Teri Chahat Main - 49 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरी चाहत मैं - 49

"रिया अब आप पुरानी बातें क्यों याद कर रही हैं, छोड़िए, पर एक बात बतायें क्या सच में आपको कहीं और नींद नहीं आती अपने रूम के अलावा।" अजय ने पुछा।
“हा हा हा .. ऐसा कुछ नहीं है, नींद के मामले में हम बहुत बेगैरत हैं, जहां जगह मिलती है वहीं सो जाते हैं। हम तो क्लास मैं भी सो जाते थे।” रिया ने हंसते हुए जवाब दिया।

"तो फिर कल क्या हुआ था, मुझसे इतनी मेहनत क्यूं करवाई!" अजय ने हैरानी से पुछा।
“हमको अच्छा लग रहा था जब आप हमारा इतना ख्याल रख रहे थे, आपने जिस तरह कल हमको सहारा दिया, वैसा कभी किसी ने नहीं दिया था। और वैसे भी ये हमारा हक है, की हम अपने होने वाले पति से अपने नाज उठवाए। हमने फिल्मो मैं देखा है कैसे हीरो अपनी हीरोइन के नाज उठाते हैं। हम आगे भी आप से ऐसा करेंगे और करना पड़ेगा।” रिया ने हंसते हुऐ कहा।
"हां पर, मूवीज मेन हीरोइन कितनी हल्की फुलकी होती है। अपने अपने को उनसे तुलना ना करें। "अजय के ये कहने पे रिया ने टेबल नाइफ उठाया और कहा" अरसलान, हम मोटे बिलकुल भी नहीं है, और अब तुमने हमको दुसरी बार मोटी बोला है। बताओ खाना खा के पिटोगे या अभी।”

"अच्छा माफ कर दो अब नहीं कहूंगा, पर मारना पीटना नहीं, अभी भी पिचली खरोचे दर्द करती हैं।" अजय ने हंसते हुऐ कहा।

"गुड बॉय, बच गए तुम।" रिया ने हंसते हुऐ कहा।
"अच्छा अब मैं चलता हूं, आज शाम राज के यहां जाना है दिवाली सेलिब्रेट करने के लिए।" अजय उठते हुए बोला तो रिया बोली "क्या हम आज शाम तुम्हारे साथ राज के यहां चल सकते हैं। अगर तुम्हे ऐतराज़ ना हो। असल मैं हम आज बिलकुल अकेले हैं। और हम चाहते हैं की आपके दोस्त से मिले और उनको अपने बर्थडे में खुद इनवाइट करें। पर अगर तुमको कोई मसला ना हो।" रिया ने कहा।
“नहीं मुझे कोई ऐतराज़ नहीं, और वैसे भी आप को अकेले बोर होगा। मैं शाम चार बजे बोल दूंगा" अजय ने कहा।
"पर शाम चार बजे जल्दी नहीं होगा।" रिया ने हैरानी से पुछा।
“मैं चार बजे का बोलुंगा तबी आप छे बजे तक तैयार हो पायेंगी। थोड़ा बहुत हीरोइनों के बारे में हम भी मूवीज से सीखे है। "अजय ने हंसते हुये कहा।
"निकल जाओ अजय यहां से वर्ना...! और अगर छे से पहले आए तो हम है इसे बार तुम्हारा सर सच मैं तोडेंगे।” रिया ने हंसते हुई धमकी दी।

शाम को जब अजय रिया को लेने आया, तो वो रिया को देख कर हैरान था, गुलाबी और काले रंग की सलवार सूट मैं वो बहुत खूबसूरत लग रही थी।
"क्या देख रहे हो?" रिया अजय के पास जा के बोली तो अजय ने झेपते हुए बोला "आप बहुत खूबसूरत लग रही है।" रिया ने इतरते हुए कहा "वो तो हम लगते हैं, वैसे तुम भी बुरे नहीं लग रहे, अब चलो वर्ना देर ​​होने पर कहोगे की हम लेट करवाया है ।"

रिया की इस बात पे अजय हसने लगा और फिर वो दोनो राज के घर की तरफ चल दिए। कुछ देर बाद दोनो जब राज के घर पहुचे तो अजय और रिया को साथ देख कर सब हैरान हो गए। रिया सब से बहुत खुशी से मिली। सब हैरान थे रिया के इस बदलाव को देख कर।

"यार मुझे अपनी आँखें पे यकीन नहीं हो रहा है!" रोहित बोला

"चल तू चुप कर, मैंने पहले ही कहा था की सब कुछ सही हो जाएगा।" सना ने रोहित को धौकते हुए कहा।

“हां रिया ने आज मुझे भी हेयरां कर दिया। पर उसे कहा की वो चाहती है कि हमारा रिश्ता बेहतर हो। इसलिए हम दो नो कोशिश कर रहे हैं।" अजय ने मुस्कुराते हुए कहा। तभी रिया ने अजय को कहा की ऊपर आए कुछ जरूरी बात करनी है। अजय टेरेस की तरफ बढ़ा गया।
"हां रिया क्या हुआ।" अजय ने कहा।
“देखो ना अजय कितना खूबसूरत मंज़र हैं। चारो तरफ़ कितनी रोशनी है। छोटे बच्चे देखो पटाखे जला रहे हैं। वो देखो दिए जलते हुए दिये कितने अच्छे लग रहे हैं। " रिया ने अजय को चहकते हुए दिखाया। मंजर सच मैं खुशनुमा था।
"अजय देखो मैं तुम्हारे लिए कुछ लायी हूं।" रिया ने अजय को एक पैकेट देते हुए कहा।
"इसमे क्या है रिया!" अजय ने हैरानी से पुछा।
"खोलो तो।" रिया ने इसरार किया। पैकेट के अंदर से एक खूबसूरत घड़ी थी।
"कैसी है! पसंद आई।" रिया ने खुशी से पुछा
"बहुत खूबसूरत है। पर.. ये किस लिए।'' अजय ने कहा।

“वो मैंने तुम्हारी घड़ी तोड़ी थी ना उस दिन, याद आया। बस मैंने सोचा की तुमको एक नया गिफ्ट कर देती हूं।" रिया ने कहा
"शुक्रिया रिया पर मैं आप के लिए कुछ नहीं लाया हूं।" अजय बोला।

“अब कोई कांटेस्ट थोड़े ही रहा है। और तुम हो ना मेरे पास मेरे लिए यही काफ़ी है।” रिया ने अजय की आंखें में आंखें डालते हुए बोली।

"अच्छा ये बात तो मुझे पता नहीं थी।" अजय ने कहां
“अजय, हमको कभी अकेला मत छोडना। हमारी गलतियों को माफ कर देना। हम पूरी कोशिश करेंगे की तुमको शिकायत का मौका ना दे। हमको सहारा दोगे ना. रिया को अकेला तो नहीं छोड़ोगे ना। " रिया की आवाज़ हल्की सी रुंधी हुई थी।

“ये क्या कर रही हो रिया, तुम रो रही हो। नहीं हम दोनो हमेशा साथ रहेंगे।" कहते हुऐ उसने रिया के आंसू पोंछ दिए।

"सच मैं अजय, पक्का वाला प्रॉमिस ना।" रिया ने मुस्कुराते हुए कहा तो अजय ने मुस्करा के जवाब दिया।
"अजय, तुम्हारे चेहरे पे ये क्या लगा है!" रिया ने अजय से कहा तो अजय ने कहा कहां क्या लगा है। तब रिया ने एक दम से उसके चेहरे को चूमा और कहा "ये लगा है।" और वो हंसते हुई ये कहती हुई भागी "हम जा रहे हैं पटाखे जलाने, तुमको नहीं चलना है क्या।"

अजय हेयरां हुआ, फिर वो भी टेरेस से उतरने लगा। ऊपर आसमान मैं आतिशबाज़ी अपने शबाब पे थी। शहर पुरा रोशन था। अजय और रिया की जिंदगी में मोहब्बत के सैकड़ों चिराग रोशन हो गए थे।


To be continued
in 50th Part