childhood memories books and stories free download online pdf in Hindi

यादें बचपन की

बच्चें मन के सच्चे...

बचपन में याद है …..
अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है…..
जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे
तब फल व खिलौने लेकर आते थे
और जब उनके वापस लौटने का वक्त होता था
कुछ दिन हमारे घर पर रहने के बाद तब….
वापस लौटने के वक्त कुछ कुछ पैसे लिफ़ाफ़े में रख के या सीधे इसी तरह हमें देने लगते थे ….
मन तो बहुत करता था ले लेने का लेकिन लेने से पहले नाटक ना लेने का भी हम बच्चें बहुत करते थे …
फिर बाद में ज़बरदस्ती वो रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे जेब में वो पैसा रख देते थे …
और बोलते थे रखो जीजी का आशीर्वाद समझ कर गोलियां लेकर खा लेना …..
पर जीजी को क्या पता होता था की उनके जाने के बाद माँ पैसा ले लेंती है और कहती है की मैं भी जीजी के बच्चों को दिये हैं …. बहुत नाटक या मनुहार करने के...
बाद में कभी अधिक दया आ जाती थी तब उसमे से थोड़े बहुत पैसे मिला करते थे …… यह एक मध्यवर्गीय परिवार की कहानी होती थी जो शायद हर घर की ही कहानी होती थी …….. पर जो भी ऐसा कुछ था वो बहुत सुंदर था… लैंडलाइन टेलीफ़ोन पर फ़ोन आना , रिश्तेदारों व परिवार वालो का परिवार के साथ घर पर आकार ठहरना , छत पर बिजली बंद हो जाने के बाद मच्छर के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी लगा कर सोना और सोने से पहले याद से टॉर्च तकिया के नजदीक रख कर सोना …. और भी बहुत कुछ …. बहुत सुंदर यादें हैं....
मगर अभी मौसी ने यह लिफ़ाफ़ा मौसा जी के हाँथ से जन्मदिन के आशीर्वाद के रूप में दिया है । देख कर पुरानी बीती बातें, याद आने लगीं .... माँ मेरी जब कभी यह कहानी पढ़ेंगी तो ज़रूर पढ़ने के बाद बहुत सारी खरी खोटी सुनायेंगी …. पर माँ हर बच्चा पीड़ित होता ही है इस दर्द से ….