुस्सा आ रहा था ... पर फिर न जाने क्यूँ ... मेहक पर से नजरे हटाने का शौर्य का मन ही नहीं कर रहा था | मेहक की स्माइल ... उसका भोला पण .. शौर्य को मेहक की तरफ मनो खींच रहा था | उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी ... पर उसने जल्द ही खुद को संभाला ... र जल्दी से कार से उतरते ही .... मेहक से बोला |
शौर्य : ( चीखते हुए ) जल्दी चलो .... मुझे बीमार नहीं होना है |
शौर्य की गुस्से भरी आवाज़ सुन ... मेहक का मूड ख़राब हो गया ... ओर वो धीरे से खुद से बोली |
मेहक : खडूस कहीं का |
मेहक की बात शौर्य को सुनाई दे गई थी | तो वो पीछे मुड़ते हुए ... गुस्से में मेहक से बोला |
शौर्य : क्या कहा तुमने ?
सह्रुआ की गुस्से भरी आवाज़ सुन ... मेहक ने अपनी पलकें ज्हुका ली ... ओर हकलाते हुए बोली |
मेहक : वो .. वो कुछ नहीं | चलो ....
क्या शौर्य अपने गम को भुला पायेगा ? जानना चाहते हैं तो ... बने रहिये .. मेरे साथ .... ओर पढ़िए ... unsolved case 02

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