Sath Zindgi Bhar ka - 39 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 39

एकांश सुबह जल्दी ही पहले से बाहर चला गया वह ना किसी से मिला था और ना ही उसने किसी से बात की थी वह सीधा अपने प्राइवेट जेट से मुंबई वरद से मिलने पहुंच गया

कुंवर सा आप यहां वरद सुबह-सुबह उसे अपने फ्लैट पर देख हैरान होते हो गया वरद आप हमारे साथ जयपुर चल रहे हैं

कल आस्था को लेकर आप मुंबई आएंगे और नेक्स्ट वीक लंदन सारी अरेंजमेंट हमने करवा दी है

एकांश लंदन वह भी नेक्स्ट वीक हम लेट टू मंथ जाने वाले थे ना

फिर अभी और आस्था को मुंबई क्यों वह जाने तक आपके साथ नहीं रहने वाली वरद नहीं वह कल मुंबई आएंगे

आपके साथ एकांश को यह कहने को भी बहुत मुश्किल हो रही थी

कुंवर सा आप यहां रह पाएंगे उसके बिना वरद ने उसकी तकलीफ उसकी आंखों में देख ली थी नहीं नहीं नहीं रह पाएंगे इसलिए तो आपको उसके साथ भेज रहे हैं

आप उनका ख्याल भी रखना और हमें उनके हर पल की खबर देना एकांश की नम आंखों से कहा वरद को भी उसकी तकलीफ समझ आ रही थी

उसने एकांश को कुछ देर अकेला छोड़ दिया बाबा सा और कुंवर जी कहां हैं

हम सुबह से दिखाई नहीं दिए का आस्था ने अजिंक्य जी से पूछा उसे सुबह से ही एकांश दिखाई नहीं दिया था

वह बाहर गए हैं आस्था आप बैठी और नाश्ता कीजिए अजिंक्य जी को एकांश ने बता दिया था

कि वह आस्था को कल मुंबई और नेक्स्ट वीक लंदन भेज रहा है हमें आपसे मिलकर क्यों नहीं गए

आस्था उसके जाने से नाराज हो गई इंपॉर्टेंट काम होगा आस्था आ जाएंगे

वह आप नाश्ता कीजिए अजिंक्य जी के कहने पर आस्था नाश्ता करने बैठ गई लेकिन उसे कुछ खाया ही नहीं जा रहा था

मुश्किल से दो निवाले खा कर उठी बिना किसी को कुछ कहे अपने कमरे में चली गई

आस्था को बहुत रोना आ रहा था वह रोते रोते हुए बेड पर लेट गई छोटी सी भाभी सा दरवाजा खोलिए

रूद्र ने दरवाजा knock करते हुए कहा वह पहले से ही परेशान हैं और परेशान किया ना तो हम थप्पड़ मारेंगे

आपको ऐश्वर्या ने उसे धमकी दी उतरा और स्वप्न भी रूद्र को घूर रहे थे

हम कहां परेशान कर रहे हैं रूद्र चुप वरना सपने ने उसे आगे बोलने से पहले ही पंच दिखाया

भाभी सा दरवाजा खोलिए उतरने से एक बार आवाज लगाई आस्था ने दरवाजा खोला और उसे देखकर सब हैरान हो गए आप रो क्यों रही हैं

भाभीसा रूद्र ने परेशान होते हुए पूछा आस्था के नाक और गाल पूरी तरह से लाल हो चुके थे

आंखें भी आंसुओं से भरी हुई थी आस्था रोते हुए उसके गले लग गई क्या हुआ भाभी सा बताइए हमें रूद्र की आंखें भी नम हो चुकी थी

दा कल आस्था की आंखों के सामने फिर कुणाल का चेहरा आ गया कल क्या भाभी सा आप भाग भाई सा के साथ थी

ना फिर उतरा और बाकी सब भी भर बहुत परेशान हो चुके थे नहीं कुंवर जी आए नहीं

लेकिन आस्था ने रोते हुए कुणाल की सारी बदतमीजी बता दी आपने कल ही क्यों नहीं बताया हमसे नहीं तो भाई भाई सा से ही कहते

स्वप्न को कुणाल पर बेहद गुस्सा आ रहा था हम गए थे उनके पास लेकिन वह परेशान थे कुछ तो हुआ है

जी आज भी वह बिना बताए चले गए आस्था को सब अब भी सिर्फ एकांश ही फिक्र थी उसे कुणाल की वजह से नहीं तो एकांश ने किसी तरह जाने से रोना आ रहा था

हम उस कुणाल को छोड़ेंगे नहीं रूद्र ने अपने हाथों की मुखिया कजली रिलैक्स रूद्र पहले हम सब को बताते हैं

फिर अजिंक्य काका सा जो कहेंगे वही करेंगे ऐश्वर्या ने उसे शांत करने की कोशिश की उन्होंने सभी को कुणाल की हरकत बता दी

आस्था रोते हुए सर झुका कर खड़ी थी आस्था आपने पहले क्यों नहीं बताया बेटा अजिंक्य जी ने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा हम डर गए थे

कुणाल उतरा देख के देवर हैं हमें लगा आप कुंवर जी प नहीं है यहां उन्हें क्या हुआ है बाबा साहब परेशान हैं

आस्था सिसकते हुए भी सिर्फ एकांश की ही फिक्र कर रही थी हम अभी राजपूत जी से बात करते हैं कुणाल की गलती की सजा उन्हें मिलकर ही रहेगी दादा सामने गुस्से में भी राजपूत को कॉल किया और अर्जेंटली अपनी पूरी फैमिली के साथ प्लेस बुला लिया क्या हुआ अखिलेश जी आपने इस तरह हमें यहां क्यों बुलाया

दुष्यंत राजपूत ने उनके साथ अपनी पत्नी करण रेवा और कुणाल तीनों आए हुए थे रेवा और कुणाल दोनों नहीं आना चाह रहे थे

लेकिन अपने पिता के सामने एक भी ना चली उन दोनों को डर था कि कहीं एकांश और आस्था ने सब को सब कुछ बता तो नहीं दिया

दुष्यंत जी उनकी पत्नी और करण आस्था को देखकर हैरान थे वजह ही ऐसी है हमें आप को बुलाना पड़ा और

यह हम से पूछने से अच्छा है आप अपने बेटे कुणाल से पूछे दादा सा गुस्से से घर से लेकिन कुणाल का नाम सुनते रेवा थोड़ी रिलैक्स हो गई

कुणाल अब क्या किया है आपने दुष्यंत जी ने उसे घूरते हुए कहा वह उसकी हरकतों से वाकिफ थे

नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं किया डैड हमें नहीं पता यह किस बारे में बात कर रहे हैं झूठ मत बोलिए कुणाल हमें आस्था ने सब बता दिया है

आपकी हिम्मत कैसे हुई उनके साथ बदतमीजी करने की अजिंक्य जी ने कुणाल की फैमिली को उसकी पूरी हरकत बता दी

डैड झूठ बोल रही है यह लड़की हमने कुछ नहीं किया इनफेक्ट यही हमस चिपकने की कोशिश करती है

कुणाल ने बेशर्म की तरह सारा इल्जाम आस्था पर लगा दिया नहीं नहीं बाबा सा दा आस्था ने रोते हुए रूद्र का हाथ पकड़ा

कुणाल के उस पर झूठा इल्जाम लगाने की वजह से वह डर रही थी

झूठ हमारे भाई नहीं बल्कि आप बोल रही हैं रेवा नहीं रुद्र बाबा सा दादीसा आप हम नहीं आस्था को समझ नहीं आ रहा था

कि वह कैसे कहे उसके मुंह से अल्फाज ही नहीं निकल रहे थे

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