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मेरी परेशानियां

नमस्ते मित्रों! 1-10-2023
मेरा नाम रविन्द्र है लेकिन लगभग सभी लोग मुझे रवि ही कहते हैं
मेरी उम्र 20 साल है और मैं राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में गाँव का रहने वाला हूँ आज मैं अपनी समस्याओं के बारे में विचार कर रहा था फिर सोचा क्यूँ ना इन्हें आपके साथ साझा किया जाये

मैं अपनी माँ का पहला पुत्र नहीं हूँ मुझसे पहले एक लङका और हुआ था लेकिन वो नहीं बच पाया डोक्टर ने बताया कि गर्भाशय में समस्या है उसके बाद मेरा जन्म हुआ लेकिन गर्भाशय की समस्या के कारण मुझे शारीरिक कमजोरियों का सामना करना पङा, मेरे बाद 2 लङके और हुए लेकिन वे भी नहीं बच सके

मेरा जन्म किसी अस्पताल में न होकर उस समय के हमारे घर एक झोपड़ी में हुआ था मेरी नानी मुझे बताती है कि तुम्हारे पिता मुझे लेने आये थे तब वो वहां गयीं थीं एक तरफ उनका गाङी से उतरना हुआ और दूसरी तरफ मेरा आगमन. जब मेरी दादी को बोला गया कि उन्हें नाभि से जुड़ी हुई नाल काटनी है तो उन्होंने साफ मना कर दिया. क्योंकि जब मैं छोटा था अत्यंत कुरुप था काला रंग कोमल और लचीला मोटा शरीर. फिर मेरी नानी ने एक पुरानी ब्लेड से उसे काटा. कुछ ही दिन बाद मेरी माँ मुझे लेकर एक खेजड़ी के नीचे बैठी अचानक ही मेरा शरीर पुरा हरा पङ गया जिसे देख कर मेरी माँ की हालत खराब हो गई कुछ उपचार करने के बाद मैं ठीक हुआ सब लोग उसे भैरव जी का दोष बताते हैं क्योंकि वह खेजड़ी उनका स्थान था उसके बाद मेरा शरीर हमेशा रोगग्रस्त ही रहा है
जब मैं कुछ बङा हुआ तब मुझे एक बीमारी हुई जिसे हमारे यहाँ बोदरी निकलना कहते हैं जिसके फलस्वरूप मेरे पेट पर काले निशान बन गये

जब मैं 5 वीं कक्षा में आया तब से मुझे एक और बीमारी ने पकड़ लिया "सर दर्द" ये इतना ज्यादा होता था कि मैं स्कूल ना के बराबर जा पाता था लेकिन मैं पढाई में बहुत तेज़ था शिक्षक मेरी तारीफ करते नहीं थकते थे मेरे इलाज के लिए मेरे पापा ने न जाने कहाँ कहाँ कोशिश की फिर जाकर आखिर में 3 साल बाद 8 वीं कक्षा में मैंने सर दर्द से छुटकारा पाया. लेकिन उसी साल मेरे पूजनीय दादाजी का स्वर्गवास हो गया जिनका हमारे पूरे परिवार पर सपोर्ट था उसी दौरान मुझे मिर्गी का दौरा पङ गया. इस समय तक मेरे पापा ने बस मेरे रोगों के इलाज के लिए 10 लाख से भी ज्यादा रुपये खर्च कर दिए थे.
जब मैंने 9 वीं कक्षा पूर्ण की उसी समय हमारे परिवार पर प्रबल आर्थिक घिराव का सामना करना पड़ा इसीलिए मुझे सरकारी स्कूल में एडमिशन लेना पङा अब मैं 10 वी कक्षा में आ चुका था यहाँ मुझे बहुत बुरी गेमिंग की लत लग चुकी थी और मुझे मिर्गी दूसरा दौराक पङ गया जिससे मेरे अध्ययन पर अत्यंत गहरा असर पड़ा और मुझे बस 56% मिले मेरा रिएक्शन कुछ ऐसा था=😳 फिर मैंने पढाई दुबारा शुरू की लेकिन 12 वीं में प्रोमोट हो गया 84% के साथ (कोरोना) . अब हमारी आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो चुकी थी जहाँ पहले हम ट्यूब वेल के मालिक थे और लाखों का कारोबार था मजदूरी पर आ गए. लाखों का कर्ज हो गया इस सब को देखकर मेरे पापा बहूत ज्यादा शराब पीने लगे

मैं और मेरा चचेरा भाई सरकारी कोलेज के एडमिशन के लिए कोशिश करने लगे डोक्युमेन्ट वेरिफिकेशन कराने गये तो उस दिन मुझे मिर्गी का तीसरा दौरा पङ गया उसके बाद फिर से दवाईया लीं जो मैंने 3 साल लेने के बाद बन्द कर दी थी अब मुझे 5 साल होने वाले हैं दवाई लेते हुए.

फिर मुझे पता चला कि मुझे पेकटस एक्सकेवेटम है जिसके कारण 20 साल की उम्र में भी मेरा सीना बस 26-28 इंच का ही है दिखने में भी मैं बहुत ही दुबला पतला हूँ

अभी मैं 2nd year कर रहा हूँ मेरे पिता शराबी हैं जो सुबह 1 बोतल और शाम को 1 बोतल पीते हैं , मेरी माँ बीमार सी रहतीं हैं, मुझे कोई जोब करने की इच्छा होती है लेकिन मेरी मिर्गी की दिक्कत के कारण मुझे जाने नहीं देते, अपने शरीर की अजीब सी इस बनावट को देखकर मुझे खुद पर घिन्न आती है और अपनी आनेवाली मैरिड लाइफ के बारे में सोचकर तनाव बना रहता है
जब कभी मुझे ज्यादा टेन्शन होती है तो मैं नींद की गोली खा कर सो जाता हूँ

किसी को यदि पेक्टस एक्सकेवेटम देखना हो तो बता देवें

मैंने अपनी समस्याओं को बहुत ही कम शब्दों में बताने का प्रयास किया है आशा करता हूँ कि आप दुआ करेंगे......