Tere Intzaar me - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरे इंतजार में.... - 3

अनामी अपने काम में व्यस्त ही थी की उसे पता ही नहीं चला की लंच ब्रेक का टाइम हो गया है। पहला दिन इतना व्यस्त जाएगा ये उसने सोचा नहीं था। क्योंकि अगर वह लोग इंटर्न को इतना काम देते है तो पता नहीं जो हेड डिजाइनर है उनका क्या हाल होता होगा। वह हाथ को ऊपर की और करते हुए आलस दूर ही कर रही थी की पीछे से आवाज आती है "भाऊऊऊऊ" । वह डर की वजह से चेयर से गिरने ही वाली थी की... कोई उसका थाम लेता है। जब वह गुस्से में पीछे मुड़कर देखती है तो वैद था। जो हंसे भी जा रहा था और अनामी का हाथ भी उसने थामा था। अनामी गुस्से भरी नजरो से वेद की और देखे जा रही थी। तभी वेद अपनी हंसी रोकते हुए कहता है।

वेद: क्या ऐसे क्या देख रही हो! अब देखो अब मेरी दोस्त बनी हो तो मुझे जेलना तो पड़ेगा ही तुम्हे!? फिर चाहे गुस्सा आए या प्यार! ( भोली सी शकल बनाते हुए ) ।
अनामी: ओह! प्लीज ये भोली शक्ल में तो तुम सबसे बड़े दानव लग रहे हो! तो ये ड्रामा बंद करो! और जल्दी से बताओ! यहां क्या लेने आए हो!? ।
वेद: ( दिल पर हाथ रखते हुए ) आहहहह! दर्द हो रहा है! ।
अनामी: ( मुस्कुराते हुए ) हो गया अब जल्दी से बताओ!? ।
वेद: ( अचानक अनामी का हाथ छोड़ते हुए जमीन पर गीर जाता है ।)
अनामी: ( वेद की ओर देखती है। ) हेय! ये ड्रामा मेरे साथ मत करो!? जल्दी से उठो!? चलो! ।
वेद: ( बिना हरकत के जमीन पर लेटा हुआ था ।)
अनामी: ( डरते हुए वेद के नजदीक जाती है । ) वेद.. देखो ऐसे डराओ मत मुझे! अब ये कुछ ज्यादा हो रहा है।
वेद: ( फिर भी कोई हरकत नहीं करता। ) ।
अनामी: (वेद की सांसे चेक करते हुए उसे हड़बड़ाती है। ) हेय! प्लीज ना उठो यार ऐसे मजाक मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। ( गिड़गिड़ाते हुए ) ।
वेद: ( कोई हरकत नहीं कर रहा था ।)।
अनामी कुछ बोलने ही वाली थी की रितिका आती है।
रितिका: हेय! तुम ये रोने वाली शक्ल क्यों बना के बैठी हो!? ।
अनामी: ( रितिका की ओर देखते हुए ) ये.... पता नहीं इसे क्या हो गया है!? देखो ना! कुछ हरकत ही नहीं कर रहा! थोड़ी देर पहले!.... ।
रितिका: ( अपने होठ पर उंगली रखते हुए! अनामी को कुछ ना बोलने के लिए कहती है! और टेबल पर से पानी की बोटल उठाते हुए ! उसका ढक्कन खोल कर पूरी बॉटल वेद के मुंह पर छिड़क देती है। ) ।
वेद: (अचानक से पानी मुंह पर गिरने की वजह से गहरी सांस लेते हुए आंखे खोलता है। ) आह! रितिका! क्यों किया तुमने ऐसा! ( उठते हुए मुंह पर से पानी को पोछते हुए ) अनामी का ध्यान मेरी ओर करने के लिए किया था मैंने ।
रितिका: सी! इसे अटेंशन बहुत ही ज्यादा पसंद है।
अनामी: ( खड़ी होते हुए ... गुस्से में वैद की और देखती है।) आइंदा मेरे साथ ऐसा घटिया मजाक बिलकुल मत करना! मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है! समझे ।
रितिका: चलो! अब लंच का टाईम है! और अगर ऐसे ही हम टाइम बिगाड़ेंगे तो आज भूखे पेट ही काम करना होगा! ।
अनामी: ( अपना टिफिन लेते हुए! वैद की ओर देखे बिना! आगे चली जाती है। ) ।
रितिका: चलो अब इडियट! वहां मूर्ति बने क्या देख रहे हो!? ।
वैद: ( खुद को संभालते हुए ) अम्म! हां! ( इतना कहते ही वह दोनो भी केंटीन की और चल पड़ते है ।) ।
अनामी: ( टेबल पर बैठते हुए... अपना टिफिन खोल ही रही थी की वैद उसकी बगल वाली चेयर पर बैठते हुए अपना टिफिन को खोलने लगता है। ) वैद.... मुझे अभी कोई भी मजाक नहीं चाहिए...! तो प्लीज शांति से चुपचाप खाना खाओ! ।
वैद: मैने तो कुछ कहां भी नहीं और ना ही कुछ किया है!? ।
अनामी: हां! लेकिन शांति से तुम बैठने वाले हो क्या!? ।
रितिका: अनामी इग्नोर हीम! खाना खाओ! ।
अनामी: ( सिर को हां में हिलाते हुए निवाला लेते हुए चबाने लगती है। ) ।
वैद: अनामी! ।
अनामी: हम्म!? ।
वैद: तुम गुस्सा हो क्या मुझ से!? ।
अनामी: नहीं तो किसने कहा!? ( रूखा जवाब देते हुए । ) ।
वैद: ( रितिका को मदद के लिए इशारा करते हुए ) नहीं! वो मेरे मजाक की वजह से!? ।
रितिका: अनामी! तुम इसे सीरियस मत लो! इसकी आदत है लोगो को परेशान करने की! ।
वैद: हां तुम्हे मुझे इतना सीरियस नहीं लेना चाहिए था! मैं बस तुम्हे परेशान कर रहा था ।
अनामी: ( आंखे बंद करकर गहरी सांस लेते हुए... आंखे खोलते हुए ... वैद की ओर देखते हुए ) किसी को परेशान करना एक बात है और किसी को हार्ट अटैक देना दूसरी बात! ।
वैद: अच्छा ना! गलती हो गई प्लीज! जाने दे अब! ।
अनामी: तुम्हे जरा भी अंदाजा नहीं है! उस वक्त मुझे लगा कि तुम्हे सच में कुछ हो गया था! अब तुम्ही बताओ ऐसी हरकत को मजाक समझ के कैसे हंसी आएगी मुझे!? ।
वैद: अरे! यार छोटी सी बात थी! जाने भी दो तुम कुछ ज्यादा ही सीरियस हो रही हो! ।
अनामी: ( चम्मच को टेबल पर पटकते हुए ) फाइन! ।
रितिका: अनामी! वैद! आसपास सभी लोग देख रहे है! और रही बात इस मजाक की तो वैद ये सच में थोड़ा ज्यादा हो गया था! क्या पता सच में कल तुम्हे कुछ हो जाए और मजाक में लेकर हम कुछ ना करे!? ।
अनामी: एक्सेटली! वहीं तो मैं इस डफर को समझाने की कोशिश कर रही हूं! ।
वैद: ( हाथ जोड़ते हुए ) ओके फाइन मेरी मां! ( भोली शक्ल बनाते हुए ) आगे से यह गलती नहीं होगी! अब तो शकल गुब्बारे जैसी फुलाना बंद करो! और मुस्कुरा दो! ।
अनामी: ( सिर को ना में हिलाते हुए खाना खाने लगती है। ) ।
वैद: तो मतलब तुमने मुझे माफ कर दिया है ना! है ना! है ना! ( उंगली से उसके बाजू को छूते हुए । ) ।
अनामी: ( ना चाहते हुए भी वैद की बच्चो जैसी हरकते देख कर मुस्कुरा देती हैं। ) तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता ।
वैद: ( मुस्कुराते हुए ) हाए! मेरा होगा भी क्या! आखिर इतनी हेंडसम जो हूं! कोई लड़की मानती ही नहीं! ( पलके जपकाते हुए। ) ।
रितिका: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) यू... डिस्गस्टिंग! तौबा तौबा सारा मुड़ खराब कर दिया! ( डब्बे को पैक करते हुए । )।
अनामी: ( यह देखकर जोर जोर से हंसने लगती है। ) हाहाहाहाहा..... ।
वैद: ( मुंह फुलाए... छोटी आंखों से रितिका की ओर देखते हुए ) ओह! प्लीज! तुम तो बस ही करो! दूध की धुली हुई नहीं हो! अभी अगर क्लब वाला वीडियो! दिखाऊं जो नशे में खेल किए थे तुमने! ।
रितिका: वो वीडियो डिलीट हो चुका है! ( जूठी मुस्कुराहट के साथ वैद की ओर जुबान निकालकर चिढ़ाते हुए । ) ।
वैद: किसने कहां मैने स्पेशयली सेव करके रखा है! ( रितिका की हरकत की नकल करते हुए। ) ।
रितिका: ( बड़ी आंखों से वैद की ओर देखते हुए ) डोंट यू डेर! मेरी इंप्रेशन का कबाड़ा करने की सोचना भी मत वर्ना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा! ।
वैद: ( मुस्कुराते हुए ) तुमसे बुरा है भी नहीं कोई! ( इतना कहते ही वह अनामी का हाथ थामते हुए कहता है! ) चलो! अनामी एक मस्त विडियो दिखाता हूं! ।

वैद अनामी को अपने साथ टेरेस की ओर आगे बढ़ता है! और रितिका पीछे पीछे! उसे रोकने के लिए पीछे भागती है! । अनामी को समझ नहीं आ रहा था की क्या चल रहा है! । और दूसरी और अथर्व ये सब कोरिडर में खड़े होकर देख रहा था ।