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प्रेरणास्त्रोत - 1

कहानी no - 1

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम राजू था। उसका परिवार गरीब था, लेकिन राजू की आत्मा अमीरी से भरी थी। वह हमेशा हँसता-हँसता दूसरों की मदद करने में लगा रहता था।

एक दिन, गांव में एक बड़ा मेला आया। गांव के लोग बड़े उत्साहित थे और सभी तैयारियाँ कर रहे थे। राजू भी उस मेले में जाने की तैयारियों में लग गया। लेकिन उसके पास खुद के लिए कोई पैसे नहीं थे।

राजू ने अपने मित्रों को उसकी स्थिति बताई और उनसे मदद मांगी। उनके मित्रों ने सोचा, सब ने थोड़ा-थोड़ा पैसे जुटाकर राजू को उनके साथ मेले जाने के लिए तैयार किया।

मेले में पहुँचकर, राजू ने देखा कि वहाँ पर एक गरीब बच्चा खुद को खो चुका था। उसने उस बच्चे की मदद करने का निर्णय लिया। वह अपने मित्रों के साथ मिलकर उस बच्चे की खोज में लग गया। थोड़ी देर में, उन्होंने बच्चे को एक पूरे परिवार के साथ मिलवाया।

यह घटना लोगों के दिलों में गहराई से समा गई और सभी ने मिलकर गरीबों की मदद करने का निर्णय लिया। राजू ने दिखाया कि हालात चाहे जैसे भी हों, एक छोटे से प्रयास से भी हम गरीबों की मदद कर सकते हैं और उन्हें खुद को सशक्त महसूस करने का अवसर दे सकते हैं।



कहानी no - 2

किसी गांव में एक बच्चा नामकरण के दिन बहुत खुश था, परंतु उसके पिता का उद्योग असफल हो गया और उनके पास पर्याप्त धन नहीं था। बच्चे के सपने भी थे, परंतु वे पूरे नहीं हो पा रहे थे।

बच्चे ने अपने दोस्तों से सुना कि एक समुद्र तट पर रहने वाला बूढ़ा आदर्श व्यक्ति है। वह हमेशा खुश रहता है और दूसरों की मदद करता है, विशेष रूप से गरीबों की। बच्चा उस बूढ़े के पास गया और पूछा कि आपके पास जो कुछ भी है, वह कैसे पर्याप्त है?

बूढ़ा मुस्कराया और बोले, "मेरी खुदाई से मिलने वाली हर एक मिट्टी मुझे याद दिलाती है कि हम सभी इस संगीत में एक साथ हैं। जब मैं गरीबों की मदद करता हूँ, मैं उनके साथ एक साथियों की भावना महसूस करता हूँ।"

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमारी संघर्षों और गरीबी के बावजूद, हम अपनी सोच और सामर्थ्य से किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। हम छोटे कदमों से शुरुआत करके गरीबों की मदद कर सकते हैं और उन्हें उनके सपनों की पूर्ति के लिए प्रेरित कर सकते हैं।


कहानी no - 3

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम राहुल था। राहुल गरीब था, लेकिन उसकी मेहनत और सोच ने उसको अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति दी।

राहुल का सपना था कि वह एक दिन अपने गाँव के गरीब बच्चों की मदद कर सके। वह जानता था कि गरीबी के कारण कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। लेकिन राहुल ने हार नहीं मानी और अपने मन में यह दृढ़ निश्चय लिया कि वह कुछ करेगा।

राहुल ने अपने गाँव के बच्चों के लिए एक मुफ्त शिक्षा केंद्र शुरू किया। वह दिन-रात मेहनत करता रहा, छोटे बच्चों को पढ़ाई की बुनाई करता रहा। उसकी मेहनत और संघर्ष ने उसको उसके सपने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की।

धीरे-धीरे, उसके केंद्र में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी और उनकी शिक्षा में सुधार हुआ। गाँव के लोग भी उसकी सेवाओं को सराहने लगे और उसकी प्रेरणा से उत्साहित होने लगे।

एक दिन, राहुल के केंद्र में एक अमीर व्यक्ति आया और उसने राहुल की मेहनत और संघर्ष की कहानी सुनी। वह व्यक्ति ने राहुल के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय सहायता की और उसकी मदद से राहुल ने अपने केंद्र को और भी बड़ा किया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि अगर हम अपने सपनों के पीछे ईमानदारी से और मेहनत से भाग रहे हैं, तो किसी भी परिस्थिति में हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों की मदद करने में भी सक्षम हो सकते हैं।


कहानी no - 4

एक गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम राजू था। उसका परिवार गरीब था लेकिन उसकी मां ने उसे हमेशा यह सिखाया कि किसी की मदद करना एक महत्वपूर्ण गुण है।

एक दिन, राजू ने गाँव के पास एक बुढ़िया को देखा, जो बहुत दुखी दिख रही थी। राजू ने उसके पास जाकर पूछा, "आप इतनी परेशान क्यों हैं, दादी मा?" बुढ़िया ने कहा, "मेरे पास खाने का कुछ नहीं है और मेरी सेहत भी ठीक नहीं है।"

राजू ने दिल से समझने की कोशिश की और फिर उसने खुद के कुछ खाने का हिस्सा बुढ़िया के साथ साझा किया। उसने भी बुढ़िया की सेहत के लिए कुछ औषधि लाई। थोड़ी देर बाद, बुढ़िया की आँखों में आंसू थे, लेकिन ये थे खुशियों के आंसू।

राजू ने उस दिन सीखा कि छोटे कदमों से भी हम दूसरों की जिन्दगी में बदलाव ला सकते हैं। उसने देखा कि छोटी सी मदद से भी किसी की जिन्दगी में सुधार हो सकता है। वह बड़े होकर भी गरीबों की मदद करने का आशा नहीं खोता और उसने एक गरीबी रहने वाले बच्चों की पढ़ाई में मदद करने का निर्णय लिया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हम छोटे कदमों से ही अपने आस-पास के लोगों की मदद कर सकते हैं और उन्हें गरीबों की मदद करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।


कहानी no - 5

एक बार की बात है, एक गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम राहुल था। राहुल गरीब था, लेकिन उसकी मां की देखभाल में उसने कभी हार नहीं मानी।

एक दिन, राहुल ने गाँव के स्कूल में अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक से पूछा, "सर, हम गरीबों की मदद कैसे कर सकते हैं?" उसके सर ने उसे एक बड़ी चुनौती दी - वह सोच सकता था कि गरीबों के लिए कैसे एक सुरक्षित स्थान बनाया जा सकता है?

राहुल ने अपनी सोच को काम में लिया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक सांविदानिक योजना बनाई। उन्होंने गाँव के खाली खुले जगह को साफ-सफाई किया और उसे एक सामुदायिक पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया।

राहुल और उसके दोस्तों ने अपने सांगठन के साथ मिलकर पुस्तकालय बनाने में कई महीने लगा दिए। वे लोगों से दान मांगकर बुक्स, शेल्व्स, और स्थान की सुविधा के लिए पैसे इकट्ठा करने लगे।

जब पुस्तकालय तैयार हो गया, तो वहाँ गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की सुविधा देने लगा। राहुल की मेहनत और संघर्ष ने गरीब बच्चों की जिन्दगी में बदलाव लाया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, हमारी सोच और मेहनत हमें मनजिल तक पहुँचा सकती है, और गरीबों की मदद करने में हमारा योगदान हमें अपनी दिशा में सशक्त कर सकता है।