Sath Zindgi Bhar ka - 26 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 26

आस्था सारी तैयारियां हो गई ना कुछ बाकी तो नहीं रहा सुनीता ओहो छोटी मां सब तैयार है आप से उतरा दीदी की तैयारी हुई या नहीं

वह देखिए आस्था नहीं कहा आज उतरा को देखने लड़के वाले आ रहे हैं वैसे तो यह लव मैरिज हुई थी बस अब फॉर्मली बात करना बाकी था

और नहीं तो क्या सुनीता आस्था ने सब कुछ अच्छे से कर दिया है मृणाल तुम बस उतरा को देखो या फिर ऐश्वर्या से कहो उसे तैयार करने को अनीता वह सब तो ठीक है

लेकिन आस्था आप सुनीता जी कहते हुए चुप हो गई

छोटी मां हमें पता है कि हमें सबके सामने नहीं आना है आस्था

सॉरी आस्था बेटा लेकिन हम मजबूर हैं हर्षिका के वक्त प्रॉब्लम नहीं हुई क्योंकि माधव सा और उनकी फैमिली को आपके बारे में पता था लेकिन अब ऐसा नहीं है करण सा( उतरा का बॉयफ्रेंड ) रॉयल फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं और तो और उनके पिता सीएम है आपकी और को कुंवर सा के रिश्ते पर कोई सवाल करें

या फिर उतरा के रिश्ते में कोई प्रॉब्लम आए हम यह दोनों चीजें नहीं चाहते हैं इसलिए बेहतर यही होगा कि आप किसी के सामने ना आए अनीता और यह सब कब तक चलेगा छोटी मां एकांश और बाकी सब भी हॉल में आ गए यह जरूरी है एकांश ने कहा

लेकिन क्यों जरूरी है दादीसा आस्था ने सारे काम करने हैं सारे तैयारियां करनी है

बस किसी के सामने नहीं आना है ऐसा क्यों एकांश ने गुस्से में कहा इसी ऐसा इसलिए एकांश ताकि कोई प्रॉब्लम ना हो

आस्था अभी अट्ठारह की नहीं हुई है तो यही सब है कि आप दोनों का रिश्ता सबसे छुपाया जाए अजिंक्य हां कुंवर सा और वैसे भी दुष्यंत राजपूत सीएम है

और वह कायदे के बहुत पक्के हैं यकीनन वह आपके शादी पर सवाल खड़े करेंगे धनुष जी ने कहा

उनके सवालों के जवाब देने के लिए हम हैं बड़े बाबा का एकांश आप तो जवाब देंगे

लेकिन क्या वह उसे एक्सेप्ट करेंगे मत भूलिए वह बहुत स्ट्रिक्ट है और पावरफुल मिनिस्टर हैं

उनके पावर का फायदा हर्ष के पॉलिटिकल करियर को भी हो सकता है और हमारी उतरा और करंट भी तो एक दूसरे से प्यार करते हैं

आप की एक छोटी सी गलती बहुत महंगी पड़ेगी पड़ सकती है धनुष बड़े बाबा सा अगर बात ऐसी है तो हम और आस्था कहीं चले जाते हैं

जब हम दोनों ही यही नहीं होंगे तो कोई प्रॉब्लम ही नहीं होगी एकांश नहीं चढ़ते हुए कहा

उसके और आस्था के रिश्ते पर कोई उंगली उठाए उसे यह मंजूर नहीं था यह क्या कह रहे हैं आप कुंवर सा दादा सा सही तो कह रहे हैं हम

आपको सिर्फ आस्था काम करने के लिए ही चाहिए एकांश ने आगे बोलने से पहले ही आस्था ने बीच में कहा कुंवर जी चुप रहिए कुछ भी कैसे बोल सकते हैं

आस्था आप कहीं नहीं जा रहे हैं उत्तरा दीदी की शादी होने वाली है और उनके भाई सा के साथ नहीं रहेंगे तो उन्हें कैसा लगेगा

और रहा सवाल काम का तो कोई हमें नहीं कहता कि काम करो हम अपने दिल से करते हैं

और हमें अच्छा लगता है यह सब करना जिम्मेदारी है यह हमारी आस्था ने भी हल्के गुस्से में कहा एकांश को इस तरह सब से बात करना उसे अच्छा नहीं लग रहा था

सिर्फ आप की यह जिम्मेदारी है कि हम सबका ध्यान रखना हमारी नहीं है

आपका ख्याल रखना आपको आपका हक और इज्जत देना एकांश अपनों के साथ अपनों के बीच कैसा हक्कू अर्जी और इज्जत पाने के लिए हमें इतने बड़े नहीं हुए हैं

हमें तो सिर्फ आप सब का प्यार चाहिए जो हर कोई हमें बहुत ज्यादा ही देता है आप सब हमसे इतना प्यार करते हैं हमारा ख्याल रखते हैं यही काफी है

हमारे लिए आस्था लेकिन आस्था एकांश लेकिन लेकिन कुछ नहीं अब बिल्कुल चुप हो रहेंगे आप पता नहीं इतना गुस्सा लाते कहां से हैं

आप और आप सब यही खड़े मत रहिए जाकर जल्दी से तैयार हो जाइए गेस्ट भी आते ही होंगे ना

और कुंवर जी आप प्लीज आज ब्लैक पहने है प्लीज आस्था ने अपने क्यूट एक्सप्रेशन के साथ कहां एकांश ने प्यार से उसका गाल थपथपाया और बिना कुछ कहे बोले वहां से चला गया

थैंक यू भाभी सा भाई सा को मनाने के लिए उतरा के कहने पर आस्था ने एक प्यारी सी स्माइल दी वैसे भाभीसा आज हमें पता चल गया है कि आप बड़ी हो गई है

इसलिए हम आपको छोटी सी भाभी सा नहीं बुलाएंगे रूद्र सच दा

आस्था ने खुशी से मुस्कुराते हुए कहा नहीं झूठ छोटी सी भाभी सा भले ही आप कितनी बड़ी भी हो जाए हमसे तो छोटे ही रहेंगे ना छोटी सी भाभी सा रूद्र ने हंसते हुए आस्था को चिढ़ाया आय हेट यू रुद्र द आप बहुत बुरे हैं आस्था ने मुंह फूल आते हुए कहा अरे इतने मत गाल फुलाइये कहीं फुट ना जाए रूद्र

छोटी मां आस्था ने सैड सा चेहरा उनकी तरफ देखा रूद्र सुनीता जी ने उसे आंख दिखाएं देखा छोटी सी भाभी सा आपने फ्रूट कर दिया कि आप अभी तक छोटी हैं जैसे छोटे बच्चे की तरह कंप्लेंट कर रहे हैं रूद्र उसे और परेशान करने लगा

हम आप को छोड़ेंगे नहीं आस्था रूद्र को मारने के लिए दौड़ पड़े और सबके चेहरे पर स्माइल आ गए

मां हमें बहुत बुरा लग रहा है इस तरह से आस्था को सबसे छुपाना सुनीता जी ने उदास होते हुए कहा

बुरा तो हमें भी लग रहा है लेकिन अब क्या कर सकते हैं अगर वह अट्ठारह की पूरी होती ना तो यकीन कीजिए हम कोई भी प्रॉब्लम नहीं होती उन्हें सब से मिलाने में दादीसा ने भी हताश स्वर में कहा

आप फिकर मत कीजिए सिर्फ उम्र ही छोटी है वह वरना बहुत समझदार है सब को अपना बना लेते हैं

तभी तो गुस्से में किसी की भी नहीं सुनने वाले कुंवर सा बिना कुछ कहे ही शांत हो गए

और जिम्मेदारी का जरा सा भी एहसास नहीं रखने वाले रूद्र अपनी भाभी सा के चेहरे पर स्माइल लाने के लिए डांट खाने के लिए भी तैयार हो गए दादा सा

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