Sath Zindgi Bhar ka - 46 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 46

उसकी इस कमरे से एकांश की नजर वही सामने लगे बोर्ड पर गई आस्था ने वहां अपनी खूबसूरत हैंडराइटिंग में अपना और एकांश का नाम लिखा हुआ था

और उसके पास एक प्यारी सारा सा स्माइली कुछ फोटोस भेज स्टिक किए हुए थे

वहां एकांश ने देखा और खुद को मुस्कुराने से नहीं रोक पाया बहुत खूबसूरत और कैंडिड पिक्चर थी वह सब फैमिली के साथ

एकांश की नजर आस्था और अपनी फोटो पर गई

उसके 12 के रिजल्ट के बाद जब एकांश ने उसे उठाकर गोल घूम आया था

जब वह उसे अपनी बाहों में उठा कर मंदिर की सीढ़ियां चल रहा था

और जब आस्था उसके हाथ को थाम ते हुए उससे कुछ जिद कर रही थी

उन फोटोस को देखते हुए उसके होठों पर स्माइल थी

तो आंखें भी नम भी थी

कुंवर सा दाई मा ने उसे आवाज दी जी एकांश ने अपनी आंखें साफ कर लीं

आप यहां दाई मा को उसकी फिक्र हो रही थी

हां वह दााईमा हमारा सामान ही यहां शिफ्ट कर दीजिए

आज से हम इसी रूम में रहेंगे और एक बात और अभी जैसा यह कमरा है हमें हर रोज ऐसा ही चाहिए कोई भी बदलाव हम बर्दाश्त नहीं करेंगे

इस डेट क्लियर एकांश जी हम कल ही आपका सामान यहां शिफ्ट करवा देंगे दााईमा ने कहा और वापस चली गई

एकांश भी बेड पर लेट गया और आस्था के एहसास के साथ सो गया

लगभग रात के 2:00 बजे आस्था वरद के कमरे में आई और उसे जी भर के देखा सॉरी दादा आई नो कि आप बहुत हर्ट होंगे लेकिन हमारा यहां से जाना है आपके और हमारे लिए बेहतर है

पता नहीं रेवा कुछ करेगी या फिर नहीं फिर भी हमें नहीं चाहते कि हमारी वजह से आपको यहां कोई मुसीबत आए आय एम सॉरी दादा

लेकिन आज हम सिर्फ दूसरों का सहारा लेकर ही जीते आए हैं अब खुद अपने लिए कुछ करना चाहते हैं

और जब तक हम आपके साथ रहेंगे तब तक सिर्फ आप पर ही डिपेंड रहेंगे हम अब किसी का सहारा या किसी की पहचान नहीं लेना चाहते इसलिए जा रहे हैं

और शायद वापस कभी नहीं लौट कर आए सच दादा अब हम वापस नहीं आएंगे ना आपके पास और ना ही कुंवर जी के पास आस्था ने वरद के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और बिना कोई आवाज के चली गई

अगली सुबह एकांश की नींद खुली तो वह वरद के कॉल से उसने वक्त देखा सुबह के 10:00 बज रहे थे

उसने खुद हैरान था कि वह इतनी देर कैसे सो गया उसने वरद को कॉल बैक किया हेलो कुंवर सा वरद की परेशानी भरी आवाज से एकांश की नींद उड़ गई

क्या हुआ आस्था ठीक है ना एकांश कुंवर सा वह वरद कहते हुए रुक गया बोलिए और एकांश को म अब बहुत फिक्र हो रही थी पिल्लू घर पर नहीं है और उसका कुछ सामान भी गायब है

और वरद क्या बोल रहे हैं आप और क्या एकांश उसने एक चिट्ठी लिखी थी इसमें उसने लिखा है कि वह जा रही है

और उसे ढूंढने की कोशिश ना करें वरद ने कहा और एकांश के पैरों तले जमीन निकल गई

वरद आप मजाक कर रहे हैं ना एकाश को भरोसा नहीं हो रहा था कुंवर सा वरद की उदासी भरी आवाज मैं समझ गए

हम अभी मुंबई आ रहे हैं एकांश में कॉल कट किया आकाश को आस्था के गायब होने की खबर देकर काम पर लगा दिया

और खुद भी मुंबई के लिए रवाना हो गय गया

आकाश में अपने सारे कांटेक्ट यूज़ करके सब को काम पर लगा दिया वहां की पुलिस फोर्स उसके कुछ प्राइवेट डिटेक्टिव वह सब को एक्टिवेट कर चुका था

लेकिन आस्था का भी अभी तक कोई पता नहीं चला एकांश जैसे ही मुंबई पहुंचा वह भी काम पर लग गया एकांश ने वरद वरद के बिल्डिंग की सीसीटीवी कैमरा भी बंद था

इसलिए आस्था कहा कहां गई किसी को कुछ पता नहीं चला वहां आसपास के कई कमरों की फुटेज उन्होंने चेक की

उन्होंने चेक की लेकिन उन्हें कुछ भी ऐसा सुराग नहीं मिला

जिसे समझ में आता की कहां गई है कुंवर सा शायद शायद पिल्लू अपने गांव गांव गई हो वरद और एकांश के गांव के लिए निकल पड़े पूरे रास्ते का ईश्वर उसकी ही सलामत की होने की उनसे मिलने की दुआ मांग रहा था

गांव में भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा आता वहां भी नहीं थी ना जाने कितने बुरे बुरे ख्याल आते उसके दिल में आ रहे थे

इतनी कोशिश करके भी उसे आस्था का सही पता नहीं चल रहा था वह दिन रात एक कर के लगातार आस्था को ढूंढ रहा था

लेकिन सिर्फ निराशा ही उसके हाथ खा रखी थी आस्था को हुए 5 दिन हो चुके थे

एकांश आज पैलेस पैलेस आया उसके चेहरे से साफ साफ दिखाई दे रहा था

कि वह किस हद तक थका हुआ है इन दिनों ना उसमें ठीक से कुछ खाया और ना ही वह ठीक से सोया अब तो हैप्पी है ना आपको चली गई वो आपकी जिंदगी से दूर ही हमें लगता है कि आप हमसे बहुत प्यार करते हैं

लेकिन नहीं हम गलत थे अगर आप उनसे प्यार करते ना तो कभी उन्हें कभी अपने से दूर नहीं करते रूद्र गुस्से से ऊपर ठीक रहा था वह भी लगातार आस्था को ही ढूंढ रहा था

रूद्र अभी नहीं अजिंक्य जी ने उसे खामोश होने को कहा अभी नहीं तो कभी नहीं बड़े बाबा सा और हमने कुछ गलत नहीं कहा

आप जानते हैं ना कितनी मासूम है वह उन्हें दुनियादारी की कुछ समझ नहीं है

सिवाय कॉलेज के कहीं जाती भी नहीं थी और अब बड़े बाबा सा ने ना उन्हें आई प्रॉमिस हम कभी परेशान नहीं करेंगे

उनकी सारी बात मानेंगे रूद्र रोते हुए अपने घुटनों पर बैठ गया रूद्र

एकांश ने उसे उठने के लिए हाथ आगे बढ़ाया डोंट टच मी भाई सा सॉरी सॉरी कुंवर सा अगर उन्हें कुछ हुआ ना तो हम आपको कभी आपसे बात नहीं करेंगे कभी भी नहीं

रूद्र वहां से चला गया किसी को कुछ सोचा ही नहीं कि वह अब क्या करें वह सब अपने अपने कमरे में चले गए एकांत भी हताश होकर अपने कमरे में लौट आया

एकांश में जोर से उसका नाम पुकारा वह बहुत ही बुरी तरह से रो रहा था

अपने आप को कोस रहा था लेकिन अब उसका कोई फायदा नहीं था

I know dono episode chote h lekin m likh nhi

Rhi hu tym nhi mil pa rha h मुझे es lie all plzz aj pd lijiye kl m try krugi कि एक episode ही 2000 words का ya usse jayda words ka ho